पहली तिमाही में प्रत्यक्ष कर 109 फीसद बढ़ा, अप्रत्यक्ष कर में 70.3 फीसद की बढ़ोतरी

एक अन्य सवाल के जवाब में चौधरी ने कहा कि आयकर विभाग कर चोरों के खिलाफ संबंधित कानूनों के तहत उचित कार्रवाई करता है। इसके अलावा काला धन (अघोषित विदेशी आय और संपत्ति) और कर अधिरोपण अधिनियम 2015 के तहत 107 से अधिक अभियोजन शिकायतें दर्ज की गई हैं।

By NiteshEdited By: Publish:Tue, 27 Jul 2021 09:28 AM (IST) Updated:Tue, 27 Jul 2021 09:28 AM (IST)
पहली तिमाही में प्रत्यक्ष कर 109 फीसद बढ़ा, अप्रत्यक्ष कर में 70.3 फीसद की बढ़ोतरी
Govt's net tax collection rises 86% to Rs 5.57 trillion in first quarter

जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही (अप्रैल-जून, 2021) में राजस्व प्राप्ति की स्थिति मजबूत होने से सरकार पिछले साल के मुकाबले कम कर्ज लेगी। इस अवधि के दौरान प्रत्यक्ष कर संग्रह पिछले वित्त वर्ष की समान अवधि के मुकाबले 109.3 फीसद और अप्रत्यक्ष कर में 70.3 फीसद बढ़ा। समीक्षाधीन अवधि में प्रत्यक्ष कर संग्रह 2,46,519.82 करोड़ रुपये और अप्रत्यक्ष कर संग्रह 3,11,398 करोड़ रुपये रहा।

पिछले वर्ष समान अवधि में प्रत्यक्ष कर के मद में 1,17,783.87 करोड़ रुपये और अप्रत्यक्ष कर के रूप में 1.82,862 करोड़ रुपये प्राप्त हुए थे। सरकार ने सोमवार को संसद में बताया कि चालू वित्त वर्ष में आरबीआइ से लांग टर्म सिक्युरिटीज खरीदने की कोई योजना नहीं है। वहीं, सरकार पिछले वित्त वर्ष की तुलना में इस वर्ष कम कर्ज लेगी।

सरकार के अनुसार गत वित्त वर्ष 2020-21 के राजकोषीय घाटे की पूर्ति के लिए बाजार से 10,48,788 करोड़ रुपये उधार लेने का संशोधित बजटीय अनुमान है। वहीं चालू वित्त वर्ष में राजकोषीय घाटे की पूर्ति के लिए बाजार से 9,17,708 करोड़ रुपये उधार लेने का बजटीय अनुमान रखा गया है। संशोधित अनुमान के मुताबिक पिछले वित्त वर्ष के लिए सरकार 2,25,000 करोड़ रुपये का शार्ट टर्म कर्ज, जो चालू वित्त वर्ष में सिर्फ 50,000 करोड़ रुपये तक जाने का अनुमान है।

एक अन्य सवाल के जवाब में चौधरी ने कहा कि आयकर विभाग कर चोरों के खिलाफ संबंधित कानूनों के तहत उचित कार्रवाई करता है। इसके अलावा, काला धन (अघोषित विदेशी आय और संपत्ति) और कर अधिरोपण अधिनियम, 2015 के तहत 107 से अधिक अभियोजन शिकायतें दर्ज की गई हैं।

31 मई, 2021 तक 166 मामलों में अधिनियम के तहत मूल्यांकन आदेश पारित किए गए हैं, जिसमें 8,216 करोड़ रुपये की मांग की गई है।

इसके अलावा, लगभग 8,465 करोड़ रुपये की अघोषित आय को कर के दायरे में लाया गया है और एचएसबीसी मामलों में 1,294 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया गया है। ICIJ (इंटरनेशनल कंसोर्टियम ऑफ इन्वेस्टिगेटिव जर्नलिस्ट्स) के मामलों में करीब 11,010 करोड़ रुपये की अघोषित आय का पता चला है।

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