खाने के तेल की कीमतों में मामूली कटौती, प्रमुख कंपनियों ने थोक भाव 4-7 रुपये प्रति लीटर घटाया

भारत अपनी 60 प्रतिशत से अधिक खाद्य तेलों की आवश्यकता को आयात के माध्यम से पूरा करता है। वैश्विक कीमतों में किसी भी वृद्धि का स्थानीय कीमतों पर सीधा प्रभाव पड़ता है। घरेलू खाद्य तेल की कीमतों में अंतरराष्ट्रीय बाजार के साथ तालमेल में वृद्धि हुई है।

By NiteshEdited By: Publish:Wed, 03 Nov 2021 03:18 PM (IST) Updated:Thu, 04 Nov 2021 08:36 AM (IST)
खाने के तेल की कीमतों में मामूली कटौती, प्रमुख कंपनियों ने थोक भाव 4-7 रुपये प्रति लीटर घटाया
Major edible oil players cut wholesale prices by Rs 4 7 a litre

नई दिल्ली, पीटीआइ। त्योहारी मौसम के दौरान उपभोक्ताओं को राहत देने के लिए अडाणी विल्मर और रुचि सोया इंडस्ट्रीज सहित प्रमुख खाद्य तेल कंपनियों ने थोक कीमतों में 4-7 रुपये प्रति लीटर की कटौती की है। उद्योग निकाय सॉल्वेंट एक्सट्रैक्टर्स एसोसिएशन (एसईए) ने मंगलवार को कहा कि बाकी और कंपनियों के द्वारा भी इसी तरह का कदम उठाये जाने की उम्मीद है।

SEA ने कहा कि जेमिनी एडिबल्स एंड फैट्स इंडिया प्राइवेट लिमिटेड (हैदराबाद), मोदी नैचुरल्स (दिल्ली), गोकुल रिफॉइल्स एंड सॉल्वेंट लिमिटेड (सिद्धपुर), विजय सॉल्वेक्स लिमिटेड (अलवर) गोकुल एग्रो रिसोर्सेज लिमिटेड और एनके प्रोटींस प्राइवेट लिमिटेड (अहमदाबाद) खाद्य तेलों की थोक दरों में कमी करने वाली अन्य कंपनियां हैं। एसईए द्वारा अपने सदस्यों से त्योहारों के दौरान उपभोक्ताओं को अधिक कीमतों से राहत देने के लिए ऐसा करने की अपील किये जाने के बाद इन कंपनियों ने थोक कीमतों में कमी की है।

एसईए के अध्यक्ष अतुल चतुर्वेदी ने एक बयान में कहा, ‘‘उद्योग से प्रतिक्रिया बहुत उत्साहजनक है।’’ एसईए ने कहा कि वे पहले ही थोक थोक कीमतों में 4,000-7,000 रुपये प्रति टन (4-7 रुपये प्रति लीटर) की कमी कर चुके हैं और बाकी कंपनियां भी खाद्य तेल की कीमतों में कमी करने जा रही हैं। चतुर्वेदी ने कहा कि इस साल घरेलू सोयाबीन और मूंगफली की फसल में तेजी आ रही है, जबकि सरसों की बुवाई की शुरुआती रिपोर्ट बहुत उत्साहजनक है और भरपूर रैपसीड फसल होने की उम्मीद है।

भारत अपनी 60 प्रतिशत से अधिक खाद्य तेलों की आवश्यकता को आयात के माध्यम से पूरा करता है। वैश्विक कीमतों में किसी भी वृद्धि का स्थानीय कीमतों पर सीधा प्रभाव पड़ता है।

विश्व खाद्य तेल आपूर्ति की स्थिति में सुधार हो रहा है जिससे अंतरराष्ट्रीय कीमतों में और गिरावट आने की संभावना है। इससे आगामी शादियों के सीजन में घरेलू कीमतों में और कमी आ सकती है। घरेलू खाद्य तेल की कीमतों में अंतरराष्ट्रीय बाजार के साथ तालमेल में वृद्धि हुई है। अंतरराष्ट्रीय बाजार- इंडोनेशिया, ब्राजील और अन्य देशों में जैव ईंधन के लिए तिलहन का उपयोग बढ़ने के बाद खानपान के उपयोग के लिए खाद्य तेलों की उपलब्धता कम होने के कारण इन तेलों की कीमतों में वृद्धि हुई है।

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