BSNL, MTNL के पुनरोद्धार के लिए दूरसंचार विभाग ने तैयार किया प्लान, कैबिनेट को भेजा

इसमें कई अन्य मंत्रालयों की ओर से दिए गए प्रश्नों जवाबों और टिप्पणियों के लिए नोडल मंत्रालय की प्रतिक्रिया भी शामिल होगी।

By NiteshEdited By: Publish:Tue, 22 Oct 2019 05:56 PM (IST) Updated:Wed, 23 Oct 2019 08:57 AM (IST)
BSNL, MTNL के पुनरोद्धार के लिए दूरसंचार विभाग ने तैयार किया प्लान, कैबिनेट को भेजा
BSNL, MTNL के पुनरोद्धार के लिए दूरसंचार विभाग ने तैयार किया प्लान, कैबिनेट को भेजा

नई दिल्ली, आइएएनएस। सार्वजनिक क्षेत्र की दूरसंचार कंपनी BSNL और MTNL को दोबारा खड़ा करने के लिए टेलिकॉम विभाग (DoT) ने कैबिनेट को एक प्रस्ताव भेजा है, जिसमें दोनों कंपनियों के पुनरोद्धार के लिए 74,000 करोड़ रुपये लगाने की योजना है। इनमें से 22,000 करोड़ रुपये 4जी स्पेक्ट्रम और स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति योजना (वीआरएस) के लिए इस्तेमाल किया जाएगा।

एक आधिकारिक सूत्र ने मंगलवार को कहा कि दूरसंचार विभाग (DoT) का कदम MTNL और BSNL के पुनरुद्धार की उच्च स्तरीय समिति की नियुक्ति के बाद आया है। BSNL और MTNL के पुनरुद्धार के लिए दूरसंचार मंत्रालय की ओर से भेजा गया फैसला इस महीने कैबिनेट के पास जाएगा, जिसमें वित्त मंत्रालय सहित सभी मंत्रालयों की राय शामिल होगी। इसमें कई अन्य मंत्रालयों की ओर से दिए गए प्रश्नों, जवाबों और टिप्पणियों के लिए नोडल मंत्रालय की प्रतिक्रिया भी शामिल होगी। 

सूत्र ने बताया कि कैबिनेट ने DoT को वित्त मंत्रालय की ओर से उठाए गए मुद्दों पर गौर करके उस पर जवाब देने के लिए कहा था। उसने बताया कि जब कैबिनेट सचिवालय इसे अपने एजेंडे में शामिल करेगा तो हम प्रस्ताव भेज देंगे।

सूत्र के मुताबिक, कुल पैकेज 74,000 करोड़ रुपये का है। जिसमें से 4जी स्पेक्ट्रम आवंटन निधि 22,000 करोड़ रुपये (बीएसएनएल के लिए 16,000 करोड़ रुपये और एमटीएनएल के लिए 6,000 करोड़ रुपये) होगी। जबकि बची हुई राशि वीआरएस के लिए होगी, जिसका वहन कंपनियां करेंगी।

बीएसएनएल के पास कर्मचारिया का वेतन भुगतान का 850 करोड़ रुपये बाकाय है, जबकि ऑन रोल इसके कर्मचारियों की संख्या 1.76 लाख है। सोमवार को, बीएसएनएल के अध्यक्ष ने कहा कि एक महीने में पुनरुद्धार पैकेज सामने आ जाएगा।

कंपनी को 1,600 करोड़ रुपये का मासिक राजस्व मिलता है, इसका एक बड़ा हिस्सा परिचालन और वैधानिक भुगतान के लिए किया जाता है। कंपनी ने वित्त वर्ष 2018-19 में 13,804 करोड़ रुपये का शुद्ध घाटा दर्ज किया। 

बता दें कि इससे पहले गृह मंत्री अमित शाह की अध्यक्षता वाले मंत्रियों के एक समूह ने दोनों कंपनियों के लिए DoT द्वारा प्रस्तावित पुनरुद्धार योजना को मंजूरी दी थी।

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