Pension Fund से पूरी राशि निकालने की छूट देने पर सरकार कर रही विचार, अभी अधिकतम सीमा है दो लाख रुपये

7th Central pay commission वर्तमान नियम यह है कि Pension Fund में से अधिकतम 60 फीसद राशि ही निकाली जा सकती है जो दो लाख रुपये से अधिक नहीं हो सकती है। शेष 40 फीसद राशि एनपीएस में ही रखनी पड़ती है।

By Pawan JayaswalEdited By: Publish:Wed, 19 May 2021 12:19 PM (IST) Updated:Wed, 19 May 2021 08:04 PM (IST)
Pension Fund से पूरी राशि निकालने की छूट देने पर सरकार कर रही विचार, अभी अधिकतम सीमा है दो लाख रुपये
7th Pay Commission News P C : Pixabay

नई दिल्ली, आइएएनएस। सेवानिवृत्त व्यक्तियों को सरकार जल्द बड़ी राहत देने पर विचार कर रही है। इसके तहत पेंशन फंड नियामक व विकास प्राधिकरण (PFRDA) पेंशनभोगियों को अपने पेंशन फंड (Pension Fund) में से अधिकतम पांच लाख रुपये तक निकालने की सुविधा दे सकता है। वर्तमान में यह अधिकतम दो लाख रुपये है। इसका मतलब यह है कि अगर किसी के नेशनल पेंशन स्कीम (NPS) फंड में पांच लाख रुपये तक हैं, तो वह अपनी पूरी रकम निकाल सकेगा।

वर्तमान नियम यह है कि Pension Fund में से अधिकतम 60 फीसद राशि ही निकाली जा सकती है, जो दो लाख रुपये से अधिक नहीं हो सकती है। शेष 40 फीसद राशि एनपीएस में ही रखनी पड़ती है, जिसे सरकार अपने हिसाब से निवेश करती है और खाताधारक को पेंशन देती है।

सूत्रों का कहना है कि बदलते वक्त में सरकार एनपीएस धारकों को पारिवारिक जरूरतें पूरी करने में मदद करना चाहती है। इसके साथ ही सरकार चाहती है कि अगर एनपीएस धारक को लगता है कि वह उस रकम को किसी और जगह लगाकर बेहतर रिटर्न हासिल कर सकता है, तो यह फैसला उसी के ऊपर छोड़ दिया जाए।

सूत्रों के मुताबिक अगर Pension Fund में पूरे पांच लाख रुपये हैं, तब भी उससे मिलने वाला मासिक Pension इतनी कम होगा कि वह पेंशनभोगी की मासिक जरूरतों को पूरा करने में कतई सक्षम नहीं हो सकता है। ऐसे में बेहतर यही है कि उसे पूरी रकम निकाल लेने और किसी ऐसी जगह निवेश करने की आजादी दे दी जाए जहां से उसे एनपीएस के मुकाबले अच्छा रिटर्न मिल सकता है।

हालांकि, पीएफआरडीए नई योजना में भी एनपीएस फंड का एक हिस्सा अपने पास रखकर सरकारी निवेश उपकरणों में निवेश के माध्यम से 5.5 फीसद तक रिटर्न देने का पक्षधर है। इस वक्त तो महंगाई दर और पेंशन फंड से हासिल कमाई पर आयकर को जोड़ दें तो यह फंड नकारात्मक रिटर्न ही दे रहा है। इसलिए भी सरकार यह फैसला पेंशनधारक पर छोड़ने के पक्ष में है कि वह रकम निकाल ले या रहने दे।

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