घर बनवाने जा रहे हैं तो जरा बजट खंगाल लें, यह बिल्डिंग मैटेरियल हो सकता है महंगा : Crisil

मकान बनाने की सोच रहे हैं तो अपना बजट फिर चेक कर लें। क्‍योंकि सीमेंट की खुदरा कीमतों में अगले कुछ महीनों में फिर से 15-20 रुपये की बढ़ोतरी हो सकती है और यह इस वित्त वर्ष में 400 रुपये प्रति बोरी के उच्चतम स्तर को छू सकती है।

By Ashish DeepEdited By: Publish:Fri, 03 Dec 2021 09:00 AM (IST) Updated:Fri, 03 Dec 2021 09:00 AM (IST)
घर बनवाने जा रहे हैं तो जरा बजट खंगाल लें, यह बिल्डिंग मैटेरियल हो सकता है महंगा : Crisil
credai ने निर्माण में इस्तेमाल होने वाली सामग्री पर माल एवं सेवा कर (GST) में कटौती का सुझाव दिया था।

नई दिल्‍ली, पीटीआइ। मकान बनाने की सोच रहे हैं तो अपना बजट फिर चेक कर लें। क्‍योंकि सीमेंट की खुदरा कीमतों में अगले कुछ महीनों में फिर से 15-20 रुपये की बढ़ोतरी हो सकती है और यह इस वित्त वर्ष में 400 रुपये प्रति बोरी के अब तक के उच्चतम स्तर को छू सकती है। क्रेडिट रेटिंग एजेंसी क्रिसिल ने कहा कि कीमतों में वृद्धि का कारण मांग में तेजी के साथ कोयला और डीजल जैसे कच्चे माल की लागत में वृद्धि है।

क्रिसिल ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि कीमतों में वृद्धि के बीच उच्च लागत के कारण सीमेंट निर्माताओं की कर पूर्व आय में इस वित्त वर्ष में 100-150 रुपये प्रति टन की गिरावट आएगी। आयातित कोयले (पहली छमाही में सालाना 120 प्रतिशत से ज्यादा) और पेटकोक (80 प्रतिशत अधिक) की कीमतों में हाल की तेजी से बिजली और ईंधन की लागत 350-400 रुपये प्रति टन (लगभग 40 प्रतिशत तक) बढ़ सकती है।

सीमेंट की बिक्री चालू वित्त वर्ष में 11-13 प्रतिशत बढ़ने की उम्मीद है। हालांकि इसका कारण पिछले साल तुलनात्मक आधार का कमजोर होना है। बता दें कि दूसरी एजेंसी Credai ने बीते दिनों आशंका जताई थी कि मकान या फ्लैट की कीमत 10 से 15 फीसद तक महंगी हो सकती है। रियल एस्टेट कंपनियों के शीर्ष निकाय क्रेडाई ने सीमेंट और इस्पात की कीमतों में बेतहाशा वृद्धि पर चिंता जताई थी। Credai ने कहा था कि अगर कच्चे माल के दाम नीचे नहीं आए, तो आवासीय संपत्तियों की कीमतें 10 से 15 प्रतिशत बढ़ सकती हैं।

इसके साथ ही उसने सरकार से कच्चे माल की कीमतों को नियंत्रित करने के लिए कदम उठाने की मांग करते हुए निर्माण क्षेत्र में इस्तेमाल होने वाली सामग्री पर माल एवं सेवा कर (GST) में कटौती का सुझाव दिया था। अगर ऐसा होता है तो बिल्डिंग मैटेरियल की कीमतें नीचे आएंगी और मकान बनाना सस्‍ता पड़ेगा।

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