लॉकडाउन और बारिश ने मजदूरों की बढ़ाई आ़फत
बगहा। मधुबनी प्रखंड के ग्रामीण क्षेत्रों में एक माह के लॉकडाउन और मानसून आने के कारण ह
बगहा। मधुबनी प्रखंड के ग्रामीण क्षेत्रों में एक माह के लॉकडाउन और मानसून आने के कारण हो रही लगातार बारिश के कारण कई परिवारों के सामने आर्थिक संकट आ गया है। मजदूरी करके परिवार का पालन पोषण करने वाले मजदूर पूरी तरह से आर्थिक तंगी से परेशान हैं। एक महीने का लगा लॉकडाउन के कारण परिवार में बेरोजगारी लग गई थी। लॉकडाउन खुलने के बाद थोड़ी सी इनको रोजगार मिली थी की मानसून आ जाने से हो रही लगातार बारिश से फिर वही आ़फत इन परिवारों पर टूट पड़ी हैं। ग्रामीण क्षेत्रों में कल कारखाने नहीं होने से नौकरी नहीं मिलती हैं। जिसके कारण अधिकांश मजदूर रोज दिहाड़ी मजदूरी पर काम करते हैं। मजदूरी से अपने परिवार का भरण पोषण करते हैं। स्थानीय प्रशासन के द्वारा भी इनकी सुध नहीं ली जा रही है।जबकि राज्य सरकार के द्वारा गांव में ही रोजगार की सृजन पर पहल की जा रही हैं।उसके बाद भी ग्रामीण क्षेत्रों में आये दिन बेरोजगारी बढते जा रही हैं।इस मुसीबत में भी ग्रामीण क्षेत्रों से अधिकांश लोग रोजगार के लिए दूसरे प्रदेश में पलायन कर रहे हैं। एक माह के लॉकडाउन में मजदूरों का काम ठप था। लॉकडाउन खुलने के बाद काम शुरू हुआ तो इन परिवारों में खुशी की लहर छा गई।लेकिन मानसून के आ जाने से प्रतिदिन बारिश हो रही है। लगातार बारिश होने से इन मजदूरों का काम फिर से बंद हो गया हैं,और इन मजदूरों पर फिर से बेरोजगारी की छाया पड़ गई हैं।जिससे इनके ऊपर आर्थिक संकट की घड़ी आ गई है। मजदूर ललन चौधरी,बिकाऊ चौधरी,चनई राम,भगन चौहान,टीकोरी साहनी आदि लोगों का कहना है कि लॉकडाउन में रोजगार बंद होने से परिवार पर कर्ज का बोझ बढ़ गया हैं,और घरों में माली हालत खराब हो गई हैं।जिसके कारण हमारा परिवार आर्थिक संकट से जूझ रहा हैं।बरसात के दिनों में बीमारियों का डर सता रहा हैं, तो बेरोजगारी के कारण आर्थिक तंगी और कर्ज में हम लोग डूब गए हैं।