दूसरी लहर के बाद भी दोहरे अंकों में रहेगी विकास दर, ज्यादा अनिश्चितता का सामना करने के लिए रहना होगा तैयार: नीति आयोग
कोरोना की दूसरी लहर से ज्यादा अनिश्चितता का सामना करने के लिए देश को तैयार रहना होगा। यह अनिश्चितता उपभोक्ताओं और निवेशकों दोनों के सेंटीमेंट में देखी जा सकती है। हालांकि इस लहर का सामना करने के बाद भी आर्थिक विकास की दर दोहरे अंकों में बनी रहेगी।
नई दिल्ली, पीटीआइ। कोरोना की दूसरी लहर से ज्यादा अनिश्चितता का सामना करने के लिए देश को तैयार रहना होगा। यह अनिश्चितता उपभोक्ताओं और निवेशकों दोनों के सेंटीमेंट में देखी जा सकती है। हालांकि, इस लहर का सामना करने के बाद भी आर्थिक विकास की दर दोहरे अंकों में बनी रहेगी। नीति आयोग के उपाध्यक्ष राजीव कुमार ने रविवार को यह बात कही।
राजीव कुमार ने कहा, 'देश कोरोना को हराने के कगार पर था, लेकिन ब्रिटेन व अन्य देशों से कुछ नए स्ट्रेन के कारण इस बार स्थिति ज्यादा मुश्किल हो गई है। सर्विस सेक्टर व ऐसे ही कुछ सेक्टर पर सीधे प्रभाव के साथ-साथ दूसरी लहर से आर्थिक माहौल में अनिश्चितता बढ़ेगी। हमें इसके लिए तैयार रहना होगा।'
सरकार की ओर से नए राहत पैकेज के सवाल पर उन्होंने कहा कि वित्त मंत्रालय द्वारा दूसरी लहर के प्रत्यक्ष एवं परोक्ष प्रभाव के आकलन के बाद इस पर कोई फैसला होगा। राजीव कुमार ने कहा, 'आपने आरबीआइ की प्रतिक्रिया देखी है। अर्थव्यवस्था में विस्तार की नीतियां जारी हैं। मुझे भरोसा है कि सरकार भी जब और जहां जरूरत होगी, वित्तीय राहत के कदम उठाएगी।'
नीति आयोग के उपाध्यक्ष ने मौजूदा चुनौतियों के बावजूद 2021-22 में 11 फीसद के आसपास विकास दर रहने का अनुमान जताया है। अपनी पिछली नीतिगत समीक्षा में आरबीआइ ने विकास दर 10.5 फीसद रहने का अनुमान जताया है। वहीं, फरवरी में आर्थिक सर्वेक्षण में सरकार ने 11 फीसद की विकास दर का अनुमान दिया था। आधिकारिक अनुमानों के मुताबिक, वित्त वर्ष 2020-21 में अर्थव्यवस्था में आठ फीसद की गिरावट आई है।