वित्त मंत्री ने 600 से अधिक मकान खरीदारों को सौंपी उनके Dream Home की चाबी, केंद्र की मदद से पूरे हो रहे फंसे हुए प्रोजेक्ट्स
वर्ष 2019 में स्पेशल विंडो फॉर अफोर्डेबल एंड मिड इनकम हाउसिंग (SWAMIH) योजना शुरू हुई थी। इस स्कीम के तहत मुंबई स्थित रिवाली पार्क में तैयार होने वाली पहली आवासीय परियोजना में फ्लैट बुक करने वाले 640 खरीदारों को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने गुरुवार को चाबी सौंपी।
नई दिल्ली, जागरण ब्यूरो। विभिन्न कारणों से अटकी पड़ी आवासीय परियोजनाओं को पूरा करने के लिए दो वर्ष पहले वित्त मंत्रालय द्वारा किया गया प्रयास रंग लाने लगा है। मंत्रालय ने अटकी पड़ी आवासीय परियोजनाओं को पूरा करने के लिए वर्ष 2019 में स्पेशल विंडो फॉर अफोर्डेबल एंड मिड इनकम हाउसिंग (SWAMIH) योजना शुरू की थी। इस स्कीम के तहत मुंबई स्थित रिवाली पार्क में तैयार होने वाली पहली आवासीय परियोजना में फ्लैट बुक करने वाले 640 खरीदारों को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने गुरुवार को चाबी सौंपी। सीतारमण ने इस मौके पर कहा कि स्वामीह फंड से मकान के लिए कर्ज लेने वाले उन 1.16 लाख खरीदारों को फायदा होगा जिनकी आवासीय परियोजनाएं किसी न किसी कारण से निर्माण के अंतिम चरण में अटक गई थीं।
स्वामीह फंड के तहत 1,500 अटकी पड़ी आवासीय परियोजनाओं को पूरा करने के लिए 25,000 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है। इस फंड का प्रबंधन एसबीआइ कैप वेंचर्स लिमिटेड कर रही है और इस स्कीम को वित्त मंत्रालय के आर्थिक कार्य विभाग की निगरानी में चलाया जा रहा है। ये परियोजनाएं पहले से दो-तिहाई तैयार थीं, लेकिन आखिरी चरण में फंड के अभाव में अटक गई थी। ✅Government of India’s Special Window Completes First Residential Project ✅FM Smt. @nsitharaman hands over possession to homebuyers through virtual meet Read more➡️ https://t.co/h5Zu7F94BR" rel="nofollow#ReformsAndGrowth #SWAMIH pic.twitter.com/wC0jeqwWEo— Ministry of Finance (@FinMinIndia) May 13, 2021
वित्त मंत्री ने वर्ष वर्ष 2019 के दौर को याद करते हुए कहा कि उस समय रियल एस्टेट सेक्टर काफी दबाव में था और बैंक इस सेक्टर की कई कंपनियों को ताजा कर्ज देने की स्थिति में नहीं थे। वित्त मंत्री ने कहा कि जिस मकान के लिए लोगों ने वर्षो तक इंतजार किया, लॉकडाउन जैसे मुश्किल दौर में उसकी चाबी पाकर उन्हें बेहद खुशी हो रही है। स्वामीह स्कीम के तहत 72 परियोजनाओं को 6,995 करोड़ रुपये की फंडिंग मिल चुकी है। इन 72 परियोजनाओं में 44,115 फ्लैट हैं।