एक और सहकारी बैंक आया RBI के चंगुल में, 30 लाख रुपए का लगा जुर्माना

एक और सहकारी बैंक पर भारी penalty लगी है। भारतीय रिजर्व बैंक ने कहा कि पुणे के जनता सहकारी बैंक लिमिटेड पर कुछ निर्देशों का पालन न करने के लिए 30 लाख रुपये का जुर्माना लगाया गया है।

By Ashish DeepEdited By: Publish:Tue, 12 Oct 2021 11:33 AM (IST) Updated:Tue, 12 Oct 2021 12:47 PM (IST)
एक और सहकारी बैंक आया RBI के चंगुल में, 30 लाख रुपए का लगा जुर्माना
जुर्माना आरबीआई के निर्देशों का पालन न करने के लिए लगाया गया है। (pti)

नई दिल्‍ली, पीटीआइ। भारतीय रिजर्व बैंक ने कहा कि पुणे के जनता सहकारी बैंक लिमिटेड पर कुछ निर्देशों का पालन न करने के लिए 30 लाख रुपये का जुर्माना लगाया गया है। रिजर्व बैंक ने कहा, यह जुर्माना, निगरानी कार्रवाई ढांचे (एसएएफ) के तहत आरबीआई द्वारा जारी विशिष्ट निर्देशों और 'यूसीबी (शहरी सहकारी बैंक) में धोखाधड़ी: निगरानी और रिपोर्टिंग तंत्र में परिवर्तन' पर आरबीआई के निर्देशों का पालन न करने के लिए लगाया गया है।

रिजर्व बैंक ने कहा कि 31 मार्च, 2019 को बैंक की वित्तीय स्थिति के संदर्भ में वैधानिक निरीक्षण, उससे संबंधित निरीक्षण रिपोर्ट और सभी संबंधित पत्राचार की जांंच से पता चला कि बैंक ने संवेदनशील क्षेत्रों (रियल एस्टेट) को उधारी तथा धोखाधड़ी का वर्गीकरण एवं उसकी रिपोर्टिंग के संदर्भ में निर्देशों का पालन नहीं किया था।

हालांकि, रिजर्व बैंक ने कहा कि जुर्माना नियामक अनुपालन में कमी पर आधारित है और बैंक द्वारा अपने ग्राहकों के साथ किए गए किसी भी लेनदेन या संमझौते की वैधता पर प्रश्न खड़े करने का उसका कोई इरादा नहीं है।

दूसरी तरफ भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने लघु वित्त बैंक (एसएफबी) के लिए विशेष दीर्घकालिक रेपो परिचालन (एसएलटीआरओ) योजना के संबंध में संशोधित परिचालन दिशानिर्देश जारी किए। पिछले सप्ताह घोषित मौद्रिक नीति में केंद्रीय बैंक ने एसएलटीआरओ योजना को 31 दिसंबर 2021 तक बढ़ाने की बात कही थी। इससे पहले योजना 31 अक्टूबर 2021 तक ही थी।

आरबीआई ने कहा कि लघु वित्त बैंक आम लोगों और छोटे व्यवसायों को कर्ज देने में प्रमुख भूमिका निभाते हैं और इसलिए रेपो दर पर तीन वर्ष के लिए 10,000 करोड़ रुपये की एसएलटीआरओ सुविधा उन्हें 31 दिसंबर 2021 तक जारी रहेगी। इसके तहत प्रति कर्जदार 10 लाख रुपये तक के नए ऋण दिये जा सकते हैं।आरबीआई ने सोमवार को एक बयान में कहा कि तरलता समायोजन सुविधा (एलएएफ) के तहत पात्र सभी एसएफबी इस योजना में भाग ले सकते हैं।

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