ई-कामर्स कंपनियों की होगी निगरानी, नोडल अफसर किए जाएंगे नियुक्त, कानून की अवहेलना करने पर जुर्माना और सजा का है प्रावधान

पासवान ने बताया कि पहली बार कानून का उल्लंघन करने पर 25 हजार और दूसरी बार 50 हजार और तीसरी बार एक लाख रुपये अथवा एक साल की जेल की कैद की सजा का प्रावधान है।

By Manish MishraEdited By: Publish:Thu, 09 Jul 2020 07:17 PM (IST) Updated:Sat, 11 Jul 2020 05:53 PM (IST)
ई-कामर्स कंपनियों की होगी निगरानी, नोडल अफसर किए जाएंगे नियुक्त, कानून की अवहेलना करने पर जुर्माना और सजा का है प्रावधान
ई-कामर्स कंपनियों की होगी निगरानी, नोडल अफसर किए जाएंगे नियुक्त, कानून की अवहेलना करने पर जुर्माना और सजा का है प्रावधान

जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। उपभोक्ताओं के साथ हो रही नाइंसाफी को लेकर गंभीर हुई सरकार ने ई-कामर्स कारोबार पर सख्ती बरतने का फैसला किया है। ई-कामर्स कंपनियों को अपने उत्पाद के बारे में वेबसाइट पर सारी जानकारी प्रदर्शित करनी होगी। उपभोक्ता मामला मंत्रालय इसकी निगरानी के लिए नोडल अफसर नियुक्त करेगा। कानूनी प्रावधानों की अवहेलना करने वाली कंपनियों और वेबसाइटों पर सख्त कार्रवाई की जा सकती है। वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से पत्रकारों से बातचीत में केंद्रीय उपभोक्ता मामले व खाद्य मंत्री रामविलास पासवान ने हैरानी जताते हुए कहा 'इस तरह की गड़बड़ी करने वालों पर अंकुश पाने के लिए कानून तो है, लेकिन इसे लागू करने वाले अलग हैं।' उपभोक्ताओं की ओर से आने वाली शिकायतों के मद्देनजर इन पर कड़ाई करने की कार्रवाई शुरु कर दी गई है। 

पासवान ने बताया कि पहली बार कानून का उल्लंघन करने पर 25 हजार और दूसरी बार 50 हजार और तीसरी बार एक लाख रुपये अथवा एक साल की जेल की कैद की सजा का प्रावधान है। नियुक्त नोडल अफसर को एक पखवाड़े के भीतर अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत करनी होगी। ई-कामर्स पर बिकने वाली वस्तुओं के निर्माता देश, कंपनी और अन्य विवरण का विस्तृत ब्यौरा वेबसाइट पर दर्शाने के साथ वस्तु की पैकिंग पर दर्ज होना जरूरी है। 

पासवान ने कहा कि लगातार निर्देश के बावजूद कंपनियां इसकी अवहेलना कर रही हैं, जिन्हें अब बख्शा नहीं जाएगा। एक अन्य सवाल के जवाब में खाद्य मंत्री पासवान ने बताया कि प्रवासी मजदूरों को भी जुलाई और अगस्त में पांच किलो मुफ्त अनाज दिया जाएगा। यह प्रावधान बुधवार को हुई केंद्रीय कैबिनेट की बैठक में लिया गया। 

पासवान ने बताया कि आत्मनिर्भर भारत योजना में गैर राशन कार्ड वालों के लिए यह विशेष प्रावधान किया गया था। इसके तहत राज्यों को आठ लाख टन अनाज का आवंटन किया गया, जिसमें से अब तक 6.39 लाख टन अनाज का ही उठाव हो सका है। आश्चर्य जताते हुए पासवान ने कहा कि इसमे भी केवल 2.32 लाख टन अनाज ही वितरित किया जा सका है। इसलिए बचे हुए अनाज से इस मद में वितरण किया जा सकता है।

chat bot
आपका साथी