वर्षों से अटके मकानों की डिलिवरी इस वर्ष संभव, 16 अटकी परियोजनाएं स्वामीह फंड से होंगी पूरी

स्वामीह फंड के तहत 159 परियोजनाओं को मदद की मंजूरी मिल चुकी है जिनमें 14500 करोड़ रुपये का निवेश जुड़ा हुआ है। इन परियोजनाओं में एक लाख मकानों का निर्माण किया जाना है। इनमें से 47 परियोजनाओं को 5000 करोड़ रुपये की मदद की अंतिम मंजूरी मिल चुकी है।

By Pawan JayaswalEdited By: Publish:Sat, 20 Feb 2021 08:06 AM (IST) Updated:Sun, 21 Feb 2021 09:56 AM (IST)
वर्षों से अटके मकानों की डिलिवरी इस वर्ष संभव, 16 अटकी परियोजनाएं स्वामीह फंड से होंगी पूरी
रियल एस्टेट के लिए प्रतीकात्मक तस्वीर P C : Pixabay

नई दिल्ली, जागरण ब्यूरो। रियल एस्टेट क्षेत्र की वर्षों से अटकी परियोजनाओं से जुड़े मकान खरीदारों को नए वित्त वर्ष में बड़ी राहत मिलने की उम्मीद है। सरकार ने मकान निर्माण से जुड़ी इन अटकी परियोजनाओं को पूरा करने के लिए 2,500 करोड़ रुपये का फंड बनाया था। उस फंड की मदद से इस वर्ष 4,000 मकानों की डिलिवरी होने की उम्मीद की जा रही है।

सरकार सस्ते और मध्यम आकार वाले मकानों की अटकी परियोजनाओं को पूरा करने के लिए नवंबर, 2019 में स्पेशल विंडो फॉर कंप्लीशन एंड कंस्ट्रक्शन ऑफ अफोर्डेबल एंड मिड-इनकम हाउसिंग प्रोजेक्ट्स (स्वामीह) नाम से स्कीम लाई थी। इसके तहत 2,500 करोड़ रुपये के फंड का गठन करने की घोषणा की गई थी, ताकि उन फंसी परियोजनाओं का निर्माण पूरा हो सके और घर खरीदारों को राहत मिल सके।

इस फंड के लिए सरकार की तरफ से नियुक्त मैनेजर एसबीआइ कैप के मुताबिक, आगामी पहली अप्रैल से शुरू हो रहे वित्त वर्ष में 16 परियोजनाओं या 4,000 से अधिक मकान निर्माण का काम पूरा हो जाएगा। दो परियोजनाएं इस वर्ष अप्रैल अंत तक पूरी हो जाएंगी। फिलहाल 6,300 करोड़ डॉलर यानी लगभग 4.5 लाख करोड़ रुपये की हाउसिंग परियोजनाएं अटकी पड़ी हैं, जिनमें हजारों मकान खरीदार की कमाई भी फंसी हुई है।

स्वामीह फंड के तहत 159 परियोजनाओं को मदद की मंजूरी मिल चुकी है, जिनमें 14,500 करोड़ रुपये का निवेश जुड़ा हुआ है। इन परियोजनाओं में एक लाख मकानों का निर्माण किया जाना है। इनमें से 47 परियोजनाओं को 5,000 करोड़ रुपये की मदद की अंतिम मंजूरी मिल चुकी है। वहीं, 112 परियोजनाओं की मंजूरी की प्रक्रिया अभी शुरुआती चरण में हैं। इन अटकी परियोजनाओं के निर्माण कार्य से अर्थव्यवस्था को भी आगे बढ़ने में मदद मिलेगी और नए रोजगार भी निकलेंगे।

इन परियोजनाओं के बिल्डर अपने कर्ज को चुकाने में खुद को असमर्थ घोषित कर चुके थे। परियोजनाओं के अटकने से बैंक के अरबों रुपये फंसे हुए थे। इन सबसे छुटकारा पाने के लिए स्वामीह की शुरुआत की गई थी। इस फंड में 14 निवेशक हैं और फंड का 50 फीसद हिस्सा सरकार का है। एलआइसी और एसबीआइ की 10-10 फीसद हिस्सेदारी है। शेष हिस्सेदारी अन्य सरकारी और निजी शेयरधारकों की है।

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