उच्च ग्रेड के स्टील के उत्पादन की चुनौतियों का सामना करे उद्योग

उन्होंने कहा कि उद्योग की उद्यम संबंधी भावना और सरकार द्वारा किए गए नीतिगत उपायों के कारण भारतीय इस्पात उद्योग अधिक गतिशील प्रतिस्पर्धी और पर्यावरण के अनुकूल बनने जा रहा है।

By NiteshEdited By: Publish:Thu, 14 Nov 2019 07:20 PM (IST) Updated:Thu, 14 Nov 2019 07:20 PM (IST)
उच्च ग्रेड के स्टील के उत्पादन की चुनौतियों का सामना करे उद्योग
उच्च ग्रेड के स्टील के उत्पादन की चुनौतियों का सामना करे उद्योग

जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। केंद्रीय स्टील मंत्री धर्मेद्र प्रधान ने इस्पात क्षेत्र से जुड़े कारोबारियों से उच्च स्तर के स्टील उत्पादन के लिए आह्वान किया है। प्रधान ने कहा है कि इस क्षेत्र में आत्मनिर्भरता बढ़ाने के लिए निर्माताओं को स्टील के उत्पादन की चुनौतियों का सामना करने को तैयार रहना चाहिए। तिरुवनंतपुरम में भारतीय धातु संस्थान के 57वें राष्ट्रीय धातु विज्ञान दिवस समारोह और उसकी 73वीं वार्षिक तकनीकी बैठक के अवसर पर केंद्रीय मंत्री ने कारोबारियों से कहा कि स्टील क्षेत्र में अधिक निरंतरता की दिशा में कार्य करने और ग्रीन इकोनॉमी के मॉडल का सृजन करने की दिशा में काम किया जाना चाहिए।स्टील के महत्व के बारे में प्रधान ने कहा कि, सरकार स्टील सहित सभी मेटल की आधुनिक अर्थव्यवस्था के निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका बनी रहेगी।

स्टील के उत्पादन और उसकी जरुरत पर बात करते हुए उन्होंने कहा कि स्टील के इस्तेमाल और देश की आर्थिक वृद्धि के बीच मजबूत सकारात्मक पारस्पारिक संबंध है और प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में, भारत 5 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनने के रास्ते में तेजी से बढ़ रहा है। भविष्य की तैयारी के बारे में प्रधान ने कहा कि, देश डिजिटलीकरण, स्वचालित यंत्र, बड़े आंकड़ों, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और इंटरनेट द्वारा चालित औद्योगिक क्रांति 4.0 के बीच हैं। इससे हमारे रहने और कार्य करने के तरीकों में मूल रूप से अंतर आने वाला है। उनके अनुसार स्टील क्षेत्र को बहुत बड़ा परिवर्तन हासिल करने के लिए भी इन परिवर्तन और प्रभाव डालने वाले नवोन्मेष को गले लगाने के लिए भविष्य में तैयार रहना चाहिए।

मंत्री ने यहां बताया कि कॉरपोरेट कर में कटौती करने के फैसले और वर्तमान स्वरूप में आरसेप का विकल्प अपनाने का सभी ने स्वागत किया है। इसके अलावा नए भारत के निर्माण पर जोर देते हुए प्रधान ने कहा कि, नए भारत की कल्पना को साकार करने में स्टील क्षेत्र की एक प्रमुख भूमिका होगी, उन्होंने कहा कि सरकार का मुख्य ध्यान विकास के पथ पर है, जिसमें भविष्य के लिए बुनियादी ढांचे का निर्माण, स्मार्ट शहरों, औद्योगिक गलियारों का गठन शामिल है और इसी तरह के अन्य मार्ग स्टील के उपभोग को बढ़ाएंगे। उन्होंने कहा कि उद्योग की उद्यम संबंधी भावना और सरकार द्वारा किए गए नीतिगत उपायों के कारण भारतीय इस्पात उद्योग अधिक गतिशील, प्रतिस्पर्धी और पर्यावरण के अनुकूल बनने जा रहा है।

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