ईंधन खपत में झलक रही इकोनॉमी की रिकवरी, देश में ईंधन की खपत कोरोना-पूर्व स्तर पर पहुंची
मार्च 2020 में देशव्यापी लॉकडाउन की घोषणा के बाद ईंधन की खपत 45.8 फीसद गिर गई थी। हालांकि लॉकडाउन में आंशिक राहत की शुरुआत के बाद से ईंधन की मांग ने भी जोर पकड़ा। इसके चलते पहले पेट्रोल और अब डीजल की मांग कोरोना-पूर्व के स्तर को छू गई है।
नई दिल्ली, पीटीआइ। देश में ईंधन की खपत कोरोना-पूर्व के स्तर पर पहुंच गई है। सिर्फ विमान ईंधन यानी एटीएफ की खपत का स्तर अभी कोरोना-पूर्व दौर में नहीं पहुंचा है। इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन (आइओसी) के चेयरमैन श्रीकांत माधव वैद्य ने कहा कि एटीएफ को छोड़कर बाकी ईंधन की मांग कोरोना-पूर्व के स्तर पर जा पहुंची है। उनके मुताबिक पेट्रोल की मांग कुछ महीने पूर्व ही कोरोना-पूर्व स्तर पर थी और मार्च के पहले पखवाड़े में डीजल की मांग भी पिछले वर्ष समान अवधि के मुकाबले 7.4 फीसद बढ़ी है। इसे आर्थिक गतिविधियों में तेजी से जोड़कर देखा जा सकता है।
पिछले वर्ष मार्च में देशव्यापी लॉकडाउन की घोषणा के बाद ईंधन की खपत 45.8 फीसद गिर गई थी। हालांकि, लॉकडाउन में आंशिक राहत की शुरुआत के बाद से ईंधन की मांग ने भी जोर पकड़ा। इसके चलते पहले पेट्रोल और अब डीजल की मांग कोरोना-पूर्व के स्तर को छू गई है। वैद्य ने कहा कि अगले तीन-चार महीनों में एटीएफ की मांग भी पिछले स्तर पर पहुंच जाने की उम्मीद बंधी है।
आइओसी के मुताबिक, मार्च के पहले पखवाड़े में डीजल की मांग 28.4 लाख टन रही। वहीं, पेट्रोल की मांग भी पिछले वर्ष समान अवधि के मुकाबले 5.3 फीसद बढ़कर 10.5 लाख टन पर पहुंच गई। पिछले वर्ष अक्टूबर के बाद पहली बार पेट्रोल की मांग सालाना आधार पर बढ़ी है। उल्लेखनीय है कि तेल उत्पादक एवं निर्यातक देशों के संगठन ओपेक ने पिछले सप्ताह अपनी मासिक रिपोर्ट में भारत में इस वर्ष ईंधन की मांग 13.6 फीसद उछाल के साथ 49.9 लाख बैरल प्रतिदिन रहने का अंदाजा लगाया था।
तीन वर्षो में ईवी की मांग दोगुने से ज्यादा
पिछले तीन वर्षो में इलेक्टि्रक वाहनों (ईवी) की मांग दोगुना से अधिक हो गई है। भारी उद्योग राज्यमंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने मंगलवार को लोकसभा में कहा कि ई-वाहन पोर्टल के मुताबिक वित्त वर्ष 2017-18 के दौरान देश में 69,012 यूनिट ईवी की बिक्री हुई थी। वित्त वर्ष 2018-19 में यह बढ़कर 1,43,358 यूनिट और वित्त वर्ष 2019-20 में 1,67,041 यूनिट पर जा पहुंची। इसमें दोपहिया, तीन पहिया और बसें भी शामिल हैं। इसमें से भी दोपहिया ईवी की बिक्री में अच्छी बढ़ोतरी देखी गई है।