संविदा पर बहाल वनकर्मियों के हड़ताल पर जाने से वीटीआर की सुरक्षा व्यवस्था चरमराई

बगहा। संविदा पर बहाल वन कर्मियों के हड़ताल पर जाने से वीटीआर की सुरक्षा पर खतरा मंडरान

By JagranEdited By: Publish:Fri, 06 Aug 2021 12:03 AM (IST) Updated:Fri, 06 Aug 2021 12:03 AM (IST)
संविदा पर बहाल वनकर्मियों के हड़ताल पर जाने से वीटीआर की सुरक्षा व्यवस्था चरमराई
संविदा पर बहाल वनकर्मियों के हड़ताल पर जाने से वीटीआर की सुरक्षा व्यवस्था चरमराई

बगहा। संविदा पर बहाल वन कर्मियों के हड़ताल पर जाने से वीटीआर की सुरक्षा पर खतरा मंडराने लगा है। वनकर्मियों के हड़ताल पर जाने के बाद यह स्थिति उत्पन्न हुई है। अनुबंध पर बहाल वन कर्मियों के कामबंद करने के चलते वन्य प्राणियों एवं वन संपदा की सुरक्षा खतरे में पड़ गयी है। इस बीच नई व्यवस्था के तहत वन विभाग ने वनरक्षकों की अगुवाई में वन्य जीव सुरक्षा एवं जंगलों की निगरानी का दावा किया जा रहा है, लेकिन इनको टाइगर ट्रैकिग एवं हाथी की देखभाल का अनुभव न होने से यह कवायद नौसीखियों के हाथ में सुरक्षा सौंपने जैसी नजर आ रही है।

गौरतलब है कि वनमंडल दो के चार वन क्षेत्र के वनकर्मी सामूहिक रूप से पिछले सात दिनों से कामबंद हड़ताल पर हैं। इस दौरान हाथी शेड अमले के काम बंद कर देने से हालात और बिगड़ रहे हैं। आलम यह है कि रेंजों में कामकाज ठप पड़ गया है। बता दें कि 30 जुलाई से संविदा पर बहाल वन कर्मी अनिश्चितकालीन हड़ताल पर है। कर्मचारी रेंज मुख्यालयों पर हड़ताल कर रहे हैं। इसके कारण जंगल की सुरक्षा चरमरा गई है। अवैध कटाई से लेकर बाघ समेत दूसरे वन्यजीवों की सुरक्षा भी खतरे में हैं। अपने स्तर पर व्यवस्था करने के साथ ही विभाग ने वैकल्पिक सुरक्षा के मद्देनजर इंतजाम में जुटी है।

शिकार व अवैध कटाई अतिक्रमण बढऩे की आशंका--

बेमियादी हड़ताल पर वनकर्मियों के जाने के बाद जंगलों की सरहद के अंदर वन्य जीवों के शिकार, अवैध कटाई तथा अतिक्रमणकारियों के पैर पसारने की आशंका गहराने लगी है। आंकड़ों पर गौर करें तो वर्तमान समय में जंगल में वन माफिया भी सक्रिय हो जाता है। लिहाजा जंगल की सुरक्षा हांसिये पर दिख रही है। साथ ही, गश्त भी प्रभावित हैं।वनकर्मियों के हड़ताल पर जाने के बाद जंगल व वन्यप्राणियों को खतरा बढ़ता देख वन विभाग वैकल्पिक व्यवस्था करने में जुटी है। वन महकमा द्वारा जारी आदेश के मुताबिक किसी भी हालत में जंगल की कटाई न हो, वन्यप्राणियों को नुकसान न पहुंचे।

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