भारतीय अर्थव्यवस्था टिकाऊ सुधार की राह पर, कई सकारात्मक कदम उठाए गए: RBI

इस लेख के मुताबिक अब आवाजाही तेजी से बढ़ रही है नौकरियों का बाजार फिर से सज रहा है और समग्र आर्थिक गतिविधियां मजबूती की राह पर हैं। लेख कहता है ‘‘कुल मौद्रिक एवं ऋण परिस्थितियां एक टिकाऊ आर्थिक सुधार के लिए अनुकूल बनी रह सकती हैं।’’

By NiteshEdited By: Publish:Mon, 15 Nov 2021 10:34 PM (IST) Updated:Mon, 15 Nov 2021 10:34 PM (IST)
भारतीय अर्थव्यवस्था टिकाऊ सुधार की राह पर, कई सकारात्मक कदम उठाए गए: RBI
Economy on durable path of recovery says RBI article

नई दिल्ली, पीटीआइ। भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने अपने एक बुलेटिन में कहा है कि भारतीय अर्थव्यवस्था अनुकूल मौद्रिक एवं ऋण परिस्थितियों के दम पर एक टिकाऊ सुधार की राह पर है। आरबीआई ने अर्थव्यवस्था की हालत पर सोमवार को जारी अपने नवंबर बुलेटिन में कहा कि वैश्विक स्तर के विपरीत हालात के बावजूद भारतीय अर्थव्यवस्था टिकाऊ सुधार की राह पर है। इसके मुताबिक, घरेलू स्तर पर कोविड महामारी के मोर्चे पर कई सकारात्मक कदम उठाए गए हैं।

आरबीआई बुलेटिन के मुताबिक, भारतीय अर्थव्यवस्था खुद को वैश्विक हालात से साफतौर पर अलग करती जा रही है जो आपूर्ति गतिरोधों, बढ़ती मुद्रास्फीति और कुछ हिस्सों में फिर से संक्रमण बढ़ने से बेहाल है।

इस लेख के मुताबिक, अब आवाजाही तेजी से बढ़ रही है, नौकरियों का बाजार फिर से सज रहा है और समग्र आर्थिक गतिविधियां मजबूती की राह पर हैं। लेख कहता है, ‘‘कुल मौद्रिक एवं ऋण परिस्थितियां एक टिकाऊ आर्थिक सुधार के लिए अनुकूल बनी रह सकती हैं।’’

पूंजी बाजारों के संदर्भ में कहा गया है कि भारतीय शेयर बाजार ने इस साल अब तक तमाम बड़े सूचकांकों को पीछे छोड़ा है। हालांकि बाजार में हुए जोरदार फायदे ने मूल्यांकन को भी हद से ज्यादा बढ़ा दिया है। इसकी वजह से वैश्विक वित्तीय सेवा फर्में थोड़ी सजग हो गई हैं।

आरबीआई ने इस बुलेटिन में यह साफ किया है कि इसमें व्यक्त विचार लेखकों के हैं, उसके विचारों का अनिवार्य तौर पर प्रतिनिधित्व नहीं करते हैं।

रिजर्व बैंक यूनियन की वेतन संशोधन में देरी को लेकर 30 नवंबर को सामूहिक अवकाश की चेतावनी

भारतीय रिजर्व बैंक के अधिकारियों और कर्मचारियों ने वेतन संशोधन में देरी के विरोध में 30 नवंबर को सामूहिक आकस्मिक अवकाश पर जाने की चेतावनी दी है। केंद्रीय बैंक के अधिकारियों और कर्मचारियों के यूनाइटेड फोरम ने गवर्नर शक्तिकांत दास को भी पत्र लिखकर मामले में हस्तक्षेप करने का अनुरोध किया है। फोरम ने एक बयान में कहा, ‘‘पिछले चार साल या उससे अधिक समय से लंबित कर्मचारियों के वेतन संशोधन जैसे अत्यधिक संवेदनशील मामले पर केंद्रीय बैंक की मनमानी का कड़ा विरोध करने के अलावा हमारे पास कोई विकल्प नहीं है।’’

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