बढ़िया क्रेडिट स्कोर के बावजूद नहीं मिल रहा है Loan? ये हो सकती हैं वजहें

Bank Loan अगर कर्ज लेने वाले का कुल मौजूदा ईएमआई पुनर्भुगतान अमाउंट उसकी मासिक आय के 50 फीसद से कम है तो उसके नए लोन आवेदन के मंजूर होने की संभावना बढ़ जाती है। PC Pixabay

By Pawan JayaswalEdited By: Publish:Tue, 04 Aug 2020 07:30 PM (IST) Updated:Thu, 06 Aug 2020 08:10 AM (IST)
बढ़िया क्रेडिट स्कोर के बावजूद नहीं मिल रहा है Loan? ये हो सकती हैं वजहें
बढ़िया क्रेडिट स्कोर के बावजूद नहीं मिल रहा है Loan? ये हो सकती हैं वजहें

नई दिल्ली, बिजनेस डेस्क। लोन लेते समय क्रेडिट स्कोर बहुत मायने रखता है। अच्छा क्रेडिट स्कोर होने पर लोन जल्द मिल जाता है और ब्याज दर के कम रहने की भी संभावना रहती है, लेकिन कई बार अच्छे क्रेडिट स्कोर के बावजूद लोन नहीं मिल पाता है। इसके पीछे कुछ कारण होते हैं। जब भी कोई कर्जदाता को लोन के लिए आवेदन मिलता है, तो वह यह देखता है कि क्या कर्ज लेने वाला समय पर पूरे ब्याज के साथ लोन चुका पाएगा। कर्जदाता कई तथ्यों के जरिए यह बात पता करता है और अगर उसे कोई संशय होता है, तो लोन में देरी हो सकती है या फिर लोन डील रद्द हो सकती है। आइए जानते हैं कि वे कौनसे कारण हैं, जिनकी वजह से अच्छे क्रेडिट स्कोर को बावजूद लोन नहीं मिल पाता।

उम्र

कर्ज लेने वाले की उम्र काफी मायने रखती है। बहुत बार 60 साल से अधिक के लोगों का लोन मंजूर नहीं होता है। कई बार तो अपनी रिटायरमेंट आयु के पास आ चुके लोग होम लोन या 15 से 25 साल की अवधि वाला 50 साल से अधिक का लोन लेने के योग्य नहीं होते हैं। कर्जदाता को लगता है कि रिटायर होने के बाद कर्ज लेने वाला ईएमआई भरने में समर्थ नहीं होगा।

मासिक आय

किसी भी लोन आवेदन में मासिक आय बहुत अधिक महत्व रखती है। जब भी कोई कर्जदाता कोई लोन आवेदन प्राप्त करता है, तो वह आवेदक की पुनर्भुगतान क्षमता का आकलन करता है। यह आकलन मासिक आय, आय के स्रोत की स्थिरता और आश्रितों की संख्या के आधार पर किया जाता है। अगर आपका क्रेडिट स्कोर उच्च है, लेकिन मासिक आय कम है, तो आपके लोन आवेदन के रद्द होने की बहुत अधिक संभावना होती है।

ईएमआई और आय का रेशियो

लोन मंजूर करते समय कर्जदाताओं द्वारा ईएमआई-इनकम रेशियो देखा जाता है। अगर कर्ज लेने वाले का कुल मौजूदा ईएमआई पुनर्भुगतान अमाउंट उसकी मासिक आय के 50 फीसद से कम है, तो उसके नए लोन आवेदन के मंजूर होने की संभावना बढ़ जाती है।

नौकरी से जुड़ी बातें

अधिकतर बैंक और वित्तीय संस्थान लोन लेन वाले के लिए कम से कम दो साल के वर्क एक्सीरियंस की मांग करते हैं। इससे डिफॉल्ट होने का जोखिम कम हो जाता है। वहीं, अगर आप जल्दी-जल्दी जॉब बदल रहे हैं, तो यह एक अस्थिर करियर की निशानी होती है। ऐसे लोगों की विश्वसनीयता कम आकी जाती है।

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