निर्जला एकादशी पर बन रहा दुर्लभ संयोग, 24 एकादशी के व्रत का मिलता है फल

बगहा। ज्येष्ठ शुक्ल की निर्जला एकादशी व्रत सोमवार को रखा जाएगा। निर्जला एकादशी सबसे सर्वोत्तम एका

By JagranEdited By: Publish:Sun, 20 Jun 2021 11:23 PM (IST) Updated:Sun, 20 Jun 2021 11:23 PM (IST)
निर्जला एकादशी पर बन रहा दुर्लभ संयोग, 24 एकादशी के व्रत का मिलता है फल
निर्जला एकादशी पर बन रहा दुर्लभ संयोग, 24 एकादशी के व्रत का मिलता है फल

बगहा। ज्येष्ठ शुक्ल की निर्जला एकादशी व्रत सोमवार को रखा जाएगा। निर्जला एकादशी सबसे सर्वोत्तम एकादशी मानी जाती है। ऐसी मान्यता है कि साल में केवल एक इस एकादशी का व्रत रखने से ही पूरे साल की सभी 24 एकादशी के व्रत का फल प्राप्त होता है।

इस बाबत पंडित सत्यानंद मिश्र ने बताया कि सभी एकादशी में निर्जला एकादशी का व्रत सबसे कठिन माना जाता है। इस व्रत में भोजन के साथ ही पानी का भी त्याग करना होता है। मान्यता है कि इस दिन भगवान विष्णु की पूजा पूरे विधि-विधान से करने पर धन-धान्य, चल-अचल संपत्ति, यश, वैभव, कीर्ति, सफलता और सांसारिक खुशियों की प्राप्ति होती है। निर्जला एकादशी का महत्व--

निर्जला एकादशी का व्रत महत्वपूर्ण माना गया है। निर्जला एकादशी का व्रत सभी एकादशी व्रतों में श्रेष्ठ बताया गया है। यह व्रत सभी प्रकार की मनोकामनाओं को पूर्ण करने वाला है। इस व्रत को विधि पूर्वक करने से जीवन में सुख, शांति और समृद्धि प्राप्त होती है। दांपत्य जीवन में आने वाली परेशानियां दूर होती हैं। निर्जला एकादशी का शुभ मुहूर्त--

एकादशी तिथि प्रारंभ: 20 जून, रविवार को शाम 4 बजकर 21 मिनट से प्रारंभ

एकादशी तिथि समापन: सोमवार को दोपहर 1 बजकर 31 मिनट इस बार का एकादशी को शिव योग और सिद्धि योग खास बना रहा है। जो शुभ फल दाई है। इस दिन शिव योग के साथ सिद्धि योग भी बन रहा है। शिव योग सोमवार की शाम 05 बजकर 34 मिनट तक रहेगा। इसके बाद सिद्धि योग लग जाएगा। ज्योतिष शास्त्र में सिद्धि योग को बेहद शुभ माना जाता है। यह योग ग्रह-नक्षत्रों के शुभ संयोग से बनता है। यह योग सभी इच्छाओं को पूरा करने वाला माना जाता है। इस योग में किए गए कार्यों में सफलता हासिल होती है। इस दौरान किए गए कार्यों में शुभ परिणाम प्राप्त होने की मान्यता है।

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