CBIC ने अधिकारियों से कहा, GST चोरी की जांच एक साल के भीतर करें पूरी

सीबीआईसी ने अधिकारियों को एक साल के अंदर जीएसटी चोरी की जांच पूरी करने को कहा। केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर और सीमा शुल्क बोर्ड ने क्षेत्रीय कार्यालयों से एक कार्य योजना तैयार करने को कहा है ताकि एक साल से अधिक समय तक जीएसटी चोरी का कोई मामला लंबित न रहे।

By Abhishek PoddarEdited By: Publish:Fri, 24 Sep 2021 01:53 PM (IST) Updated:Fri, 24 Sep 2021 01:53 PM (IST)
CBIC ने अधिकारियों से कहा, GST चोरी की जांच एक साल के भीतर करें पूरी
सीबीआईसी ने अधिकारियों को एक साल के अंदर जीएसटी चोरी की जांच पूरी करने को कहा है।

नई दिल्ली, पीटीआइ। केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर और सीमा शुल्क बोर्ड (CBIC) ने क्षेत्रीय कार्यालयों से एक कार्य योजना तैयार करने को कहा है, ताकि एक साल से अधिक समय तक जीएसटी चोरी का कोई मामला लंबित न रहे। फील्ड फॉर्मेशन को एक निर्देश में, सीबीआईसी ने जीएसटी अधिकारियों को जांच में तेजी लाने और चोरी के मामलों में कारण बताओ नोटिस जारी करने के लिए भी कहा है, ताकि आदेश पारित करने के लिए निर्णय लेने वाले प्राधिकरण के पास पर्याप्त समय बचा हो।

इसमें कहा गया है कि 2017-18, 2018-19 और 2019-20 के वित्तीय वर्षों के लिए वार्षिक रिटर्न दाखिल करने की अंतिम तिथि पहले ही खत्म हो चुकी है। सीबीआईसी द्वारा निर्देश जीएसटी चोरी और धोखाधड़ी इनपुट टैक्स क्रेडिट (ITC) लाभ के मामलों के विस्तृत विश्लेषण का अनुसरण करता है। विश्लेषण से पता चला है कि जीएसटी चोरी और धोखाधड़ी वाले आईटीसी मामलों में दर्ज किए गए एससीएन केवल कुछ मामलों में जारी किए गए हैं।

सीबीआईसी ने देखा है कि, यदि एससीएन जारी करने को अंतिम तिथियों के करीब तक का वक्त दिया जाता है, तो आदेश पारित करने के लिए अधिकारियों के पास बहुत कम वक्त बचता है। सीबीआईसी ने कहा, "ऐसा महसूस किया गया है कि मौजूदा स्थिति में फील्ड फॉर्मेशन की ओर से अतिरिक्त प्रयास और पर्यवेक्षी स्तर पर कड़ी निगरानी की जरूरत है। साल 2017-18 के वित्तीय वर्ष के लिए माल और सेवा कर (जीएसटी) वार्षिक रिटर्न दाखिल करने की अंतिम तिथि 202 में 5 फरवरी और 7 फरवरी, (राज्यों में अलग-अलग) थी, जबकि साल 2018-19 और 2019-20 के लिए यह 31 दिसंबर, 2020 थी। वहीं साल 2021 के लिए यह 31 मार्च थी।

जीएसटी कानून के तहत, अधिकारियों को वार्षिक रिटर्न दाखिल करने की अंतिम तिथि के 3 साल के भीतर आदेश पारित करने की आवश्यकता होती है। सीबीआईसी ने प्रधान महानिदेशकों/प्रधान मुख्य आयुक्तों/मुख्य आयुक्तों को अपने अधिकार क्षेत्र में लंबित जांच मामलों और अन्य मामलों का जायजा लेने के लिए कहा है।

chat bot
आपका साथी