ऑनलाइन के सात माह भी नहीं मिला बिजली कनेक्शन

बगहा। गंडक पार के चारों प्रखंड के अधिकांश क्षेत्रों में बिजली का नया कनेक्शन लेने के लिए नि

By JagranEdited By: Publish:Thu, 01 Jul 2021 11:29 PM (IST) Updated:Thu, 01 Jul 2021 11:29 PM (IST)
ऑनलाइन के सात माह भी नहीं मिला बिजली कनेक्शन
ऑनलाइन के सात माह भी नहीं मिला बिजली कनेक्शन

बगहा। गंडक पार के चारों प्रखंड के अधिकांश क्षेत्रों में बिजली का नया कनेक्शन लेने के लिए निशुल्क के नाम पर 2500 से ?3000 तक की उगाही की जा रही है। विभागीय अधिकारियों के अनुसार आवेदन से लेकर मीटर लगाने तक का पूरी प्रोसेस बिल्कुल निशुल्क है। कनेक्शन का शुल्क बिजली बिल के साथ कई किस्तों में विभाग वसूल करता है। सुविधा एप के माध्यम से ऑनलाइन आवेदन से लेकर सभी प्रोसेस पूरा किया जाता है। लेकिन मधुबनी प्रखंड में बिजली व्यवस्था पूरी तरह से लचर हाल में हो गया है। विभागीय लापरवाही के कारण पूरी तरह बिचौलिए सक्रिय हो गये हैं। इन क्षेत्रों में ऑनलाइन आवेदन होने के सात माह बाद में भी विभागीय मीटर नहीं लगा पाया है।

विभागीय सह पर बिचौलियों के द्वारा आवेदन करने के बाद रिजेक्ट मीटर लगा दिया जाता है। रिजेक्ट मीटर लगाने के कारण बिजली विभाग का काफी नुकसान होता है। रिजेक्ट मीटर लगाने के दो से तीन माह बाद आवेदन कर्ता का नंबर आने पर नया मीटर लगाया जाता है जिसकी एवज में 2500 से ?3000 तक उगाही की जाती है।विभागीय सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार गंडक पार चारों प्रखंड के ग्रामीण क्षेत्रों में आवेदन करने के बाद उस एरिया में मीटर लगाने वाले कंपनी को आवेदन की सूची हैंडओवर की जाती है।जिसके बाद विभागीय के सह पर कंपनी के कर्मी और बिचौलियों के द्वारा धन का उगाही करके मीटर लगाया जाता है।अगर आवेदनकर्ता इन बिचौलियों को पैसा नहीं देता है तो इनके द्वारा मीटर नहीं लगाया जाता है।

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ग्रामीणों के साथ विभाग का भी करते हैं किरकिरी

गंडक पार चारों प्रखंडों में बिजली विभाग के लापरवाही के कारण बिचौलियों द्वारा ग्रामीणों के साथ विभाग को भी चूना लगा रहे हैं।ग्रामीणों ने बताया कि नया कनेक्शन लेने के लिए आवेदन करने के नाम पर ?2000 लिया जाता है।उसके बाद विभाग द्वारा निकाला गया रिजेक्ट मीटर लगाकर तीन माह मुफ्त कहकर बिजली चालू कर दिया जाता है।रिजेक्ट मीटर होने के कारण मीटर लगाते समय विभाग को कोई भी डिटेल नहीं दिया जाता है।जिसके कारण से इन आवेदनकर्ताओं का मुफ्त में बिजली जलता है,और विभाग का काफी नुकसान होता है।

------------ केस एक

नया कनेक्शन लेने के लिए आवेदन किया गया था।आवेदन के लिए 2000 और मीटर लगाने के नाम पर ?500 लिया गया।लाइनमैन के द्वारा रिजेक्ट मीटर लगा दिया गया था।रिजेक्ट मीटर लगने के तीन माह बाद बिजली विभाग के द्वारा जांच में इस बात की खबर मुझे दिया गया, तो हमने इसकी शिकायत कि तो फिर नया मीटर लगाया गया।

मीरा देवी ग्रामीण

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केस नंबर दो

मेरे पति के द्वारा नया कनेक्शन के लिए ऑनलाइन आवेदन किया गया था।आवेदन के लिए ?2000 लिया गया था, और मीटर लगाने के लिए ?200 लिया गया।आवेदन के दूसरे दिन रिजेक्ट मीटर लगा दिया गया।तीन महीने बाद मार्च क्लोजिग में बिजली विभाग के द्वारा जांच में पता चला कि यह मीटर रिजेक्ट है। इसकी सूचना हमने लाइनमैन को दी लाइनमैन के द्वारा तीन दिन बाद नया मीटर लगा दिया गया जिसके लिए ?200 लिया गया था।

तेतरी देवी,ग्रामीण खोतहवा

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इस तरह की सूचना हमें नहीं हैं।ग्रामीण क्षेत्रों में हर हाल में हर घर को बिजली कनेक्शन देना है।जांच में किसी के द्वारा धन उगाही की बात आती है तो करवाई होगी।

रवि प्रकाश,एसडीओ मधुबनी बिजली घर

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