बजट में निर्यातक एमएसएमई को विशेष दर्जे की उम्मीद, कुल कारोबार का 70 फीसद तक निर्यात करने वालों को खास राहत संभव

अप्रैल से शुरू होने वाले वित्त वर्ष (2021-22) के लिए पहली फरवरी को पेश होने वाले बजट में सरकार निर्यातक एमएसएमई को विशेष दर्जा दे सकती है। विशेष दर्जा हासिल एमएसएमई को सरकार कई सुविधाएं देगी ताकि वे निर्यात में और बढ़ोतरी कर सकें।

By Ankit KumarEdited By: Publish:Fri, 15 Jan 2021 01:00 PM (IST) Updated:Sat, 16 Jan 2021 07:30 AM (IST)
बजट में निर्यातक एमएसएमई को विशेष दर्जे की उम्मीद, कुल कारोबार का 70 फीसद तक निर्यात करने वालों को खास राहत संभव
बजट में सभी एमएसएमई के लिए दो करोड़ तक के कर्ज की गारंटी सरकार द्वारा लेने की घोषणा संभव है।

नई दिल्ली, राजीव कुमार। अप्रैल से शुरू होने वाले वित्त वर्ष (2021-22) के लिए पहली फरवरी को पेश होने वाले बजट में सरकार निर्यातक एमएसएमई को विशेष दर्जा दे सकती है। विशेष दर्जा हासिल एमएसएमई को सरकार कई सुविधाएं देगी ताकि वे निर्यात में और बढ़ोतरी कर सकें। वस्तुओं के कुल निर्यात में एमएसएमई की हिस्सेदारी लगभग 48 फीसद है। हाल ही में एमएसएमई मंत्री नितिन गडकरी ने एक उद्योग संगठन के कार्यक्रम में कहा था कि सरकार अगले पांच वर्षों में निर्यात में एमएसएमई की हिस्सेदारी 60 फीसद तक पहुंचाना चाहती है। इसके साथ ही अगले पांच वर्षों में एमएसएमई के माध्यम से पांच करोड़ नए रोजगार का भी सृजन करने का लक्ष्य रखा गया है।

एमएसएमई मंत्रालय सूत्रों के मुताबिक कुल कारोबार का 70 फीसद तक निर्यात करने वाले एमएसएमई को बजट में विशेष दर्जा देने की घोषणा हो सकती है। इन्हें सस्ती दरों पर जमीन की सुविधा के साथ कम ब्याज दरों पर कर्ज मुहैया कराया जा सकता है। निर्यात में अग्रणी एमएसएमई को प्लांट एवं मशीनरी के निवेश पर भी सब्सिडी दी जा सकती है। मंत्रालय सूत्रों के मुताबिक निर्यात करने वाले एमएसएमई की लागत में कमी लाना सरकार का उद्देश्य है, ताकि वे अंतरराष्ट्रीय बाजार में आसानी से मुकाबला कर सकें।

मंत्रालय सूत्रों के मुताबिक संभव है कि बजट में प्लांट व मशीनरी के निवेश पर सभी एमएसएमई के लिए सब्सिडी की घोषणा कर दी जाए। इसकी वजह यह है कि आत्मनिर्भर भारत अभियान के तहत सरकार देश को मैन्यूफैक्चरिंग हब बनाना चाहती है और यह उत्पादन में विभिन्न प्रकार के प्रोत्साहन से ही संभव है। सूत्रों ने बताया कि सभी प्रकार के एमएसएमई के लिए ब्याज दरों पर छूट की घोषणा की जा सकती है और यह छूट दो फीसद तक की हो सकती है। सरकार बजट में सभी एमएसएमई के दो करोड़ रुपये तक के कर्ज की गारंटी लेने की घोषणा कर सकती है, ताकि एमएसएमई को कर्ज देने में किसी बैंक को कोई हिचक नहीं हो।

पिछले वर्ष मई में सरकार ने पूरी तरह से अपनी गारंटी पर एमएसएमई के लिए इमरजेंसी क्रेडिट लाइन गारंटी स्कीम (ईसीएलजीएस) के तहत तीन लाख करोड़ के कर्ज देने की घोषणा की थी। यह स्कीम इस वर्ष 31 मार्च या पूरी राशि का आवंटन हो जाने तक (जो भी पहले हो) के लिए जारी है। लेकिन इस स्कीम के तहत कर्ज लेने की पात्रता में कई ऐसी शर्ते रखी गई हैं कि अब तक एमएसएमई लगभग दो लाख करोड़ रुपये का ही कर्ज ले पाए हैं। आगामी बजट में सभी एमएसएमई के लिए दो करोड़ रुपये तक के कर्ज की गारंटी सरकार द्वारा लेने की घोषणा संभव है।

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