अमेरिका और रूस को लुभा रहा है भारत का बढ़ता ऊर्जा बाजार

अमेरिका व रूस भारत में ऊर्जा की बढ़ती खपत में बड़ी संभावना देख रहे हैं

By Surbhi JainEdited By: Publish:Mon, 24 Sep 2018 11:07 AM (IST) Updated:Mon, 24 Sep 2018 11:07 AM (IST)
अमेरिका और रूस को लुभा रहा है भारत का बढ़ता ऊर्जा बाजार
अमेरिका और रूस को लुभा रहा है भारत का बढ़ता ऊर्जा बाजार

नई दिल्ली (जयप्रकाश रंजन)। भारत में ऊर्जा की बढ़ती मांग दुनिया की दो बड़ी शक्तियों अमेरिका और रूस के लिए आकर्षण का केंद्र बन गई है। एक तरफ पिछले दिनों टू प्लस टू वार्ता में जहां अमेरिका ने भारत को आश्वस्त किया कि वह आने वाले दिनों में ऊर्जा से जुड़ी उसकी हर जरूरत को पूरा करने की मंशा रखता है तो दूसरी ओर रूस ने भारत के समक्ष ऊर्जा से जुड़े दो अहम प्रस्तावों की पेशकश की है। 14 सितंबर 2018 को मॉस्को में दोनों देशों की सरकारों के बीच गठित आयोग की बैठक में इन दो बड़ी परियोजनाओं पर बात शुरू हुई है। इनमें एक परियोजना तेल ब्लॉक के विकास से जुड़ी हुई है, जबकि दूसरी परियोजना रूस की नई महत्वाकांक्षी आर्कटिक एलएनजी परियोजना से जुड़ी है।

फिलहाल अमेरिका और रूस दोनों से LNG खरीद रहा भारत

जानकारों की मानें तो अमेरिका व रूस भारत में ऊर्जा की बढ़ती खपत में बड़ी संभावना देख रहे हैं। वर्ल्ड एनर्जी रिपोर्ट के मुताबिक भारत में ऊर्जा की खपत की रफ्तार वर्ष 2030 तक फीसद रहेगी जो दुनिया के किसी भी देश से ज्यादा होगी। भारत सरकार भी देश की अर्थव्यवस्था को गैस आधारित बनाने की दिशा में काम कर रही है। अभी देश की अर्थव्यवस्था में गैस की हिस्सेदारी महज 6.2 फीसद है, जिसे 2030 तक बढ़ाकर 30 फीसद करने का लक्ष्य रखा गया है। इसके लिए भारत को काफी गैस चाहिए।

भारत ने इसी साल से अमेरिका और रूस से एलएनजी हासिल करना शुरू किया है। रूस की कंपनी गैजप्रॉम से पहली बार एलएनजी जून 2018 में भारत को मिली, जबकि अमेरिकी एलएनजी की पहली खेप भारतीय टर्मिनल में मार्च 2018 में पहुंची थी। दोनों देशों से भारत क्रूड भी खरीद रहा है। ऐसे में इन देशों की तरफ से यह कोशिश हो रही है कि भारत के ऊर्जा बाजार में उनकी ज्यादा से ज्यादा पैठ हो। भारत के लिए भी यह फायदे का सौदा है। क्योंकि इन दोनों के पास न सिर्फ बड़े ऊर्जा भंडार हैं, बल्कि इस क्षेत्र की बेहतरीन तकनीक भी है।

रूस ने दिया है आर्कटिक एलएनजी परियोजना में निवेश करने का ऑफर

विदेश मंत्रालय के उच्च पदस्थ सूत्रों के मुताबिक विदेश मंत्री सुषमा स्वराज और रूस के उप प्रधानमंत्री यूरी बोरीसोव की अगुवाई में हुई अंतर-सरकारी आयोग की बैठक में रूस के एक ऑयल फील्ड में हिस्सेदारी खरीदने की बातचीत अहम मुकाम पर पहुंच चुकी है। इस वार्ता में रूस की तरफ से आर्कटिक एलएनजी परियोजना में निवेश करने का ऑफर भारत को दिया गया है, जिसे भारतीय पक्ष काफी आकर्षक मान रहा है। अक्टूबर 2018 के पहले हफ्ते में पीएम नरेंद्र मोदी व रूस के राष्ट्रपति ब्लादिमीर पुतिन के बीच होने वाली सालाना बैठक में इन दोनों प्रस्तावों पर आगे बढ़ने का खाका खींचा जाएगा।

सनद रहे कि भारतीय कंपनियां पहले से ही रूस के एक बड़े तेल ब्लॉक सखालीन में हिस्सेदारी खरीद चुकी हैं। एक अन्य तेल ब्लॉक वैंकोर में हिस्सेदारी खरीदने को लेकर कुछ सरकारी तेल कंपनियां इच्छुक हैं। माना जा रहा है कि रूस चाहता है कि भारतीय कंपनियां आर्कटिक एलएनजी परियोजना में निवेश करने को तैयार हो जाएं तो वह वैंकोर में हिस्सेदारी पर तैयार हो जाएगा।

chat bot
आपका साथी