DICGC ने दो दर्जन सहकारी बैंकों से मांगा खाताधारकों की लिस्ट, मिलेंगे 5 लाख रुपये
21 बैंकों में से 11 महाराष्ट्र के हैं जबकि पांच कर्नाटक से हैं। उत्तर प्रदेश मध्य प्रदेश पंजाब केरल और राजस्थान से एक-एक बैंक हैं। सितंबर 2019 में RBI ने PMC बैंक के बोर्ड को हटा दिया और वित्तीय अनियमितताओं के सामने आने के बाद विभिन्न नियामक प्रतिबंध लगा दिए
नई दिल्ली, पीटीआइ। भारतीय रिजर्व बैंक की सहायक DICGC ने PMC Bank सहित संकट में फंसे लगभग दो दर्जन सहकारी बैंकों को 90 दिनों के भीतर 5 लाख रुपये प्राप्त करने वाले पात्र खाताधारकों की लिस्ट तैयार करने को कहा है। पिछले महीने संसद ने जमा बीमा और क्रेडिट गारंटी निगम (संशोधन) विधेयक, 2021 पारित किया। इसमें यह सुनिश्चित किया गया कि खाताधारकों को आरबीआई द्वारा बैंकों पर मोरटोरियम लागू करने के 90 दिनों के भीतर 5 लाख रुपये तक मिलते हैं।
अधिनियमन के बाद सरकार ने 1 सितंबर, 2021 को उस तारीख के रूप में अधिसूचित किया है जिस दिन अधिनियम के प्रावधान लागू होंगे। अधिसूचित तारीख से अनिवार्य 90 दिन 30 नवंबर, 2021 को समाप्त होते हैं। 21 ऐसे सहकारी बैंक हैं जो आरबीआई की मोरटोरियम के तहत हैं। इसलिए इन बैंकों के खाताधारक पिछले महीने पारित कानून के तहत आते हैं।
DICGC ने एक बयान में कहा कि ये (21) बैंक 15 अक्टूबर, 2021 तक क्लेम लिस्ट देंगे और 29 नवंबर, 2021 (मूलधन और ब्याज के साथ) को अंतिम जानकारी (दूसरी) लिस्ट में अपडेट करेंगे, ताकि DICGC दावे का निपटान और निर्वहन कर सके। जमा बीमा और क्रेडिट गारंटी निगम (डीआईसीजीसी) ने एक बयान में कहा, इसकी बीमा देयता पूरी तरह से मानदंडों के अनुसार है। DICGC ने बैंकों से 90 दिनों के भीतर संशोधित कानून के अनुसार 5 लाख रुपये तक की धनराशि के लिए खाताधारकों को सहमति पत्र सर्कुलेट करने के लिए कहा है।
"अनपेड (अद्यतन इच्छा सूची)/ पात्र राशि तक जमा राशि में अंतर (29 नवंबर, 2021 तक जमा की गई अंतिम उपदते लिस्ट के अनुसार) का भुगतान प्राप्ति के 30 दिनों के भीतर (अर्थात, 29 दिसंबर, 2021 तक) किया जाएगा। पीएमसी बैंक के अलावा, श्री गुरु राघवेंद्र सहकारा बैंक, रुपया सहकारी बैंक, स्वतंत्रता सहकारी बैंक, अदूर सहकारी शहरी बैंक, बीदर महिला शहरी सहकारी बैंक के जमाकर्ता को इसका फायदा मिलेगा।
21 बैंकों में से 11 महाराष्ट्र के हैं, जबकि पांच कर्नाटक से हैं। उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, पंजाब, केरल और राजस्थान से एक-एक बैंक हैं। सितंबर 2019 में RBI ने PMC बैंक के बोर्ड को हटा दिया और वित्तीय अनियमितताओं के सामने आने के बाद विभिन्न नियामक प्रतिबंध लगा दिए, जबकि पिछले साल जनवरी में श्री गुरु राघवेंद्र सहकारा बैंक पर प्रतिबंध लगाए गए थे।