ग्रामीण क्षेत्रों में जागरूकता की कमी, नहीं चलाया जाता अभियान

बगहा। बढ़ती जनसंख्या के प्रति लोगों को जागरूक करने के लिए प्रत्येक वर्ष 11 जुलाई को विश्व जनसंख्

By JagranEdited By: Publish:Sat, 10 Jul 2021 10:53 PM (IST) Updated:Sat, 10 Jul 2021 10:53 PM (IST)
ग्रामीण क्षेत्रों में जागरूकता की कमी, नहीं चलाया जाता अभियान
ग्रामीण क्षेत्रों में जागरूकता की कमी, नहीं चलाया जाता अभियान

बगहा। बढ़ती जनसंख्या के प्रति लोगों को जागरूक करने के लिए प्रत्येक वर्ष 11 जुलाई को विश्व जनसंख्या दिवस मनाया जाता है। इस दिन को मनाने का उद्देश्य यह है कि विश्व के हर एक व्यक्ति बढ़ती जनसंख्या की ओर ध्यान दे और जनसंख्या को रोकने में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाए। बढ़ती जनसंख्या विश्व के कई देशों के साथ भारत के सामने बड़ी समस्या का रूप ले चुकी है। खासकर विकासशील देशों में जनसंख्या विस्फोट एक गंभीर चिता का विषय है। इस दिन लोगों को परिवार नियोजन, लैंगिक समानता, मानवाधिकार और मातृत्व स्वास्थ्य के बारे में जानकारी दी जाती है। 11 जुलाई को विश्व जनसंख्या दिवस मनाने की शुरुआत साल 1989 में संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम की संचालक परिषद द्वारा की गई थी। उस समय से प्रत्येक वर्ष 11 जुलाई को यह दिवस मनाया जाता है। इस दिन बढ़ती जनसंख्या के दुष्परिणामों पर प्रकाश डाला जाता है और साथ ही लोगों को जनसंख्या पर नियंत्रण रखने के लिए जागरूक किया जाता है। ग्रामीण क्षेत्रों में जनसंख्या वृद्धि से उत्पन्न समस्या के बारे में कोई जागरूकता अभियान नहीं चलाया जाता है।

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मधुबनी प्रखंड में एक साल में 453 बंध्याकरण

मधुबनी प्रखंड में जुलाई 2020 से जुलाई 2021 तक 453 महिलाओं का बंध्याकरण हुआ है। ग्रामीण क्षेत्रों में जनसंख्या नियंत्रण को लेकर महिलाएं काफी जागरूक हैं। जिसको लेकर महिलाएं बंध्याकरण कराने में आगे आ रही है। वहीं पुरुषों में नसबंदी को लेकर कोई जागरूकता नहीं है। जिसके कारण आज तक प्रखंड के एक भी पुरुष ने नसबंदी नहीं कराया है।

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2011 के जनगणना के अनुसार जिले की पूरी आबादी 3922780 हैं। जिसमें पुरुष 2057669 और महिला 1865111 हैं। 2011 में जिले की जनसंख्या दर 28.89 प्रतिशत था। एक साल में बच्चों के जन्मदर में वृद्धि हुई है। दहवा पीएचसी के अनुसार 1 जनवरी से 31 दिसंबर 2020 तक 1461 बच्चों ने जन्म लिया लिया है। जन्म लिए बच्चों में 735 बच्चे और 227 बच्चियां हैं। जिसमें तीन बच्चे की मृत्यु हुई हैं। प्रखंड के हिसाब से जिले में जनसंख्या दर में वृद्धि दर्ज की गई है।

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छोटे परिवार, सुखी परिवार के लिए चलाते अभियान

मधुबनी प्रखंड के खोतहवा पंचायत के दहवा निवासी त्रिलोकी शुक्ला और उनकी पत्नी जनसंख्या नियंत्रण को लेकर बहुत ही सक्रिय हैं। पति पत्नी ने जनसंख्या नियंत्रण को लेकर समाज में एक संदेश देने के लिए अपने जीवन में एक ही बच्चों को जन्म दिया। पति पत्नी अपने जीवन यापन के लिए पंजाब के भटिडा में नौकरी करते हैं। वहां भी अपने अड़ोस पड़ोस में एक बच्चे को जन्म देने को लेकर जागरूकता अभियान चलाते रहते हैं। इनके जागरूकता अभियान से कई परिवारों में इस बात को लेकर बदलाव भी आया है।

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