नदी के रास्ते नेपाल से भारत आ रहे मजदूर, कोरोना विस्फोट का खतरा

गंडक नदी के रास्ते पड़ोसी देश नेपाल से मजदूरों व अन्य लोगों का आवागमन जारी है। जिससे कोरोना विस्फोट का खतरा बढ़ गया है। रोजगार की तलाश में भारत से नेपाल गए मजदूरों को पड़ोसी देश नेपाल में कोरोना वायरस के कारण लॉक डाउन होने की वजह से काम नहीं मिल रहा है।

By JagranEdited By: Publish:Fri, 07 May 2021 12:28 AM (IST) Updated:Fri, 07 May 2021 12:28 AM (IST)
नदी के रास्ते नेपाल से भारत आ रहे मजदूर, कोरोना विस्फोट का खतरा
नदी के रास्ते नेपाल से भारत आ रहे मजदूर, कोरोना विस्फोट का खतरा

बगहा । गंडक नदी के रास्ते पड़ोसी देश नेपाल से मजदूरों व अन्य लोगों का आवागमन जारी है। जिससे कोरोना विस्फोट का खतरा बढ़ गया है।

रोजगार की तलाश में भारत से नेपाल गए मजदूरों को पड़ोसी देश नेपाल में कोरोना वायरस के कारण लॉक डाउन होने की वजह से काम नहीं मिल रहा है। घर वापसी के क्रम में गंडक नदी की खुली सीमा के रास्ते नाव के सहारे वीटीआर के चुलभटटा जंगल के रास्ते भारतीय क्षेत्र में प्रवेश कर रहे हैं। नाविकों द्वारा नदी पार कराने की एवज में 250 रुपये प्रति व्यक्ति की दर से आर्थिक शोषण कर गंडक नदी पार कराया जा रहा है। भारतीय क्षेत्र में इनकी कोरोना जांच की कोई व्यवस्था नहीं है। ये अपने गंतव्य के लिए बसों के द्वारा प्रस्थान कर रहे हैं।

पश्चिम चंपारण जिले के मझौलिया प्रखंड के बैठनिया गांव निवासी लड्डू कुमार, संतोष महतो श्रीकांत कुमार, शीतल कुमार, विशाल कुमार, अखिलेश कुमार आदि ने बताया कि वे रोजगार की तलाश में बुटवल(नेपाल) गए थे। नेपाल में लॉक डाउन लगने की वजह से वे घर वापस जा रहे हैं। इस बाबत सशस्त्र सीमा बल गंडक बराज के कंपनी कमांडर कालिदास ने बताया कि मामले की जांच की जा रही है। नदी के रास्ते अनाधिकृत रूप से घुसपैठ करने और कराने वालों के विरुद्ध कड़ी कार्रवाई की जाएगी। कोरोना से कोइरपट्टी के पैक्स अध्यक्ष की मौत

कोरोना के कहर ने ठकराहां प्रखंड के एक नवयुवक की जान ले ली।

ठकराहां प्रखंड के कोईरपट्टी पंचायत के पैक्स अध्यक्ष विजय कुशवाहा (40) की मृत्यु कोरोना संक्रमण के दौरान हृदयघात से हो गई। उनका अंतिम संस्कार कोरोना प्रोटोकॉल के अनुसार बांसी नदी के शिवाघाट पर किया गया।

दिवंगत पैक्स अध्यक्ष के पिता डॉ. हरदेव प्रसाद ने बताया कि विगत छह दिन पहले पैक्स अध्यक्ष विजय कोरोना से संक्रमित हो गए। जांच के बादे वे होम आइसोलेशन में रह रहे थे। दो दिन पूर्व अचानक उनकी तबीयत बिगड़ गई। तब उन्हें गोरखपुर के एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया। जहां उनका उपचार शुरू हुआ। स्थिति में सुधार ना देखकर बुधवार को डॉक्टरों ने उन्हें रेफर कर दिया। दिल्ली के लिए ले जाने के क्रम में रास्ते में उनकी मौत हो गई।

chat bot
आपका साथी