महानगरों, छोटे शहरों, गांवों से रिटेल और थोक बाजार में भी हो रहा है ई-कॉमर्स का विस्तार

Dainik Jagran की तरफ से आयोजित MSME Growth Conclave पर वेबिनार हुई। इसमें खुलासा हुआ कि हरियाणा में MSME (सूक्ष्म लघु और मध्यम उद्यम) के उत्पादों को वैश्विक स्तर पर पहचान दिलाने के लिए प्रदेश सरकार ई-कॉमर्स (E-Commerce) प्लेटफार्म को जरिया बनाएगी।

By Ashish DeepEdited By: Publish:Sat, 20 Nov 2021 12:05 PM (IST) Updated:Sun, 21 Nov 2021 07:27 AM (IST)
महानगरों, छोटे शहरों, गांवों से रिटेल और थोक बाजार में भी हो रहा है ई-कॉमर्स का विस्तार
वेबिनार में उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला ने दिखाया रोडमैप।

नई दिल्‍ली, बिजनेस डेस्‍क। Dainik Jagran की तरफ से आयोजित MSME Growth Conclave वेबिनार में उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला ने दिखाया रोडमैप। कहा-एमएसएमई के उत्थान के लिए खड़ा हो रहा ढांचा, समय पर भुगतान और बैंक क्रेडिट डिफाल्ट नहीं होने की गारंटी देंगे। हरियाणा में MSME (सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम) के उत्पादों को वैश्विक स्तर पर पहचान दिलाने के लिए प्रदेश सरकार ई-कॉमर्स (E-Commerce) प्लेटफार्म को जरिया बनाएगी। इसके लिए पिछले एक साल में ई-कॉमर्स (E-Commerce) कंपनियों Flipkart, Amazon, Ebay, Power2SME, Trade India.com के साथ समझौते किए गए हैं। ऑनलाइन प्लेटफॉर्म मिलने से गांवों और छोटे शहरों में तैयार किए जा रहे उत्पाद अंतरराष्ट्रीय बाजार में अपनी जगह बना रहे हैं।

उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला ने बृहस्पतिवार को Dainik Jagran द्वारा आयोजित MSME Growth Conclave वेबिनार में यह बात कही। चौटाला के पास उद्योग एवं वाणिज्य विभाग तथा श्रम एवं रोजगार विभाग भी है। ई-कॉमर्स (E-Commerce) कंपनियों के प्रतिनिधियों के साथ ही बड़ी संख्या में छोटे और मंझोले उद्यमी वेबिनार से जुड़े और विशेषज्ञों की राय जानी। इस दौरान Flipkart ग्रुप के चीफ कारपोरेट अफेयर्स ऑफिसर रजनीश कुमार, पीएचडी चेंबर आफ कामर्स के चीफ इकोनॉमिस्ट डा. एसपी शर्मा और विवाती ऑनलाइन के टिंकू मल्होत्रा ने ई-कॉमर्स की चुनौतियों और MSME उद्योगों के लिए ई-कॉमर्स (E-Commerce) के जरिये व्यापार के विस्तार पर अपनी बात रखी।

उपमुख्यमंत्री द़ुष्यंत चौटाला ने वेबिनार की शुरुआत करते हुए कहा कि प्रदेश सरकार ने छोटे और मध्यम उद्योगों को बेहतर मंच प्रदान करने के लिए कई पहल शुरू की है। MSME के उत्थान के लिए आधारभूत ढांचा खड़ा किया जा रहा है। एक साल में 200 से अधिक छोटी कंपनियों को एक्सपोर्ट हाउस से जोड़कर ग्लोबल इंफ्रास्ट्रक्चर दिया है। साथ ही बड़ी कंपनियों के जरिये उन्हें समय पर भुगतान की गारंटी और बैंक क्रेडिट डिफाल्ट नहीं होने का भरोसा दिलाया है। बड़ी कंपनियों की मदद से छोटे उद्यमियों को शिपिंग, पैकेजिंग की ट्रेनिंग दी जा रही है। 'हरियाणा उद्यम मेमोरेंडम पोर्टल से सरकार को पूरी जानकारी है कि किस कंपनी में कितने कर्मचारी हैं। इनमें कितने स्किल्ड हैं और कितने अनस्किल्ड। उन्होंने कहा कि रोजगार अधिनियम से प्रदेश के युवाओं के रोजगार के अवसर बढ़ेंगे।

दुनिया भर में दे सकते हैं कारोबार को विस्तार: शर्मा

पीएचडी चेंबर आफ कॉमर्स के चीफ इकोनॉमिस्ट डाक्टर एसपी शर्मा कहते हैं कि ई-कॉमर्स (E-Commerce) के जरिए MSME अपने कारोबार को देश-दुनिया तक विस्तार दे सकते हैं। देश में छह करोड़ MSME हैं। MSME की देश की अर्थव्यवस्था में 32 फीसद हिस्सेदारी है। इसे अगले पांच साल में 50 फीसद पर ले जाने के लिए MSME को ई-कॉमर्स (E-Commerce) प्लेटफार्म अपनाना होगा। ई-कॉमर्स (E-Commerce) प्लेटफार्म ने डिजिटल बाजार में क्रांति ला दी है। सरकार देश में रोजगार के संसाधन बढ़ाने के लिए प्रयत्न कर रही है। यदि छह करोड़ MSME एक भी मैनपावर ई-कॉमर्स (E-Commerce) प्लेटफार्म के लिए रखती है तो एक साथ छह करोड़ रोजगार सृजित होते हैं। कोरोना वायरस की महामारी के दौरान ई-कॉमर्स (E-Commerce) प्लेटफार्म लोगों के लिए जरूरत बन गया है। शर्मा का कहना है कि ई-कॉमर्स (E-Commerce) से जुड़ने वालों को सरकारी सहायता मिलनी चाहिए। इसमें सबसे अहम है बैंक ऋण देने में उदारीकरण नीति अपनाएं, ताकि MSME, रिटेलर और थोक विक्रेता के समक्ष वित्त संबंधी समस्या पैदा न हो। सरकार की अनेक ऐसी योजनाएं हैं जिनके प्रति जागरूकता से MSME को सहयोग मिल सकता है।

किसान भी अपने उत्पाद बिक्री के लिए अपनाएं ई-कामर्स

Flipkart ग्रुप के चीफ कॉर्पोरेट अफेयर्स ऑफिसर रजनीश कुमार के अनुसार ई-कॉमर्स (E-Commerce) ऐसा प्लेटफॉर्म है जिसको महानगर, नगर और कस्बों के कारोबारियों के अलावा किसान भी अपना सकते हैं। अभी तक उनके पास अपना उत्पादन बेचने के लिए स्थानीय मंडी ही एक विकल्प है, लेकिन किसान ई-कॉमर्स (E-Commerce) प्लेटफार्म को अपनाते हैं तो उनके पास देश-दुनिया के किसी भी हिस्से में अपना उत्पाद बेचने का अवसर मिल जाता है। इससे किसानों की आमदनी बढ़ेगी। ई-कॉमर्स (E-Commerce) प्लेटफॉर्म पर ग्राहकों की जरूरत का फीडबैक भी मिलता है। इससे किसानों को लोगों की जरूरत के बारे में ज्ञान होगा। किसान लोगों की मांग के अनुरूप भी अपने उत्पादन में बदलाव कर सकते हैं। Flipkart की तरफ से उत्पादन कर गुणवत्ता और इसकी मार्केट के लिए प्रशिक्षण भी दिया जाता है। हरियाणा में राज्य सरकार के सहयोग से महिलाओं के स्वयं सहायता समूहों को क्वालिटी, पैकेजिंग, वित्त आयोजन संबंधी प्रशिक्षण दिया जा रहा है। Flipkart यह भी व्यवस्था करता है कि छोटे उद्यम की किसी बड़े उद्यम के साथ साझेदारी करवा दी जाए।

रिटेल से थोक कारोबार में भी पहुंच रहा ई-कॉमर्स (E-Commerce)

विवाती ऑनलाइन, पानीपत के टिंकू मल्होत्रा कहते हैं कि ई-कॉमर्स (E-Commerce) प्लेटफॉर्म पर काम करते हुए उनका अनुभव आठ साल का है। हमें उम्मीद नहीं थी कि ई-कॉमर्स (E-Commerce) प्लेटफार्म पर एक बार में कितना ऑर्डर मिल सकता है। इस प्लेटफॉर्म पर ग्राहकों की मांग सिर्फ एक शहर, क्षेत्र, प्रदेश या देश नहीं बल्कि पूरी दुनिया से मिलती है। इसमें कारोबार की बढ़ोतरी कल्पना से बाहर होती है। यहां सबसे बड़ी चुनौती यह रहती है कि ग्राहकों की मांग की आपूर्ति कैसे समयबद्ध हो। 2015 में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के डिजिटल इंडिया प्रोग्राम के बाद ई-कॉमर्स (E-Commerce) की उपयोगिता को बड़ा बूस्ट मिला है। कोरोना महामारी के बाद तो इसकी उपयोगिता समय की जरूरत बन गई है। अभी हमें लगता है कि यह केवल रिटेल बिजनेस तक ही सीमित है मगर जिस तरह Flipkart ग्रुप ने रिटेल के साथ थोक कारोबार भी शुरू किया है, इससे मार्केट में विक्रेता मिलेंगे। सरकारों के लिए ई-कॉमर्स (E-Commerce) प्लेटफॉर्म से न सिर्फ रोजगार बढ़ रहे हैं बल्कि कारोबारी इन्फ्रास्ट्रक्चर भी बढ़ रहा है।

chat bot
आपका साथी