वित्त मंत्रालय ने Swiss Banks में भारतीयों की जमा राशि बढ़ने की रिपोर्ट्स का किया खंडन, जानिए क्या कहा

Swiss Banks मंत्रालय ने कहा कि शुक्रवार को मीडिया में कई ऐसी रिपोर्ट्स प्रकाशित हुईं जिनमें कहा गया कि स्विस बैंकों में जमा भारतीयों का पैसा साल साल 2020 के अंत तक बढ़कर 20700 करोड़ रुपये हो गया है जो साल 2019 के अंत तक 6625 करोड़ रुपये था।

By Pawan JayaswalEdited By: Publish:Sat, 19 Jun 2021 09:53 AM (IST) Updated:Sun, 20 Jun 2021 09:31 AM (IST)
वित्त मंत्रालय ने Swiss Banks में भारतीयों की जमा राशि बढ़ने की रिपोर्ट्स का किया खंडन, जानिए क्या कहा
काले धन पर वित्त मंत्रालय का आया बयान P C : Pixabay

नई दिल्ली, बिजनेस डेस्क। वित्त मंत्रालय ने स्विट्जरलैंड में भारतीयों द्वारा रखे गए कथित काले धन पर हाल ही में प्रकाशित समाचार मीडिया रिपोर्ट्स का खंडन किया है। मंत्रालय ने शनिवार को ट्वीट कर यह बात कही। मंत्रालय ने कहा कि स्विस बैंकों में जमा राशि में वृद्धि या कमी को सत्यापित करने के लिए स्विस अधिकारियों से सूचना मांगी गई है।

✅Finance Ministry refutes News media reports of alleged black money held by Indians in Switzerland

✅Information sought from Swiss Authorities to verify increase/decrease of deposits

Read more➡️ https://t.co/W1fKhlh7LR" rel="nofollow

(1/6) pic.twitter.com/tPUOciARJR— Ministry of Finance (@FinMinIndia) June 19, 2021

मंत्रालय ने प्रेस रिलीज जारी कर कहा कि शुक्रवार को मीडिया में कई ऐसी रिपोर्ट्स प्रकाशित हुईं, जिनमें कहा गया कि स्विस बैंकों में जमा भारतीयों का पैसा साल साल 2020 के अंत तक बढ़कर 20,700 करोड़ रुपये हो गया है, जो साल 2019 के अंत तक 6,625 करोड़ रुपये था। मीडिया रिपोर्ट्स में कहा गया कि दो साल से गिरावट के ट्रेंड के उलट इस दौरान स्विस बैंकों में जमा भारतीयों के धन में बढ़ोत्तरी हुई है। मीडिया रिपोर्ट्स में यह भी कहा गया कि यह पिछले 13 साल में जमा का सबसे बड़ा आंकड़ा है।

मंत्रालय ने आगे कहा कि मीडिया रिपोर्ट्स इस तथ्य की ओर इशारा करती हैं कि रिपोर्ट किए गए आंकड़े बैंकों द्वारा स्विस नेशनल बैंक (SNB) को बताए गए आधिकारिक आंकड़े हैं और वे स्विट्जरलैंड में भारतीयों द्वारा रखे गए कथित काले धन की मात्रा का संकेत नहीं देते हैं। इसके अलावा, इन आंकड़ों में वह पैसा शामिल नहीं है, जो भारतीयों, एनआरआई या अन्य लोगों के पास स्विस बैंकों में तीसरे देश की संस्थाओं के नाम पर हो सकता है।

मंत्रालय ने आगे कहा, 'हालांकि, ग्राहकों द्वारा जमा की गई राशि वास्तव में साल 2019 के आखिर से घटी है। प्रत्ययी संस्थाओं के माध्यम से रखा गया धन भी 2019 के आखिर से आधे से अधिक रह गया है। सबसे बड़ी वृद्धि "ग्राहकों से बकाया अन्य राशि" में है। ये बांड, प्रतिभूतियों और विभिन्न अन्य वित्तीय इंस्ट्रूमेंट्स के रूप में हैं।'

मंत्रालय ने विज्ञप्ति में आगे बताया, 'बता दें कि भारत और स्विटजरलैंड कर मामलों में पारस्परिक प्रशासनिक सहायता पर बहुपक्षीय सम्मेलन (MAAC) के हस्ताक्षरकर्ता हैं और दोनों देशों ने बहुपक्षीय सक्षम प्राधिकरण समझौते (MCAA) पर भी हस्ताक्षर किए हैं, जिसके अनुसार दोनों देशों के बीच कैलेंडर वर्ष 2018 से ही सालाना वित्तीय खाते की जानकारी साझा करने के लिए सूचना का स्वत: आदान-प्रदान ( AEOI) हो रहा है।'

मंत्रालय ने कहा, 'दोनों देशों के निवासियों के संबंध में वित्तीय खाते की जानकारी का आदान-प्रदान साल 2019 और 2020 में भी हुआ है। वित्तीय खातों की जानकारी के आदान-प्रदान के लिए मौजूदा कानूनी व्यवस्था को देखने पर (जिसका विदेशों में अघोषित संपत्ति के जरिए कर चोरी पर महत्वपूर्ण निवारक प्रभाव है) स्विस बैंकों में जमा में वृद्धि की कोई महत्वपूर्ण संभावना नहीं दिखती है।'

गौरतलब है कि कांग्रेस ने शुक्रवार को स्विस बैंकों में भारतीयों की जमा राशि बढ़ने की रिपोर्ट्स पर सरकार को घेरा था। पार्टी ने शुक्रवार को कहा था कि सरकार श्वेत पत्र लाकर देशवासियों को बताए कि यह पैसा किनका है और विदेशी बैंकों में जमा कालेधन को वापस लाने के लिए क्या कदम उठाए जा रहे हैं?

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