NBFCs को Aadhaar-eKYC के सत्यापन की अनुमति देने से डिजिटलीकरण को मिलेगा बढ़ावा, जानें कैसे
एनबीएफसी और पेमेंट सर्विस प्रोवाइडर्स को आधार ई-केवाइसी ऑथेंटिकेशन लाइसेंस अप्लाई करने की अनुमति देने के RBI के फैसले से डिजिटलीकरण को बढ़ावा मिलेगा एवं धोखाधड़ी को रोकने में मदद मिलेगी। फिनटेक कंपनियों ने यह राय जाहिर की है।
नई दिल्ली, पीटीआइ। एनबीएफसी और पेमेंट सर्विस प्रोवाइडर्स को आधार ई-केवाइसी ऑथेंटिकेशन लाइसेंस अप्लाई करने की अनुमति देने के RBI के फैसले से डिजिटलीकरण को बढ़ावा मिलेगा एवं धोखाधड़ी को रोकने में मदद मिलेगी। फिनटेक कंपनियों ने यह राय जाहिर की है। भारतीय रिजर्व बैंक ने कहा है कि आधार ऑथेंटिकेशन लाइसेंस-केवाईसी यूजर एजेंसी लाइसेंस या सब-केयूए लाइसेंस प्राप्त करने की इच्छा रखने वाले NBFCs, पेमेंट सिस्टम प्रोवाइडर्स और पेमेंट सिस्टम पार्टिसिपेंट्स अपने आवेदन केंद्रीय बैंक को भेज सकते हैं। इन आवेदनों को भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (UIDAI) को भेजा जाएगा।
Mswipe के प्रमुख (प्रोडक्ट) अंकित भटनागर ने कहा कि केंद्रीय बैंक की पहल से ग्राहकों के बीच आपसी विश्वास के स्तर में सुधार होगा क्योंकि केवल लाइसेंस प्राप्त कंपनियां को ही eKYC करने की अनुमति होगी।
भटनागर ने कहा, ''अब eKYC के साथ, वित्तीय सेवाओं की पेशकश करने वाली गैर-बैंकिंग संस्थाएं अनुपालन में सुधार कर सकती हैं। साथ ही KUA Licence के जरिए ग्राहकों को सीधे जोड़ सकती हैं। इस प्रक्रिया के लिए उन्हें अभी थर्ड पार्टी कंपनियों पर निर्भर रहना पड़ता है।''
इन्फ्रासॉफ्ट टेक्नोलॉजीज लिमिटेड के प्रमुख (इनोवेटिव एंड प्रोडक्ट डेवलपमेंट) मनोज चोपड़ा ने कहा कि इस कदम से एनबीएफसी, NBFC-Micro Finance Institutions, पेमेंट सिस्टम ऑपरेटर्स और पेमेंट सिस्टम पार्टिसिपेंट्स के लिए ग्राहकों को जोड़ने की प्रक्रिया सरल हो जाएगी।
NBFC ऑफलाइन वैलिडेशन या पैन वेरिफिकेशन जैसे पेपर-बेस्ड ऑथेंटिकेशन मैकेनिज्म पर निर्भर हैं। चोपड़ा ने कहा कि इस तरह की प्रक्रिया के तहत फिजिकल डॉक्युमेंट्स की तस्वीरें साझा की जाती हैं लेकिन यह प्रक्रिया थोड़ी मुश्किल भरी हो जाती है और इसमें आवेदन के खारिज होने की आशंका बनी रहती है क्योंकि शेयर किए गए फोटो की क्वालिटी अच्छी नहीं होती है।
आरबीआई कै फैसले पर टाइड (इंडिया) के सीईओ गुरजोधपाल सिंह ने कहा कि यह फिनटेक इकोसिस्टम के लिए स्वागत योग्य फैसला है।