मार्च में कम हुआ बिजली वितरण कंपनियों पर बकाया, नकदी पैकेज की दूसरी किस्त जारी होने से बेहतर हुई स्थिति

बिजली वितरण कंपनियों (डिस्कॉम) का बकाया इस साल मार्च में इससे पिछले महीने के मुकाबले 15118 करोड़ रुपये घटकर 74510 करोड़ रुपये पर आ गया है। नकदी पैकेज की दूसरी किस्त जारी होने के बाद बकाए में यह कमी दर्ज की गई है।

By Ankit KumarEdited By: Publish:Thu, 22 Apr 2021 09:38 AM (IST) Updated:Thu, 22 Apr 2021 09:38 AM (IST)
मार्च में कम हुआ बिजली वितरण कंपनियों पर बकाया, नकदी पैकेज की दूसरी किस्त जारी होने से बेहतर हुई स्थिति
बिजली आपूर्ति बिलों का भुगतान करने के लिए बिजली उत्पादक कंपनियां डिस्कॉम को 45 दिन का समय देती हैं।

नई दिल्ली, पीटीआइ। बिजली वितरण कंपनियों (डिस्कॉम) का बकाया इस साल मार्च में इससे पिछले महीने के मुकाबले 15,118 करोड़ रुपये घटकर 74,510 करोड़ रुपये पर आ गया है। नकदी पैकेज की दूसरी किस्त जारी होने के बाद बकाए में यह कमी दर्ज की गई है। पीएफसी कंसल्टिंग लिमिटेड के डाटा से यह बात सामने आई है। फरवरी, 2021 में बिजली वितरण कंपनियों पर बकाया राशि 89,628 करोड़ रुपये थी।  

बिजली आपूर्ति बिलों का भुगतान करने के लिए बिजली उत्पादक कंपनियां डिस्कॉम को 45 दिन का समय देती हैं। इससे अधिक समय होने पर ज्यादातर मामलों में ब्याज चुकाना पड़ता है। केंद्र सरकार ने मई, 2020 में डिस्कॉम के लिए 90,000 करोड़ रुपये के नकदी पैकेज की घोषणा की थी।

इसके तहत उन्हें पावर फाइनेंस कॉरपोरेशन (पीएफसी) और आरईसी लिमिटेड से किफायती दरों पर ऋण मिलेगा। बिजली उत्पादक कंपनियों की मदद के लिए सरकार ने यह कदम उठाया था। बाद में इस पैकेज को बढ़ाकर 1.2 लाख करोड़ रुपये और फिर 1.35 लाख करोड़ रुपये कर दिया गया। इस नकदी पैकेज के तहत पीएफसी और आरईसी ने मिलकर अब तक 78,855 करोड़ रुपये जारी किए हैं।

प्राप्ति (पेमेंट रैटिफिकेशन एंड एलालिसिस इन पावर प्रोक्योरमेंट फॉर ब्रिंगिंग ट्रांसपेरेंसी इन इनवॉयसिंग ऑफ जनरेटर्स) पोर्टल पर प्राप्त जानकारी के मुताबिक, पीएफसी और आरईसी की ओर से फरवरी के आखिर में दूसरी किस्त जारी किए जाने के बाद मार्च में डिस्कॉम पर बकाए में उल्लेखनीय कमी आई है। बिजली खरीद में पारदर्शिता के लिए मई, 2018 में प्राप्ति पोर्टल लांच किया गया था। इसमें बिजली कंपनियों के मासिक आंकड़े उपलब्ध कराए जाते हैं। आंकड़ों के मुताबिक, उत्तर प्रदेश, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, बिहार और मणिपुर में बकाए की स्थिति में काफी सुधार आया है।

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