Cabinet Briefing: मोदी सरकार का किसानों को तोहफा, DAP पर सब्सिडी में रिकॉर्ड बढ़ोत्तरी, डीप ओसियन मिशन को भी मिली मंजूरी

Cabinet Briefing डीएपी खाद पर बाजार कीमत में बढ़ोत्तरी का बोझ अब सरकार उठाएगी। मंडाविया ने बताया कि डीएपी खाद में वैश्विक कीमत बढ़ने पर स्वाभाविक तौर पर बाजार कीमत बढ़ी है। सरकार ने फैसला लिया है कि बढ़ी हुई कीमत का बोझ किसानों पर नहीं आना चाहिए।

By Pawan JayaswalEdited By: Publish:Wed, 16 Jun 2021 03:19 PM (IST) Updated:Thu, 17 Jun 2021 07:14 AM (IST)
Cabinet Briefing: मोदी सरकार का किसानों को तोहफा, DAP पर सब्सिडी में रिकॉर्ड बढ़ोत्तरी, डीप ओसियन मिशन को भी मिली मंजूरी
DAP खाद पर सब्सिडी की रकम बढ़ी P C : ANI

नई दिल्ली, बिजनेस डेस्क। प्रधानमंत्री मोदी की अध्यक्षता में बुधवार को हुई कैबिनेट की बैठक में कई बड़े फैसले लिये गए हैं। केंद्रीय मंत्री मनसुख मंडाविया ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस कर बताया कि कैबिनेट ने किसानों के हित में बड़ा फैसला लिया है। उन्होंने बताया कि डीएपी खाद पर बाजार कीमत में बढ़ोत्तरी का बोझ अब सरकार उठाएगी। मंडाविया ने बताया कि डीएपी खाद में वैश्विक कीमत बढ़ने पर स्वाभाविक तौर पर बाजार कीमत बढ़ी है। सरकार ने फैसला लिया है कि बढ़ी हुई कीमत का बोझ किसानों पर नहीं आना चाहिए। किसानों को अब पुरानी बाजार कीमत पर ही डीएपी मिलेगा और सरकार द्वारा दी जाने वाली सब्सिडी बाजार कीमत के मुताबिक बढ़ जाएगी।

मंडाविया ने बताया कि यूरिया की कीमत केंद्र सरकार तय करती है, जो फिक्स रहती है और सब्सिडी कम ज्यादा होती रहती है। वहीं, अन्य खाद पर बाजार कीमत कम-ज्यादा होती रहती है और सब्सिडी फिक्स रहती है। अब सरकार ने तय किया है कि किसानों को एक ही दाम में डीएपी भी मिले और सरकार सब्सिडी की रकम बढ़ाए। मंडाविया ने बताया कि डीएपी की कीमत 2400 रुपये हो गई है, तो सरकार 1200 रुपये सब्सिडी देगी। इससे सरकार को 14,775 करोड़ रुपये का घाटा होगा। उन्होंने कहा कि पहली बार सब्सिडी में इतनी बढ़ोत्तरी की गई है।

Union Cabinet approves the proposal of the Ministry of Earth Sciences on 'Deep Ocean Mission', with a view to explore deep ocean for resources and develop deep-sea technologies for sustainable use of ocean resources.

— ANI (@ANI) June 16, 2021

वहीं, केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने बताया कि कैबिनेट की बैठक में एक दूरदृष्टि का फैसला हुआ है, जो भारत को नए युग में ले जाने वाला है। उन्होंने बताया कि कैबिनेट ने पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय के 'डीप ओसियन मिशन' के प्रस्ताव को अपनी मंजूरी दे दी। उन्होंने कहा, 'पृथ्वी का 70 फीसद समुद्र है। समुद्र में अपनी एक दुनिया है। भारत ने आज तय किया कि आने वाले 5 सालों में डीप ऑसियन मिशन पर काम करेगा, जिससे समुद्र की शक्तियों का दोहन किया जा सके। यह ब्लू इकोनॉमी को सपोर्ट करेगा।'

जावड़ेकर ने कहा, 'एक विशेष प्रकार का सूट होता है। जिसे पहनकर समुद्र में 6000 मीटर नीचे जाकर मिनरल्स की स्टडी की जाती है। भारत का 7000 किलोमीटर का समुद्री किनारा है, जो 9 राज्यों से जुड़ा है। अब भारत डीप ओसियन स्टडी करेगा।'

उन्होंने आगे कहा, 'ग्लेशियर टूटने से डीप सी में क्या परिणाम हो रहे हैं। इस पर भी अध्ययन होगा। आज तक भारत में गहरे समुद्र का सर्वे मिनरल्स की दृष्टि से नहीं हुआ था। साथ ही एक एडवांस मरीन स्टेशन भी स्थापित होगा। जिससे ओसियन बायोलॉजी का अध्ययन होगा, जो उद्योगों के लिए काफी फायदेमंद हो सकता है। समुद्र में थर्मल एजेंसी स्थापित होगी। अभी दुनिया के पांच देशों में यह तकनीक है। इसकी तकनीक खुले तौर पर बाजार में नहीं मिलती, खुद को विकसित करना पड़ता है। यह एक तरह से आत्मनिर्भर भारत का भी आविष्कार है। यह मिशन भारत को शोध की दुनिया में नए युग में ले जाने वाला है।'

केंद्रीय मंत्री मंडाविया ने बताया कि कैबिनेट ने एक और निर्णय लिया है। पत्तन, पोत परिवहन और जलमार्ग मंत्रालय से जुड़े एक बिल को संसद में ले जाने की अनुमति कैबिनेट ने दी है। इस बिल से नदी में चलने वाले जहाजों का नियमन होगा और सिस्टम को सुधारा जाएगा।

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