महिलाओं को मिले सम्मान, उच्च शिक्षा की हो व्यवस्था

बगहा । पंचायत चुनाव में प्रत्याशी जहां कई तरह के वादे व दावे कर रहे हैं। वहीं चुनाव में अपनी अहमद भूमिका निभाने वाले आधी आबादी की अपनी अलग राय व मांग है।

By JagranEdited By: Publish:Mon, 25 Oct 2021 11:03 PM (IST) Updated:Mon, 25 Oct 2021 11:03 PM (IST)
महिलाओं को मिले सम्मान, उच्च शिक्षा की हो व्यवस्था
महिलाओं को मिले सम्मान, उच्च शिक्षा की हो व्यवस्था

बगहा । पंचायत चुनाव में प्रत्याशी जहां कई तरह के वादे व दावे कर रहे हैं। वहीं चुनाव में अपनी अहमद भूमिका निभाने वाले आधी आबादी की अपनी अलग राय व मांग है। चूंकि लोकतंत्र में एक एक वोट कीमती है। ऐसे में देश की आधी आबादी को दरकिनार कर चलने की कोई कल्पना भी नहीं कर सकता।

प्रखंड में पंचायत चुनाव में कई प्रत्याशी अपनी किस्मत आजमा रहे हैं। इन प्रत्याशियों को लेकर महिला वर्ग भी मुखर है। महिलाएं व युवतियां भी अपनी बात व पसंद नापसंद को लेकर रख रही हैं। कोई महिलाओं की सम्मान व सुरक्षा की बात करता है तो, कोई उच्च शिक्षा की। वहीं कुछ महिलाएं गांव स्तर पर समुचित स्वास्थ्य सुविधा की बहाली की मांग भी कर रहे हैं। इनमें महिलाओं के साथ युवती मतदाता भी शामिल हैं। महिलाओं ने कहा गांव हो या नगर अब सभी जगह की महिला जागरूक हो गई हैं। महिलाओं के सोच में पहले की अपेक्षा काफी बदलाव आया है। इनका मत किसी भी प्रत्याशी की दशा व दिशा दोनों तय करने में सक्षम हैं। उम्मीदवार ऐसा होना चाहिए जो महिलाओं को सम्मान दे। उसको ही तरजीह देना ठीक रहेगा।

रमावती देवी, ग्रामीण महिलाओं के एकजुटता से आसानी से बदलाव हो सकता है। इस बात को उम्मीदवारों को भी सोचना होगा। आधी आबादी की अनदेखी भारी पड़ सकती है। महिलाओं के सुरक्षा का दायित्व लेने वाले प्रत्याशियों को मौका दिया जा सकता है। वैसे ग्रामीण स्तर पर बालिकाओं के उच्च शिक्षा का भी इंतजाम होना चाहिए।

रीना देवी महिला वर्ग को यह अच्छी तरह पता है कि कौन अच्छा है और कौन खराब। पर, गांवों में जो समुचित स्वास्थ्य सुविधाओं की बहाली को लेकर कदम आगे बढ़ाए ऐसे लोगों को ही महत्व देना ठीक है। समाज में सभी को बराबर की नजर से देखने वालों को भी अहमियत दी जाएगी।

रागिनी कुमारी, युवती विकास के साथ गांवों में ही बच्चियों के उच्च शिक्षा की व्यवस्था हो। गांव में स्वास्थ्य के लिए सुविधा हो। जिससे किसी भी स्थिति में महिलाओं को इलाज के लिए बाहर का रूख नहीं करना पड़े। पर, इन सबके अलावा उम्मीदवारों के शिक्षा व संस्कार को भी देखना जरूरी है।

बबीता देवी, सोनखर

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