बंध्याकरण के बाद पूरी रात दर्द से कराहती रहीं महिलाएं

बगहा। पिपरासी में गुरुवार की शाम प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में बंध्याकरण शिविर का आयोजन किया गया। सू

By JagranEdited By: Publish:Sat, 23 Feb 2019 12:12 AM (IST) Updated:Sat, 23 Feb 2019 12:12 AM (IST)
बंध्याकरण के बाद पूरी रात दर्द से कराहती रहीं महिलाएं
बंध्याकरण के बाद पूरी रात दर्द से कराहती रहीं महिलाएं

बगहा। पिपरासी में गुरुवार की शाम प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में बंध्याकरण शिविर का आयोजन किया गया। सूर्य क्लीनिक की टीम को सुबह में ही आना था। लेकिन टीम शाम में पहुंची। मरीज एवं परिजन दिनभर परेशान रहे। अस्पताल के चिकित्सक भी बंध्याकरण के निबंधित महिलाओं के परिजनों को जवाब देते देते परेशान रहे। आखिरकार टीम पहुंची और आनन फानन में 30 महिलाओं का बंध्याकरण किया गया। बंध्याकरण करने के बाद मेडिकल टीम देर शाम में चली गई। मरीजों को दवा आदि भी नहीं दिया गया। पूरी रात महिलाएं दर्द से कराहती रहीं। कोई पूछने वाला नहीं था। जब महिलाओं के परिजन अस्पताल के चिकित्सकों एवं कर्मियों के पास जाते थे तो वे यह कह कर पल्ला झाड़ लेते थे कि जिस संस्था ने ऑपरेशन किया है उन्हीं की जिम्मेदारी है। मरीज के परिजन संजय कुशवाहा, भागवत प्रसाद, आलोक कुमार ने बताया कि अस्पताल की अव्यवस्था के कारण काफी परेशानी हुई। प्रमुख ने बताया कि इस अव्यवस्था के विरोध में सिविल सर्जन एवं अन्य अधिकारियों से शिकायत की गई है। मौके पर उप प्रमुख विनोद तिवारी, बीडीसी मंगर राम,पूर्व उप प्रमुख विजय कुशवाहा, विरेन्द्र चौधरी उपस्थित रहे ।

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अव्यवस्था देख भड़के प्रखंड प्रमुख

पीएचसी में बंध्याकरण शिविर में गड़बड़ी की सूचना पर गुरुवार की देर रात में निरीक्षण करने के लिए प्रखंड प्रमुख तथा उप प्रमुख पहुंचे। प्रमुख यशवंत नारायण यादव ने बताया कि एक संस्था के द्वारा महिलाओं का बंध्याकरण किया गया था। दवा आदि की व्यवस्था भी नहीं की गई थी। दर्द के इंजेक्शन की व्यवस्था नहीं थी। मरीज दर्द से कराह रहे थे। जब प्रमुख ने स्थानीय चिकित्सकों पर दबाव बनाया तो वे महिलाओं के उपचार के लिए आगे आए। हालांकि दर्द की दवा अस्पताल में नहीं होने के कारण मरीज के परिजनों को बाहर से खरीदकर लाना पड़ा।

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बंध्याकरण कैंप में भोजन की व्यवस्था नहीं

रात में सर्जरी करने के बाद सुबह में महिलाओं को खिचड़ी दी जाती है। खिचड़ी की व्यवस्था अस्पताल की ओर से की जाती है। प्रमुख ने बताया कि सर्जरी करने के बाद संस्था के लोग चले गए। सुबह में खिचड़ी के लिए भी महिलाएं परेशान रहीं। अस्पताल कर्मियों ने बताया कि यह संस्था की जिम्मेदारी है। प्रमुख ने इसकी शिकायत सिविल सर्जन एवं अन्य अधिकारियों से की।

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यूपी की महिलाओं का बंध्याकरण

कैंप में 30 महिलाओं का ऑपरेशन किया गया, जिसमें करीब 80 फ़ीसद महिलाएं उत्तर प्रदेश की थीं। डेटा ऑपरेटर र¨वद्र कुमार शर्मा ने बताया कि कुल 37 महिलाओं का पंजीकरण किया गया था । जिसमें 7 महिलाएं जांच करने के बाद फिट नही मिली । जिसके कारण इनका ऑपरेशन नहीं किया गया। सूर्या क्लीनिक की ओर से बंध्याकरण किया गया। सारी जिम्मेदारी संस्था की थी। लेकिन संस्था के सदस्य काफी विलंब से आए और सर्जरी करने के बाद तुरंत चले भी गए।

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इनसेट बयान :

बंध्याकरण कैंप जिला से आई मेडिकल टीम ने किया। टीम काफी विलंब से पहुंची। बंध्याकरण की सारी जिम्मेदारी उसी संस्था की होती है। कुछ गड़बड़ी की सूचना मिली है। इसको लेकर वरीय अधिकारियों को सूचित किया जाएगा।

-- रवींद्र कुमार मिश्र, प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी , पीएचसी पिपरासी

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