दूरसंचार विभाग ने GAIL और OIL का AGR बकाया छोड़ा, दोनों कंपनियों को 2.3 लाख करोड़ रुपये के बकाये का भेजा था नोटिस
सुप्रीम कोर्ट के 24 अक्टूबर 2019 के आदेश के बाद दूरसंचार विभाग ने गेल से 1.83 लाख करोड़ रुपये और ओआइएल से 48489 करोड़ रुपये की मांग की थी।
नई दिल्ली, पीटीआइ। दूरसंचार विभाग ने सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियों गेल इंडिया लि. और ऑयल इंडिया लि. (OIL) को एडजस्टेड ग्रॉस रेवेन्यू (AGR) बकाये के तौर पर भेजा गया 2.3 लाख करोड़ रुपये की मांग का नोटिस वापस ले लिया है। दोनों कंपनियों ने शेयर बाजार को यह जानकारी दी है। सुप्रीम कोर्ट के 24 अक्टूबर, 2019 के आदेश के बाद दूरसंचार विभाग ने गेल से 1.83 लाख करोड़ रुपये और ओआइएल से 48,489 करोड़ रुपये की मांग की थी। आदेश में सांविधिक बकाये की गणना में दूरसंचार कंपनियों के लाइसेंस शुल्क और स्पेक्ट्रम शुल्क जैसे गैर दूरसंचार राजस्व को शामिल करने को कहा गया था।
इसी मामले में सुनवाई के दौरान पिछले महीने सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि गैर दूरसंचार कंपनियों से एजीआर मामले में बकाये की मांग करना 'पूरी तरह से अनुचित' है। शीर्ष अदालत ने दूरसंचार विभाग से इस मांग पर पुनíवचार करने को कहा था। अब डीओटी ने इस मांग को वापस ले लिया है। गेल ने बताया कि उसे 14 जुलाई का दूरसंचार विभाग का पत्र मिला है, जिसमें इस मद में जारी सभी मांग नोटिस को वापस लेने की जानकारी दी गई है। अब गेल के ऊपर दूरसंचार विभाग का कुछ भी बकाया नहीं है।
ओआइएल ने शेयर बाजारों को दी गई सूचना में बताया कि उसे 13 जुलाई की तारीख का दूरसंचार विभाग का पत्र मिला। इसमें 48,489.26 करोड़ रुपये की मांग को लेकर जारी नोटिस वापस लेने की बात कही गई है। बुधवार को पावरग्रिड कॉरपोरेशन ने भी दूरसंचार विभाग की ओर से इस संबंध में मांग का नोटिस वापस लिए जाने की जानकारी दी थी। पावरग्रिड से एनएलडी लाइसेंस फीस के मद में दूरसंचार विभाग ने 13,613.66 करोड़ रुपये की मांग की थी।