मंत्रिमंडल ने साधारण बीमा कारोबार अधिनियम में संशोधन को मंजूरी दी, इस सत्र में पेश हो सकता है विधेयक
ऐसा माना जा रहा है कि नीति आयोग ने यूनाइटेड इंडिया इंश्योरेंस के नाम का सुझाव दिया है। सरकार ने चालू वित्त वर्ष में सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियों और वित्तीय संस्थानों में हिस्सेदारी बेचकर 1.75 करोड़ रुपये जुटाने का लक्ष्य रखा है।
नई दिल्ली, पीटीआइ। सार्वजनिक क्षेत्र की साधारण बीमा कंपनियों के निजीकरण को लेकर साधारण बीमा कारोबार (राष्ट्रीयकरण) अधिनियम (जीआईबीएनए) में संशोधन को लेकर केंद्रीय मंत्रिमंडल से मंजूरी मिल गई है। विधेयक को संसद के मौजूदा सत्र में पेश किये जाने की संभावना है। सूत्रों ने यह जानकारी दी। सूत्रों ने बताया कि केंद्रीय मंत्रिमंडल से जीअईबीएनए में संशोधन को मंजूरी मिल गई। विधेयक सार्वजनिक क्षेत्र की बीमा कंपनियों में अधिक से अधिक निजी भागीदारी को आसान बनाने का रास्ता साफ करता है।
कब हुआ था लागू
यह अधिनियम 1972 में लागू हुआ था और इसमें साधारण बीमा कारोबार के विकास के जरिये अर्थव्यवस्था की जरूरतों को बेहतर तरीके से पूरा करने के लिए भारतीय बीमा कंपनियों और अन्य मौजूदा बीमा कंपनियों के उपक्रमों के शेयरों के अधिग्रहण और हस्तांतरण की अनुमति का प्रावधान किया गया था।
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वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट में की थी घोषणा
गौरतलब है कि वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 2021-22 के बजट में बड़े स्तर पर निजीकरण की घोषणा की हैं। इसमें सार्वजनिक क्षेत्र के दो बैंकों और एक साधारण बीमा कंपनी शामिल हैं। दो बैंकों और एक साधारण बीमा कंपनी का नाम के बारे में सुझाव और सिफारिश देने की जिम्मेदारी नीति आयोग को दी गयी है। सूत्रों ने बताया कि सरकार सार्वजनिक क्षेत्र के दो बैंकों के निजीकरण के लिये बैंकिंग विनियमन अधिनियम, 1949 में संशोधन करने की तैयारी कर रही है। इसके लिए बैंकिंग कंपनी (उपक्रमों का अधिग्रहण और हस्तांतरण) अधिनियम, 1970 और बैंकिंग कंपनी (उपक्रमों का अधिग्रहण और हस्तांतरण) अधिनियम, 1980 में संशोधन की आवश्यकता होगी।
ऐसा माना जा रहा है कि नीति आयोग ने यूनाइटेड इंडिया इंश्योरेंस के नाम का सुझाव दिया है। सरकार ने चालू वित्त वर्ष में सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियों और वित्तीय संस्थानों में हिस्सेदारी बेचकर 1.75 करोड़ रुपये जुटाने का लक्ष्य रखा है।