एयर इंडिया के बाद अब अलाइंस एयर सहित 3 अन्य सहायक कंपनियों के मॉनिटाइजेशन का काम होगा शुरू: दीपम सचिव
दीपम के सटिव ने यह बताया है कि एयर इंडिया के निजीकरण के बाद सरकार अब एलायंस एयर सहित अपनी चार अन्य सहायक कंपनियों और भूमि और भवन जैसी गैर-प्रमुख संपत्तियों के 14700 करोड़ रुपये से अधिक के मॉनिटाइजेशन पर काम शुरू करेगी।
नई दिल्ली, बिजनेस डेस्क। दीपम के सचिव तुहिन कांता पांडे ने कहा है कि, "एयर इंडिया के निजीकरण के बाद सरकार अब एलायंस एयर सहित अपनी चार अन्य सहायक कंपनियों और भूमि और भवन जैसी गैर-प्रमुख संपत्तियों के 14,700 करोड़ रुपये से अधिक के मॉनिटाइजेशन पर काम शुरू करेगी।" सरकार ने 8 अक्टूबर को घोषणा की थी कि, टाटा समूह ने कर्ज में डूबे नेशनल कैरियर एयर इंडिया को 18,000 करोड़ रुपये में हासिल करने की बोली जीती है।
इसमें 2,700 करोड़ रुपये का नकद भुगतान और 15,300 करोड़ रुपये से अधिक का कर्ज शामिल है। तहिन कांता पांडे ने बयान देते हुए यह कहा कि, "निवेश और सार्वजनिक संपत्ति प्रबंधन विभाग (दीपम) अब एयर इंडिया की सहायक कंपनियों के मॉनिटाइजेशन के लिए एक योजना तैयार करेगा। जो विशेष प्रयोजन वाहन एआईएएचएल के साथ है। एआईएएचएल की संपत्ति के मॉनिटाइजेशन के लिए एक योजना होगी। एआईएएचएल देनदारियों को समाशोधन और संपत्तियों के निपटान के लिए यह फिर से एक बहुत बड़ा काम है। एआईएएचएल में ग्राउंड हैंडलिंग, इंजीनियरिंग और एलायंस एयर की एक कंपनी है जिसका निजीकरण किया जाना है। यह (सहायक कंपनियों की बिक्री) शुरू नहीं की जा सकी क्योंकि ये सभी एक-दूसरे से जुड़े हुए हैं। जब तक एयर इंडिया नहीं जाती, हम अन्य चीजों के साथ आगे नहीं बढ़ सकते।"
एयर इंडिया की बिक्री के अग्रदूत के रूप में, सरकार ने 2019 में एयर इंडिया समूह की लोन और गैर-प्रमुख संपत्ति रखने के लिए एयर इंडिया एसेट्स होल्डिंग लिमिटेड (एआईएएचएल) की स्थापना की थी।
31 अगस्त तक एयर इंडिया पर कुल 61,562 करोड़ रुपये का कर्ज था। इसमें से टाटा संस की होल्डिंग कंपनी टैलेस प्राइवेट लिमिटेड 15300 करोड़ रुपये लेगी और बाकी 46,262 करोड़ रुपये एआईएएचएल को ट्रांसफर किए जाएंगे। इसके अलावा, भूमि और भवन सहित एयर इंडिया की गैर-प्रमुख संपत्तियां, जिनकी कीमत 14,718 करोड़ रुपये है, को भी एआईएएचएल को हस्तांतरित किया जा रहा है। इसके अलावा, 31 अगस्त तक परिचालन लेनदारों की बकाया राशि के लिए 15,834 करोड़ रुपये की देनदारी, जैसे कि ईंधन खरीद के लिए, एआईएएचएल को हस्तांतरित की जाएगी।