BPCL बेचेगी नुमालीगढ़ रिफाइनरी में हिस्सेदारी, 9,876 करोड़ रुपये में हुआ सौदा
मालूम हो कि सरकार बीपीसीएल के निजीकरण की तैयारी कर रही है। ऑयल इंडिया लि. इंजीनियर्स इंडिया लि. और असम सरकार ने इस हिस्सेदारी को खरीदने में रुचि दिखाई है। बीपीसीएल के निदेशक मंडल ने सोमवार को इस बिक्री की मंजूरी दी।
नई दिल्ली, पीटीआइ। भारत पेट्रोलियम कॉरपोरेशन लि. (BPCL) नुमालीगढ़ रिफाइनरी में हिस्सेदारी, 9,876 करोड़ रुपये में बेचेगी। BPCL ने सोमवार को असम की नुमालीगढ़ रिफाइनरी (Numaligarh Refinery Ltd) से बाहर निकलने का एलान किया। बीपीसीएल ने कहा कि वह नुमालीगढ़ रिफाइनरी में अपनी समूची हिस्सेदारी ऑयल इंडिया लि. (OIL) और इंजीनियर्स इंडिया लि. (EIL) के गठजोड़ को 9,876 करोड़ रुपये में बेचेगी। नुमालीगढ़ रिफाइनरी लि. की बिक्री से देश की दूसरी सबसे बड़ी खुदरा ईंधन कंपनी के निजीकरण का रास्ता साफ हो जाएगा। मालूम हो कि सरकार बीपीसीएल के निजीकरण की तैयारी कर रही है। ऑयल इंडिया लि., इंजीनियर्स इंडिया लि. और असम सरकार ने इस हिस्सेदारी को खरीदने में रुचि दिखाई है। बीपीसीएल के निदेशक मंडल ने सोमवार को इस बिक्री की मंजूरी दी।
शेयर बाजारों को भेजी सूचना में कंपनी ने कहा, ‘‘बीपीसीएल के निदेशक मंडल ने एक मार्च, 2021 को हुई बैठक में एनआरएल में बीपीसीएल के समूचे 445.35 करोड़ इक्विटी शेयरों को ओआईएल और ईएलआई और असम सरकार के गठजोड़ को बेचने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी।’’ यह हिस्सेदारी बिक्री 9875.96 करोड़ रुपये में की जाएगी।
एनआरएल की बिक्री के बाद बीपीसीएल के पास तीन...मुंबई, कोच्चि (केरल) और बीना (मध्य प्रदेश) की रिफाइनरियां बचेंगी। सरकार बीपीसीएल में अपनी समूची 52.98 फीसद हिस्सेदारी बेचने जा रही है। इसे आज का सबसे बड़ा निजीकरण कहा जा रहा है।
सरकार ने नुमालीगढ़ रिफाइनरी लि. (एनआरएल) को असम शांति समझौते के तहत सार्वजनिक क्षेत्र में रखने का फैसला किया है। इसके तहत बीपीसीएल की ओर से एनआरएल में अपनी समूची 61.65 फीसद हिस्सेदारी की बिक्री सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियों को की जाएगी।
ओआईएल और इंजीनियर्स इंडिया लि. का गठजोड़ संभवत: 49 फीसद हिस्सेदारी का अधिग्रहण करेगा। बाकी बचे 13.65 फीसद हिस्सेदारी असम सरकार करेगी। एनआरएल असम में 30 लाख टन सालाना की तेल रिफाइनरी का परिचालन करती है। अभी ओआईएल की एनआरएल में 26 फीसद की हिस्सेदारी है। असम सरकार के पास इसकी 12.35 फीसद हिस्सेदारी है।