कोरोना की दूसरी लहर से कृषि क्षेत्र पर नहीं पड़ेगा कोई प्रभाव, 3 फीसद से अधिक रहेगी ग्रोथ रेट
नीति आयोग के सदस्य (कृषि) रमेश चंद ने रविवार को कहा है कि कोविड-19 महामारी की दूसरी लहर से कृषि क्षेत्र पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा। उन्होंने कहा कि सब्सिडी कीमत और प्रौद्योगिकी पर भारत की नीतियां चावल गेहूं और गन्ना के पक्ष में बहुत अधिक रही हैं।
नई दिल्ली, बिजनेस डेस्क। कोरोना वायरस महामारी के बावजूद भारत के कृषि क्षेत्र का प्रदर्शन दमदार रहा है। देशव्यापी लॉकडाउन के बावजूद यह क्षेत्र कोरोना महामारी की पहली लहर से अछूता रहा था। अब नीति आयोग के सदस्य (कृषि) रमेश चंद ने रविवार को कहा है कि कोविड-19 महामारी की दूसरी लहर से भारतीय कृषि क्षेत्र पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा। देश की अर्थव्यवस्था के लिए यह एक अच्छी बात है।
Second wave of COVID-19 will not impact Indian agriculture sector anyway: Niti Aayog Member (Agriculture) Ramesh Chand— Press Trust of India (@PTI_News) June 6, 2021
India's policies on subsidy, price and technology have remained too much in favour of rice, wheat, sugarcane: Niti Aayog's Ramesh Chand
— Press Trust of India (@PTI_News) June 6, 2021
India needs to make policies on procurement and MSP favourable to pulses: Niti Aayog Member (Agriculture) Ramesh Chand
— Press Trust of India (@PTI_News) June 6, 2021
नीति आयोग के सदस्य ने आगे कहा कि सब्सिडी, कीमत और प्रौद्योगिकी पर भारत की नीतियां चावल, गेहूं और गन्ना के पक्ष में बहुत अधिक रही हैं। रमेश चंद ने कहा कि भारत को दालों के लिए फायदेमंद रहने वाली खरीद और एमएसपी पर नीतियां बनाने की जरूरत हैं।
Farm sector growth to be more than 3 pc in 2021-22, says Niti Aayog's Ramesh Chand
नीति आयोग के सदस्य ने कहा कि साल 2021-22 में कृषि क्षेत्र की वृद्धि दर 3 फीसद से अधिक रहेगी। बता दें कि हाल ही में सरकार ने जीडीपी के आंकड़े जारी किये थे। सांख्यिकी एवं कार्यक्रम क्रियान्वयन मंत्रालय की ओर से जारी आंकड़ों के अनुसार, वित्त वर्ष 2020-21 की चौथी तिमाही में देश की विकास दर 1.6 फीसद पर रही। लेकिन पूरे वित्त वर्ष 2020-21 में भारत की अर्थव्यवस्था में 7.3 फीसद का संकुचन दर्ज किया गया। आंकड़ों में कहा गया कि वित्त वर्ष 2019-20 में देश की विकास दर चार फीसद पर रही थी।