पांच वर्ष में रोजगार के लिए हाय-हाय करते रह गए मजदूर

बेतिया । प्रखंड की बस्ठा पंचायत। पंचायत में कुल 15 वार्ड हैं। आबादी करीब 15 हजार हैं।

By JagranEdited By: Publish:Sun, 17 Oct 2021 10:07 PM (IST) Updated:Sun, 17 Oct 2021 10:07 PM (IST)
पांच वर्ष में रोजगार के लिए हाय-हाय करते रह गए मजदूर
पांच वर्ष में रोजगार के लिए हाय-हाय करते रह गए मजदूर

बेतिया । प्रखंड की बस्ठा पंचायत। पंचायत में कुल 15 वार्ड हैं। आबादी करीब 15 हजार हैं। पंचायत के अंतर्गत दिउलिया, पीपरपाती, बस्ठा, लंगडी, भरवलिया एवं बौद्ध बरवा आदि प्रमुख गांव है। । विगत पांच वर्षों में पंचायत में विकास का काफी काम हुआ है। कई सड़कें और गलियां चकाचक हो गई है। नालियों का निर्माण हुआ है। लेकिन पांच वर्ष के दौरान रोजगार सृजन को लेकर कुछ खास काम नहीं हुआ। मनरेगा योजना से रोजगार के लिए पिछले पांच वर्ष मजदूर हाय- हाय करते रह गए। सरकार की महत्वकांक्षी नल जल योजना भी पूरी तरह कारगर नहीं है। ग्रामीण शेख अफजल का कहना है कि 5 वर्षों में विकास का काम हुआ है। लेकिन अभी भी कई समस्याएं बरकरार है। ग्रामीण शेख नुमान का कहना है कि इस पंचायत मुख्यालय बस्ठा गांव से बौद्धबरबा गांव को जोड़ने वाली सड़क आज भी जर्जर है। जगह-जगह से ईट सोलिग उखड़ गया हैं। जिससे इस रास्ते पर आवागमन में काफी कठिनाई होती है। ग्रामीण नियाज अहमद का कहना है कि यहां से अनुमंडल मुख्यालय नरकटियागंज जाने वाली सड़क काफी जर्जर है। यहां के लोगों को स्वास्थ्य सुविधा गांव में नहीं मिल पाता है। कहने का यहां उप स्वास्थ्य केंद्र है। लेकिन वह भी चलता नहीं। यदा-कदा ही स्वास्थ्य कर्मी आते हैं।

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लोगों को स्वास्थ्य सुविधा नहीं मिलना पंचायत की बड़ी समस्या

पंचायत के विभिन्न क्षेत्रों के लोगों को स्वास्थ्य सुविधा नहीं मुहैया होता है। यहां की एक बड़ी समस्या है।, मनकेश्वर यादव, सुरेश प्रसाद, संजय कुमार, द्वारिका प्रसाद, कृपा पंडित, शेख नन्हा, संदीप पटेल बताते हैं कि यहां लोगों का स्वास्थ्य भगवान भरोसे है। उप स्वास्थ्य केंद्र केवल कागजों में ही संचालित है। रोजी रोजगार के लिए भी यहां कोई व्यवस्था नहीं है। स्मार्ट पंचायत का सपना अधूरा है।

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बोले लोग :

फोटो- 10

पंचायत में कई गांवों में अभी भी लोगों को शुद्ध पेयजल नहीं मिलता है। रोजगार एक बड़ी समस्या है। रोजगार की व्यवस्था नहीं होने से पलायन जारी है।

शेख भनू , ग्रामीण

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फोटो- 08

उप स्वास्थ्य केंद्र का संचालन नियमित नहीं होता। प्राथमिक उपचार के लिए भी यहां के लोगों को प्रखंड मुख्यालय या फिर क्वैकों के पास जाना पड़ता है।

रोहित कुमार , ग्रामीण

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फोटो- 07

विगत 5 साल में पंचायत का विकास तो हुआ है, लेकिन अभी भी बरसात का पानी सड़कों पर लग जा रही है। जिससे आवागमन में परेशानी होती है।

संजय प्रसाद , ग्रामीण

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पंचायत में विकास की और आवश्यकता है। विकास कार्य पारदर्शी तरीके से होना चाहिए। समस्याओं की प्रमुखता सूची बनने के बाद हीं कार्य होना चाहिए।

जनक बाजपेयी , ग्रामीण

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पंचायत एक नजर में

कुल आबादी -- 15000

वार्डों की संख्या -- 15

स्कूल -- 06

आंगनबाड़ी केंद्र --15

जन वितरण दुकान -- 04

पशु चिकित्सालय --00

उपस्वास्थ्य केंद्र -- 01

वृक्षारोपण- 6000

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कोट--

विगत 5 वर्षों में पंचायत का काफी विकास हुआ है। सड़कें, नालियां बनवाई गई है। विभिन्न योजनाओं के तहत काम हुआ है। अभी और विकास की आवश्यकता है। किसानों के लिए पटवन एक समस्या है।

इकबाल अहमद, मुखिया प्रतिनिधि , बस्ठा पंचायत, मैनाटांड़

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