बारिश ने मचाई तबाही, आधा दर्जन सड़कें ध्वस्त, आवागमन प्रभावित
बगहा। मानसूनी बरसात एक बार फिर से तबाही का मंजर लेकर अपने साथ आई है। बीते तीन दिनों से
बगहा। मानसूनी बरसात एक बार फिर से तबाही का मंजर लेकर अपने साथ आई है। बीते तीन दिनों से हो रही लगातार बारिश ने जनजीवन पूरी तरह से अस्त-व्यस्त कर दिया है। पहाड़ी बरसाती नदियों में पानी बढ़ गया है। नतीजतन मनोर, भपसा, झिकरी, कोशिल व हरहा सहित करीब आधा दर्जन से अधिक बरसाती पहाड़ी नदियों में बाढ़ आ गई है। इस बार बरसाती पहाड़ी भपसा नदी ने अपना रुख हरनाटांड़ गांव और बाजार की तरफ मोड़ दिया है। जिसकी वजह से भारी तबाही का मंजर दिख रहा है।
जानकार बताते हैं कि बीते पांच दशक में आज तक ऐसी बाढ़ नहीं देखी है। हरनाटांड़ बाजार की दुकानों व गांव के कई घरों में पहली बार बाढ़ का पानी घुसा है। जिसकी वजह से जनजीवन पूरी तरह से अस्त-व्यस्त तो हुआ ही बल्कि काफी नुकसान भी हुआ है। इधर मनोर में बाढ़ आने से गोनौली व भथोहिया टोला में घरों व दुकानों में पानी घुस गया है। जबकि भपसा में बाढ़ से पचफेड़वा गांव के अस्तित्व पर खतरा मंडरा रहा है। आधा दर्जन सड़कें हुई ध्वस्त : पहाड़ी बरसाती नदियां ऐसी उफनाई हैं कि आधा दर्जन सड़कों पर आवागमन बाधित हो गया है। दरदरी से बेरई गांव के सरेह में, नौरंगिया- बगहा व वाल्मीकिनगर मुख्य मार्ग, सिधांव तिनफेड़िया मुख्य मार्ग पर बाढ़ आने से सड़क पर आवागमन बाधित हो गया है। जबकि दोन क्षेत्र में भी बरसाती पहाड़ी नदियों ने भारी तबाही मचाई है। इसके जद में दोन क्षेत्र के अनेक गांव आ चुके हैं। जिससे चहुंओर त्राहिमाम है। इधर बाढ़ की चपेट में आने से इस बार तकरीबन आधा दर्जन से अधिक सड़कें ध्वस्त हो गई हैं। जिसमें हरनाटांड़ से बैरिया, महादेवा व बनकटवा के साथ अन्य कई सड़कें शामिल हैं। बाढ़ इतनी तेज थी कि हरनाटांड़ बनकटवा मुख्य पथ पर छोटी भपसा ने बड़ी पाइप वाली पुलिया को बहा ले गई। जिससे आवागमन पूरी तरह ठप हो गया है। हालांकि मंगलवार की रात में अधिक बारिश नहीं होने की वजह से बाढ़ का पानी सड़कों से तो उतर गया। लेकिन बुधवार की सुबह से लगातार बारिश होने के कारण खेतों में पानी ही पानी लगा हुआ है। अभी भी लोगों को बाढ़ का भय लगातार सता रहा है।