वित्त मंत्री ने उद्योग जगत को दिया केंद्र के समर्थन का भरोसा, वेट एंड वाच की नीति अपनाने को कहा

कोरोना से प्रभावित उद्योग जगत को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने सरकारी समर्थन का भरोसा दिया है। उन्होंने उद्योग जगत से हालात का मूल्यांकन करने के लिए इंतजार और निगरानी (वेट एंड वाच) की नीति अपनाने के लिए कहा है।

By Ankit KumarEdited By: Publish:Thu, 22 Apr 2021 09:32 AM (IST) Updated:Thu, 22 Apr 2021 02:42 PM (IST)
वित्त मंत्री ने उद्योग जगत को दिया केंद्र के समर्थन का भरोसा, वेट एंड वाच की नीति अपनाने को कहा
वित्त मंत्री उद्योग जगत को देशव्यापी लाकडाउन नहीं लगाने का भी भरोसा दे चुकी हैं।

नई दिल्ली, जागरण ब्यूरो। कोरोना से प्रभावित उद्योग जगत को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने सरकारी समर्थन का भरोसा दिया है। उन्होंने उद्योग जगत से हालात का मूल्यांकन करने के लिए इंतजार और निगरानी (वेट एंड वाच) की नीति अपनाने के लिए कहा है। उन्होंने कहा कि महामारी को रोकने के लिए सरकार के उपायों से हमें सकारात्मक बदलाव की उम्मीद करनी चाहिए। सीतारमण ने कहा कि हम चाहते हैं कि उद्योग जगत इन परिस्थितियों पर बारीक नजर रखे। इस महामारी के खिलाफ लड़ाई में सरकार और उद्योग जगत साथ हैं।  

उद्योग संगठन फिक्की के साथ वर्चुअल बैठक में सीतारमण ने कहा कि इस तिमाही के मूल्यांकन से पहले कुछ और दिन काफी सावधानी पूर्वक परिस्थितियों को भांप लें। उन्होंने कहा कि कोरोना की शुरुआत से ही हॉस्पिटेलिटी, उड्डयन, पर्यटन व होटल जैसे क्षेत्र बड़ी कठिनाइयों का सामना कर रहे हैं। इसलिए सरकार ने इमरजेंसी क्रेडिट लाइन गारंटी स्कीम में इन सेक्टर को भी शामिल कर दिया है।

वित्त मंत्री ने उद्योग जगत से कहा कि ऑक्सीजन की मेडिकल मांग पूरी होते ही औद्योगिक इकाइयों को भी ऑक्सीजन की सप्लाई शुरू हो जाएगी। इससे पहले वित्त मंत्री उद्योग जगत को देशव्यापी लाकडाउन नहीं लगाने का भी भरोसा दे चुकी हैं। दूसरी तरफ उद्योग जगत ने भी सरकार को कोरोना काल में साथ का भरोसा दिया। उद्योग जगत ने वित्त मंत्री से एमएसएमई का विशेष ध्यान रखने की गुजारिश की।

ई-कॉमर्स के लिए जरूरी वस्तुओं की परिभाषा होगी तय

समाचार एजेंसी पीटीआइ ने सूत्रों के हवाले से बताया है कि सरकार जल्द ही ई-कॉमर्स कंपनियों द्वारा सप्लाई की जाने वाली जरूरी और गैरजरूरी वस्तुओं को परिभाषित करेगी। फिक्की के साथ बैठक में वित्त मंत्री ने इस संबंध में राज्यों के स्तर पर अनियमितता दूर करने का भरोसा दिया है। उन्होंने इस विषय को मंत्री समूह के समक्ष रखने की बात कही है। वित्त मंत्रालय और फिक्की की ओर से इस पर कोई टिप्पणी नहीं आई है।

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