Future Group के साथ डील में Amazon ने छुपाए थे तथ्य : भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग

CCI ने Amazon.com Inc पर तथ्यों को छिपाने और गलत जानकारी देने के आरोप लगाए हैं। CCI ने कहा है कि 2019 में फ्यूचर ग्रुप की एक इकाई में निवेश को लेकर स्वीकृति मांगने के समय Amazon ने तथ्यों को छिपाने का काम किया।

By Ankit KumarEdited By: Publish:Thu, 22 Jul 2021 03:26 PM (IST) Updated:Fri, 23 Jul 2021 07:02 AM (IST)
Future Group के साथ डील में Amazon ने छुपाए थे तथ्य : भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग
इस पत्र से Future Group और Amazon के बीच की कानूनी लड़ाई और भी जटिल हो गई है।

नई दिल्ली, रायटर। भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग (सीसीआइ) ने अमेरिकी आनलाइन रिटेलिंग दिग्गज अमेजन इंक (Amazon Inc) पर वर्ष 2019 में फ्यूचर ग्रुप (Future Group) के साथ हुए सौदे में तथ्य छुपाने का आरोप लगाया है। सीसीआइ का कहना है कि फ्यूचर ग्रुप की एक यूनिट में निवेश की इजाजत मांगने वाले दस्तावेज में अमेजन ने झूठे तथ्य पेश किए थे। आयोग ने इस बारे में इस वर्ष चार जून को अमेजन इंक को एक पत्र लिखा है।

कारण बताओ नोटिस के रूप में चार पन्नों के इस पत्र में सीसीआइ ने अमेजन से यह भी पूछा है कि झूठी सूचना देने के आरोप में कंपनी पर क्यों नहीं कार्रवाई हो और उसे दंडित किया जाए। हालांकि सूत्र के अनुसार अमेजन ने अभी इस नोटिस का कोई जवाब नहीं दिया है।

अमेजन ने रायटर को दिए एक बयान में माना है कि उसे एक पत्र मिला है और कंपनी भारतीय कानूनों का पूरी तरह पालन करने को प्रतिबद्ध है। कंपनी के अनुसार वह सीसीआइ की शंका के समाधान में पूरी तरह सफल रहेगी। वैसे, इस पत्र ने फ्यूचर ग्रुप और रिलायंस इंडस्ट्रीज में पिछले वर्ष हुए सौदे के बीच में खड़ी अमेजन इंक के लिए रास्ते मुश्किल कर दिए हैं।

फ्यूचर ग्रुप ने पिछले वर्ष अगस्त में अपना अधिकांश कारोबार रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड (आरआइएल) की रिटेल शाखा रिलायंस रिटेल वेंचर्स लिमिटेड (आरआरवीएल) के हाथों बेचने संबंधी करार किया था। अमेजन का कहना है कि उसने वर्ष 2019 में फ्यूचर कूपंस की 49 फीसद हिस्सेदारी खरीदी थी और यह सौदा फ्यूचर ग्रुप को उसका रिटेल कारोबार रिलायंस के हाथों बेचने से रोकता है।

अब सीसीआइ का कहना है कि फ्यूचर रिटेल में रणनीतिक रुचि होने की बात छुपाकर अमेजन ने सौदे के तथ्यात्मक पहलुओं को सामने आने से रोका। ऐसे में आयोग के समक्ष अमेजन का आचार भ्रमित करने, झूठे बयान देने तथा तथ्यात्मक और मौलिक सच को छुपाने वाला है। अपने पत्र में आयोग ने यह भी कहा कि उसे फ्यूचर ग्रुप की तरफ से शिकायतें मिली थीं, जिसके बाद उसने सौदे के पहलुओं की समीक्षा की।

स्पर्धा कानून विशेषज्ञ और जे. सागर एसोसिएट्स के पार्टनर वैभव चौकसे ने कहा कि सीसीआइ की तरफ से ऐसे पत्र सामान्य नहीं हैं। अगर वह अमेजन के जवाब से संतुष्ट नहीं होता है, तो वह वर्ष 2019 में हुए संबंधित सौदे की समीक्षा भी कर सकता है।

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