कोरोना का असर: 58 प्रतिशत ने माना आय घटेगी, 83 प्रतिशत को नौकरी और कारोबार ठप होने का खतरा : सर्वे
इससे पहले 20 जुलाई से दो अगस्त 2020 के दौरान किए गए सर्वे में ऐसा कहने वाले उपभोक्ताओं की संख्या 40 प्रतिशत थी। आमदनी पर 58 प्रतिशत लोगों का कहना था कि अगले छह माह के दौरान उनकी आय कम हो जाएगी।
नई दिल्ली, पीटीआइ। कोरोना महामारी की वजह से ज्यादातर उपभोक्ताओं का मानना हे कि अगले छह माह के दौरान उनकी आमदनी कोविड-पूर्व के स्तर से कम होगी। एक ताजा सर्वे में यह कहा गया है। भारत में कोरोना वायरस महामारी की शुरुआत से उपभोक्ताओं में काफी बेचैनी है। ऐसे लोग जो आर्थिक तौर पर कमजोर हैं, वे अधिक संशय की स्थिति में हैं।
Boston Consulting group (BCG) द्वारा यह सर्वे 23 से 28 मई के दौरान किया गया। इसमें पहली, दूसरी, तीसरी और चौथी श्रेणी के शहरों तथा ग्रामीण भारत के 4,000 उपभोक्ताओं से बात की गई। सर्वे में शामिल 83 प्रतिशत लोगों का कहना था कि कोरोना वायरस उनकी नौकरी और कारोबार के लिए बड़ा खतरा है। वहीं 86 प्रतिशत ने कहा कि महामारी की वजह से आर्थिक मंदी की स्थिति बनेगी। 51 प्रतिशत उपभोक्ताओं का मानना है कि अगले छह माह के दौरान उनका खर्च निचले स्तर पर रहेगा। इससे पहले 20 जुलाई से दो अगस्त, 2020 के दौरान किए गए सर्वे में ऐसा कहने वाले उपभोक्ताओं की संख्या 40 प्रतिशत थी। आमदनी पर 58 प्रतिशत लोगों का कहना था कि अगले छह माह के दौरान उनकी आय कम हो जाएगी।
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शहरी और समृद्ध लोगों की दैनिक जीवनशैली पर महामारी का प्रभाव अधिक नजर आ रहा है। सर्वे में कहा गया है कि कम संपन्न लोग आर्थिक तौर पर ज्यादा संशय की स्थिति में थे। बीसीजी इंडिया की प्रबंध निदेशक एवं भागीदार निमिषा जैन ने कहा, ''निश्चित रूप से लोगों में अनिश्चितता की स्थिति है, लेकिन सर्वे के दौरान कई सकारात्मक चीजें भी देखने को मिलीं।'
जैन ने कहा, 'विभिन्न श्रेणियों में खर्च को लेकर धारणा समान तरीके से प्रभावित नहीं हुई है। आवश्यक खर्च, स्वास्थ्य, घर में मनोरंजन पर लोग खर्च करेंगे। हालांकि, कुछ विवेकाधीन खर्चों को लोग कम करेंगे।'