देश को मिला 100वां यूनिकार्न, नियोबैंक प्लेटफार्म 'Open' का वैल्यूएशन एक अरब डालर हुआ
Neo bank Open देश का 100वां यूनिकार्न बन गया है। इसका वैल्यूूएशन1 अरब रुपये के पार चला गया है। देश में 20 लाख से अधिक व्यवसायों द्वारा नियोबैंक प्लेटफार्म का उपयोग किया जा रहा है और यह प्रत्येक साल 30 अरब डालर का ट्रांजेक्शन कर रहा है
नई दिल्ली, आइएएनएस। बेंगलुरु स्थित नियोबैंक प्लेटफार्म 'ओपेन' 100वां यूनिकार्न बन गया है। नए सिरे से फंडिंग जुटाने के बाद कंपनी का वैल्यूएशन एक अरब डालर को पार कर गया है। एक अरब डालर के वैल्यूएशन वाले स्टार्टअप को यूनिकार्न माना जाता है। ओपेन के को-फाउंडर और मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) अनीश अच्युतन ने कहा कि हाल ही में कंपनी में आइआइएफएल के नेतृत्व में मौजूदा निवेशक टाइगर ग्लोबल, टेमसेक और थ्रीवनफोर कैपिटल ने भी निवेश किया है। उन्होंने कहा कि देश में 20 लाख से अधिक व्यवसायों द्वारा नियोबैंक प्लेटफार्म का उपयोग किया जा रहा है और यह प्रत्येक साल 30 अरब डालर का ट्रांजेक्शन कर रहा है।
बेंगलुरु स्थित प्रबंधन परामर्श फर्म रेडसीर के मुताबिक नियोबैंक पारंपरिक बैंकों द्वारा दी जाने वाली सेवाओं और डिजिटल युग में ग्राहकों की अपेक्षाओं के बीच खाई को पाट रहे हैं। ओपेन अब तक विभिन्न निवेशकों से लगभग 18.7 करोड़ डालर जुटा चुका है। वेंचर इंटेलिजेंस के आंकड़ों के अनुसार, भारतीय स्टार्टअप ने 2022 की पहली तिमाही के दौरान 10 अरब डालर से अधिक जुटाए हैं जो 2021 की इसी समयावधि के 5.7 अरब डालर से बहुत अधिक है। जनवरी से मार्च के दौरान 14 स्टार्टअप यूनिकार्न बने हैं।
किसी भी नियो बैंक को आरबीआइ ने नहीं दिया लाइसेंस
नियो बैंक का कामकाज 100 प्रतिशत डिजिटल होता है। इसकी कोई ब्रांच नहीं होती है। हर काम एप के जरिये होता है। नियो बैंक हर ऐसी बैंकिंग सुविधाएं देते हैं जो परंपरागत बैंक में मिलती है। भारत में करीब एक दर्जन नियो बैंक हैं। इनमें रेजरपेएक्स, ओपन, नियो शामिल हैं। भारत में अभी तक भारतीय रिजर्व बैंक ने नियो बैंक को लाइसेंस नहीं दिया है। इस वजह से ये बैंक परंपरागत बैंकों के साथ मिलकर बैंकिंग सेवाएं देते हैं। इस मामले में आइसीआइसीआइ बैंक सबसे आगे है।