Covid की मार, संपत्तियों की बिक्री की तैयारी में 75 फीसद कंपनियांः Survey

Covid Pandemic की वजह से वित्तीय संकट का सामना कर रही तीन-चौथाई (करीब 75 फीसद) कंपनियां अपनी गैर-जरूरी संपत्तियों की बिक्री के बारे में विचार कर रही हैं। एक Consultancy Firm के वार्षिक सर्वे में यह बात सामने आई है।

By Ankit KumarEdited By: Publish:Tue, 06 Jul 2021 06:19 PM (IST) Updated:Tue, 06 Jul 2021 09:05 PM (IST)
Covid की मार, संपत्तियों की बिक्री की तैयारी में 75 फीसद कंपनियांः Survey
कंसल्टेंसी कंपनी के पार्टनर नवीन तिवारी ने कहा कि विनिवेश से कंपनियां जुझारू क्षमता का निर्माण कर सकती हैं।

नई दिल्ली, पीटीआइ। Covid Pandemic की वजह से वित्तीय संकट का सामना कर रही तीन-चौथाई (करीब 75 फीसद) कंपनियां अपनी गैर-जरूरी संपत्तियों की बिक्री के बारे में विचार कर रही हैं। एक Consultancy Firm के वार्षिक सर्वे में यह बात सामने आई है। EY द्वारा 30 कंपनियों पर किए गए सर्वे के अनुसार यह विनिवेश (Disinvestment) कंपनियां अपने नकदी संकट (Cash Crisis) के मुद्दे को हल करने और निवेश के लिए कर रही हैं। उल्लेखनीय है कि वित्त वर्ष 2020-21 में इकोनॉमी में 7.3 फीसद की गिरावट दर्ज की गई। महामारी की नई लहर की वजह से विभिन्न एजेंसियां इस बात का अनुमान लगा रही हैं कि चालू वित्त वर्ष में भी अर्थव्यवस्था लो बेस इफेक्टो के बावजूद दोहरे अंकों में वृद्धि हासिल नहीं कर पाएगी।

इस सर्वे में कहा गया है कि 73 फीसद कंपनियों की योजना अगले दो साल में अपनी संपत्तियों (प्रोपर्टीज) के विनिवेश (Disinvestment) की है। कोविड-19 महामारी की वजह से कारोबार से जुड़ी जरूरतों को पूरा करने के लिए कंपनियों को पूंजी की जरूरत है।

सर्वे में कहा गया है कि संपत्तियों के उचित समय पर Disinvestment से कंपनियों को जरूरी कोष उपलब्ध हो सकता है जिससे संकट के समय वे वृद्धि कर सकती हैं।

कंसल्टेंसी कंपनी के पार्टनर नवीन तिवारी ने कहा कि विनिवेश से कंपनियां जुझारू क्षमता का निर्माण कर सकती हैं और इससे उन्हें अपने मुख्य कारोबार पर ध्यान देने में भी मदद मिलेगी।

इस सर्वे में कहा गया है कि कंपनियों के प्रमुखों की सबसे बड़ी चुनौती परिसंपत्तियों के विनिवेश के लिए सही समय को चिह्नित करना है।

सफल विनिवेश के लिए सबसे अहम है कि इसे कॉरपोरेट रणनीति की तरह किया जाए।

उल्लेखनीय है कि कोविड-19 महामारी की पहली लहर और उसके बाद दूसरी लहर में कोविड-19 की वजह से लागू लॉकडाउन से कंपनियों पर काफी अधिक दबाव पड़ा है। इसकी वजह यह है कि आर्थिक गतिविधियों पर पाबंदी से कारोबार बुरी तरह प्रभावित हुए हैं।

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