Cryptocurrency पर आरबीआई चाहता है पूर्ण पाबंदी, सरकार एसेट या जिंस के रूप में चलन के पक्ष में

सरकार कुछ क्रिप्टोकरेंसी को एसेट( संपदा) या जिंस (कमोडिटी) के रूप में चलन की अनुमति दे सकती है। लेकिन वह क्रिप्टोकरेंसी किसी लेनदेन के लिए वैधानिक नहीं होगी और क्रिप्टो पर सरकार टैक्स भी वसूलेगी। सरकार क्रिप्टोकरेंसी से जुड़े बिल को अंतिम रूप दे रही है

By Manish MishraEdited By: Publish:Thu, 25 Nov 2021 08:32 AM (IST) Updated:Thu, 25 Nov 2021 10:56 AM (IST)
Cryptocurrency पर आरबीआई चाहता है पूर्ण पाबंदी, सरकार एसेट या जिंस के रूप में चलन के पक्ष में
Cryptocurrency Ban Wants RBI, Finance Ministry May Allow Some Cryptos as Asset or Commodity in India

जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। सरकार कुछ क्रिप्टोकरेंसी को एसेट( संपदा) या जिंस (कमोडिटी) के रूप में चलन की अनुमति दे सकती है। लेकिन वह क्रिप्टोकरेंसी किसी लेनदेन के लिए वैधानिक नहीं होगी और क्रिप्टो पर सरकार टैक्स भी वसूलेगी। सरकार क्रिप्टोकरेंसी से जुड़े बिल को अंतिम रूप दे रही है और इस पर अंतिम मुहर प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) की होगी। उसके बाद इसे कैबिनेट और फिर संसद में पेश किया जाएगा। हालांकि, संसद में पेश होने के लिए प्रस्तावित विधेयक में सभी निजी क्रिप्टोकरेंसी पर प्रतिबंध लगाने की बात की गई है। लेकिन क्रिप्टोकरेंसी में इस्तेमाल होने वाली तकनीक के तहत अपवाद के रूप में कुछ क्रिप्टो को मंजूरी भी दी जा सकती है।

एक या दो क्रिप्‍टोकरेंसी को मिल सकती है मंजूरी

सूत्रों के अनुसार भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआइ) क्रिप्टो पर पूरी तरह से प्रतिबंध चाहता है, लेकिन वित्त मंत्रालय क्रिप्टो को संपदा के रूप में इजाजत देने के पक्ष में है ताकि उसे टैक्स के दायरे में लाया जा सके। आगामी बजट में क्रिप्टो पर टैक्स संबंधी नियम लाने की चर्चा है। सूत्रों के मुताबिक एक या दो क्रिप्टो को संपदा के रूप में चलन की मंजूरी मिल सकती है।

पाबंदी की खबर से क्रिप्‍टोकरेंसी में भारी गिरावट

क्रिप्टोकरेंसी पर प्रतिबंध की खबर से गुरुवार को क्रिप्टोकरेंसी के बाजार में भारी गिरावट देखी गई। क्रिप्टो से जुड़े एक्सचेंज वजीरएक्स के मुताबिक बिटक्वाइन, एथेरियम, डोजक्वाइन व पोल्काडाट जैसी क्रिप्टोकरेंसी के मूल्य में औसतन 20 प्रतिशत तक की गिरावट दर्ज की गई। भारत में क्रिप्टो में निवेश करने वाले 10.07 करोड़ लोग है। क्रिप्टो रिसर्च से जुड़ी फर्म सीआरईबीएसीओ के मुताबिक क्रिप्टो में भारतीयों का निवेश 10 अरब डालर यानी करीब 75,000 करोड़ रुपये मूल्य तक पहुंच चुका है जबकि पिछले साल अप्रैल में यह निवेश मात्र 90 करोड़ डालर यानी लगभग 6,500 करोड़ रुपये मूल्य के आसपास था। भारत में 15 क्रिप्टोकरेंसी एक्सचेंज चल रहे हैं। ब्लाकचेन एंड क्रिप्टो असेट्स काउंसिल (बाक) ने क्रिप्टोकरेंसी के इन निवेशकों से फिलहाल हड़बड़ी से बचने की है। मोतीलाल ओसवाल फाइनेंशियल सर्विसेज के इक्विटी स्ट्रैटेजी, ब्रोकिंग व डिस्ट्रीब्यूशन प्रमुख हिमांग जानी के मुताबिक क्रिप्टोकरेंसी को वैश्विक स्तर पर तेजी से अपनाया जा रहा है और भारी जोखिम के बावजूद निवेश से मिलने वाले उच्च रिटर्न को देख निवेशक इसकी ओर आकर्षित हो जाते हैं। अभी इस क्षेत्र में नियामक की अनुपस्थिति के चलते क्रिप्टो को लेकर भारी अनिश्चितता है।

प्रतिबंध की स्थिति में

क्रिप्टोकरेंसी का अंतरराष्ट्रीय कारोबार है। जानकारों के मुताबिक भारत में इसे प्रतिबंधित कर भी दिया जाता है तो दूसरे देश में इसके खरीदार मिल जाएंगे। जिन लोगों ने क्रिप्टो एक्सचेंज में बैंकों के माध्यम से पूंजी लगाई है, उन्हें क्रिप्टो बेचने के लिए सरकार कितना समय देती है, यह देखना होगा। प्रतिबंध लगने की स्थिति वैश्विक रूप से क्रिप्टो के भाव गिरेंगे और हो सकता है जल्दबाजी में बेचने पर निवेशकों को भारी नुकसान उठाना पड़े।

54 प्रतिशत लोग नहीं चाहते हैं कि क्रिप्टोकरेंसी को मिले कानूनी दर्जा

आनलाइन सर्वे करने वाली कंपनी लोकल सर्किल्स के मुताबिक लगभग 54 प्रतिशत लोग नहीं चाहते हैं कि क्रिप्टोकरेंसी को भारत में कानूनी दर्जा दिया जाए। इसके बजाय वह चाहते हैं कि उसे विदेशों में रखी गई डिजिटल संपत्ति के रूप में मान्यता दी जाए और उसी तरह उस पर टैक्स लगे। सर्वे के दौरान देश के 342 जिलों में रहने वाले 56,000 से अधिक लोगों से प्रतिक्रिया ली गई। सर्वे में 26 प्रतिशत लोगों ने कहा कि इस तरह वर्चुअल करेंसी को कानूनी दर्जा देना चाहिए और उसका पर कर लगाना चाहिए।

निकट भविष्य में सिर्फ कुछ क्रिप्टोकरेंसी बचेंगी: राजन

रिजर्व बैंक के पूर्व गवर्नर रघुराम राजन ने कहा कि आज भले ही 6,000 से ज्यादा क्रिप्टोकरेंसी हों, लेकिन निकट भविष्य में कुछ का ही अस्तित्व बचेगा। उन्होंने कहा कि लोग सिर्फ दो कारणों से अपने पास क्रिप्टोकरेंसी रखते हैं। एक उसकी ज्यादा कीमत और दूसरा भुगतान के लिए। अब ऐसे में सवाल उठता है कि क्या हमें भुगतान के लिए वास्तव में 6,000 वर्चुअल करेंसी की जरूरत है। भविष्य में एक, दो या मुट्ठी भर वर्चुअल करेंसी की आवश्यकता भुगतान में पड़ेगी।

फैसला लेते समय सरकार सभी पहलुओं का ध्यान रखे

क्रिप्टोकरेंसी उद्योग ने बुधवार को सरकार से भारत में क्रिप्टो परिसंपत्तियों को विनियमित करने के लिए सभी पहलुओं को ध्यान में रखते हुए कदम उठाने की अपील की है। उद्योग के दिग्गजों ने देश में निवेशकों से जल्दबाजी में किसी निष्कर्ष पर नहीं पहुंचने का भी आग्रह किया है। बाय-यूक्वाइन के सीईओ शिवम ठकराल ने कहा कि कंपनी उम्मीद करती है कि प्रस्तावित बिल भारतीय क्रिप्टोकरेंसी धारकों, भारतीय क्रिप्टो उद्यमियों और निवेशकों की आकांक्षाओं को ध्यान में रखेगा। उन्होंने कहा कि नई ब्लॉकचेन परियोजनाओं के फलने-फूलने के लिए क्रिप्टो विधेयक में पर्याप्त लचीलापन होना चाहिए।

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