श्रमिकों को वापस बुलाने के लिए फ्लाइट टिकट से लेकर ज्यादा सैलरी तक ऑफर कर रहीं कंपनियां

तेलंगाना में काम करने वाले 8.5 लाख प्रवासी मजदूरों में से अधिकतर निर्माण सेक्टर में काम करते हैं।

By Ankit KumarEdited By: Publish:Sat, 06 Jun 2020 06:00 PM (IST) Updated:Mon, 08 Jun 2020 06:27 AM (IST)
श्रमिकों को वापस बुलाने के लिए फ्लाइट टिकट से लेकर ज्यादा सैलरी तक ऑफर कर रहीं कंपनियां
श्रमिकों को वापस बुलाने के लिए फ्लाइट टिकट से लेकर ज्यादा सैलरी तक ऑफर कर रहीं कंपनियां

नई दिल्ली, आइएएनएस। प्रवासी मजदूरों के अपने गृह राज्य लौट जाने की वजह से निर्माण कार्य से जुड़ी कंपनियां श्रमिकों की कमी का सामना कर रही है। ऐसे में वे श्रमिकों को वापस बुलाने के लिए हरसंभव कोशिशों में लगी हैं। केंद्र सरकार द्वारा Unlock 1.0 को लागू किए जाने के बाद आर्थिक गतिविधियां फिर से चालू हो गई हैं। ऐसे में कई बड़ी कंपनियां श्रमिकों को वापस काम पर बुलाने के लिए फ्लाइट की टिकट और अधिक भुगतान की पेशकश कर रही हैं। कंपनियां अपने वर्तमान प्रोजेक्ट्स को समय पर पूरा करने के लिए श्रमिकों को इस तरह की पेशकश कर रही हैं। बेंगलुरु की एक प्रमुख निर्माण कंपनी के एक ठेकेदार ने बिहार के 10 कारपेंटरों को हैदराबाद के एक प्रोजेक्ट पर काम करने के लिए फ्लाइट के टिकट की व्यवस्था की।   

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कुछ कंपनियां लॉकडाउन के दौरान श्रमिकों को घर जाने से रोकने में कामयाब रहीं। वहीं, जिन कंपनियों के कर्मचारी अपने गृह राज्य को लौट चुके हैं, उन्हें वापस बुलाने के लिए कंपनियों इस तरह की कोशिशों में लगी हैं। कंपनियां इस बात को लेकर चिंतित हैं कि श्रमिकों के अभाव के चलते उनकी परियोजनाओं को पूरा करने में देरी हो सकती है और इससे उन्हें घाटा होगा। इस वजह से ज्यादा खर्च करके भी श्रमिकों को वापस बुलाने की कोशिश कर रही हैं। 

रियल एस्टेट से जुड़े संगठन क्रेडाई के तेलंगाना यूनिट के एक सदस्य ने कहा कि लॉकडाउन के दौरान अधिकतर बड़ी निर्माण कंपनियों ने प्रवासी मजदूरों के रहने एवं खाने का इंतजाम किया और उन्हें चिकित्सा सुविधाएं भी उपलब्ध करायीं। ऐसी कंपनियां बड़ी संख्या में प्रवासी मजदूरों को घर जाने से रोकने में कामयाब रहीं।  

उल्लेखनीय है कि तेलंगाना के चावल के मिलों में काम करने वाले 90 फीसद से अधिक कर्मचारी बिहार के रहने वाले थे। ट्रकों पर चावल लोड करने और अनलोड करने का काम करने वाले ये श्रमिक होली में बिहार गए थे लेकिन लॉकडाउन की वजह से वहीं फंसे रह गए।

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तेलंगाना में काम करने वाले 8.5 लाख प्रवासी मजदूरों में से अधिकतर निर्माण सेक्टर में काम करते हैं। एक अनुमान के मुताबिक हैदराबाद और आसपास के इलाकों में काम करने वाले 70 फीसद से ज्यादा श्रमिक बिहार, झारखंड, उत्तर प्रदेश, छत्तीसगढ़ और ओडिशा से आते हैं।

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