कोरोना से ई-कॉमर्स इंडस्ट्री की रफ्तार हुई तेज, 2027 तक 200 बिलियन डॉलर का होगा मार्केटः रिपोर्ट

भारतीय ई-कॉमर्स इंडस्ट्री की मार्केट वैल्यू 2027 तक 200 बिलियन डॉलर तक पहुंच जाएगी। 2018 में इस इंडस्ट्री की मार्केट वैल्यू 50 बिलियन डॉलर पर थी। जर्मनी की मार्केट और कंज्यूमर डेटा फर्म Statista की एक हालिया रिपोर्ट में ऐसा कहा गया है।

By Ankit KumarEdited By: Publish:Wed, 04 Aug 2021 05:55 PM (IST) Updated:Wed, 04 Aug 2021 05:55 PM (IST)
कोरोना से ई-कॉमर्स इंडस्ट्री की रफ्तार हुई तेज, 2027 तक 200 बिलियन डॉलर का होगा मार्केटः रिपोर्ट
इस ट्रेंड के चलते कई डायरेक्ट-टू-कस्टमर (D2C) ब्रांड्स बाजार में प्रवेश कर चुके हैं।

नई दिल्ली, बिजनेस डेस्क। भारतीय ई-कॉमर्स इंडस्ट्री की मार्केट वैल्यू 2027 तक 200 बिलियन डॉलर तक पहुंच जाएगी। 2018 में इस इंडस्ट्री की मार्केट वैल्यू 50 बिलियन डॉलर पर थी। जर्मनी की मार्केट और कंज्यूमर डेटा फर्म Statista की एक हालिया रिपोर्ट में ऐसा कहा गया है। इस रिपोर्ट में कहा गया है कि देश की ई-कॉमर्स इंडस्ट्री तेज रफ्तार से आगे बढ़ रही है, खासकर कोविड-19 महामारी के आने के बाद। इस रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत में इंटरनेट यूज करने वालों की तादाद में वृद्धि, महामारी की स्थिति और उभरते डिजिटल इन्फ्रास्ट्रक्चर की वजह से ऐसे कंज्यूमर्स की संख्या भी बढ़ी है, जो प्रयोग करना चाहते हैं और ब्रांड्स के साथ सीधे इंगेज्मेंट को तरजीह देते हैं।

D2C के विभिन्न आयाम इस प्रकार हैंः

इस ट्रेंड के चलते कई डायरेक्ट-टू-कस्टमर (D2C) ब्रांड्स बाजार में प्रवेश कर चुके हैं। बाजार विश्लेषकों की अपेक्षाओं से इतर D2C ब्रांड्स का प्रभाव फूड एंड बेवरेज, ब्यूटी एंड पर्सनल केयर एवं लाइफस्टाइल जैसी श्रेणियों में देखने को मिल सकता है। ऐसे सभी ब्रांड्स की शिपिंग से जुड़ी जरूरतों को पूरा करने के लिए निंबसपोस्ट जैसे टेक्नोलॉजी पर आधारित लॉजिस्टिक्स कंपनियां अपने एडवांस्ड, ऑटोमेटेड शिपिंग प्लेटफॉर्म के साथ लगातार बढ़ती मांगों को पूरा करने का वादा करती हैं।

D2C ब्रांड्स के लिए चुनौतियां

भारत में उपभोक्ता आजकल कुछ श्रेणियों में कीमत से ज्यादा क्वालिटी ढूंढते हैं और यही चीज देश में D2C ब्रांड्स को सफल बना रही है। बोट, लेंसकार्ट, और ममाअर्थ जैसे D2C ब्रांड्स अपने क्वालिटी वाले प्रोडक्ट्स के कारण लोकप्रियता हासिल करने के कुछ उदाहरण हैं। एक तरह जहां D2C ब्रांड्स को अपनी क्वालिटी को बरकार रखना होता है। दूसरी ओर, इंवेंट्री मैनेजमेंट, एफिशिएंट ऑर्डर प्रोसेसिंग के साथ-साथ समय पर प्रोडक्ट्स को डिलिवर करने जैसी चुनौतियों का सामना करना पड़ता है। इसके लिए ये कंपनियां एडवांस्ड लॉजिस्टिक प्लेटफॉर्म की मदद लेती हैं।

ऐसे में कंपनियां ऐसे लॉजिस्टिक पार्टनर चुनती हैं जो देशभर में ज्यादा-से-ज्यादा पिन कोड्स तक उनके प्रोडक्ट्स डिलिवर करने में सक्षम हो। इन लॉजिस्टिक कंपनियों की बात की जाए तो निंबसपोस्ट की लॉजिस्टिक्स सेवाएं देश भर में 27000+ पिन कोड्स पर उपलब्ध हैं। इसके साथ ही ब्रांड्स को इस बात की सहूलियत मिल जाती है कि उन्हें किसी एक कुरियर पार्टनर पर निर्भर होने की आवश्यकता नहीं है क्यूंकि वे निंबसपोस्ट प्लेटफार्म पर 17 से ज्यादा प्रमुख कुरियर पार्टनर्स में से सबसे बेहतर चुन सकते हैं। साथ ही शिपिंग दर कैलकुलेटर का उपयोग करके, कंपनियां एक कुरियर पार्टनर चुन सकती है जो सबसे उचित कीमतों पर शिपिंग की पेशकश करता है। COD ऑर्डर की पुष्टि के लिए क्लाउड-कॉलिंग सुविधा एक और तरह की सुविधा प्रदान करता है।

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