चिउरही पंचायत के दर्जनों घरों में घुसा बाढ़ का पानी, ऊंचे स्थानों पर जाने की विवशता

बगहा। लगातार बारिश के कारण मधुबनी प्रखंड के चिउरहि पंचायत के तीन वार्डों के ग्रामीणों क

By JagranEdited By: Publish:Wed, 16 Jun 2021 11:10 PM (IST) Updated:Wed, 16 Jun 2021 11:10 PM (IST)
चिउरही पंचायत के दर्जनों घरों में घुसा बाढ़ का पानी, ऊंचे स्थानों पर जाने की विवशता
चिउरही पंचायत के दर्जनों घरों में घुसा बाढ़ का पानी, ऊंचे स्थानों पर जाने की विवशता

बगहा। लगातार बारिश के कारण मधुबनी प्रखंड के चिउरहि पंचायत के तीन वार्डों के ग्रामीणों के घरों में पूरी तरह से बाढ़ का पानी घुस गया है। लोग खाने के बिना भूखे प्यासे मर रहे हैं। यहां तक कि ग्रामीणों के दरवाजे पर लगे चापाकल भी पानी में डूब गए हैं। लेकिन अब तक इन लोगों को देखने वाला कोई नहीं है।

चिउरही पंचायत के वार्ड नंबर एक उर्दही चिउरहि में दर्जनों घरों में बाढ़ का पानी आ गया है। ग्रामीण टेनी गोंड परशुराम पासवान कैलाश गोड़, गोरख मलाह ब्रह्म कुशवाहा, गया राम, विश्वनाथ राम, शिव मल्लाह, सुरेंद्र मल्लाह, देवेंद्र चौधरी, किशन देव पासवान, सुरेश यादव, केडी यादव, धर्मेंद्र यादव, योगेंद्र गोंड़, राधेश्याम गोंड़, अर्जुन शर्मा, रामनरायन गोंड़, पूजन गोंड़, अनवत गोंड़, खिचड़ी गोंड़, बलराम पासवान, मन्नू पासवान रामेश्वर राम, भिखारी राम, मुख्तार मिया, रफीक मिया, हरेंद्र शर्मा, रामशीष कुशवाहा, खीरा शर्मा, किशोर गोंड़, नगीना राम, शेष राम, मटकी कुशवाहा, हरिकिशुन कुशवाहा, नंदलाल कुशवाहा, सुरेंद्र यादव, जितेंद्र यादव रामचंद शर्मा, मनोज गोंड़, रमाकांत राम, विशाल राम सहित ग्रामीणों ने बताया कि उनके घरों में पूरी तरह से बाढ़ का पानी घुस गया है। माल मवेशी खाने के बिना रहे हैं। लोग अपने घरों में मचान बनाकर गुजर बसर कर रहे हैं। इन्हें देखने वाला तक कोई नहीं आया। इन लोगों ने कहा कि एक मुट्ठी राशन भी उपलब्ध नहीं है। मात्र एक छोटी सी नाव के सहारे ग्रामीण नदी पार कर ऊंचे स्थान पर पहुंच रहे हैं। ग्रामीणों की मानें तो अभी बहुत से लोग गांव में फंसे हुए हैं। जिन्हें निकालने की व्यवस्था की जा रही है। चिउरही एवं सिसही के लोगों को प्रति वर्ष झेलना पड़ता है बाढ़ की मार सिसहि एवं चिउरही पंचायत के लोगों को प्रति वर्ष बाढ़ की मार झेलनी पड़ती हैं।। जब बाढ़ का पानी आता है तो अंचलाधिकारी एवं अन्य प्रशासनिक लोगों के द्वारा तरह-तरह की आश्वासन दिए जाते हैं। पानी समाप्त होते ही इनके जीवन यापन पर किसी के द्वारा कोई ध्यान नहीं दिया जाता। प्रतिवर्ष अंचलाधिकारी के द्वारा ऊंचे स्थानों पर बसाने की बात कही जाती है। लेकिन समय समाप्त हो जाने के बाद इनकी स्थिति जस की तस रहती है। पिछले वर्ष भी इस पंचायत के लोगों को बाढ़ की मार झेलने के बावजूद भी नहीं मिला मुआवजा। चिउरही पंचायत की आबादी लगभग तीन हजार से ज्यादा है। पिछले वर्ष पूरा पंचायत बाढ़ में डूबा हुआ था। अंचलाधिकारी के द्वारा राजस्व कर्मचारी को भेजकर इसकी सूची भी तैयार की गई थी। लोग एक सप्ताह तक बाढ़ में फंसे रहे लेकिन उनकी देखने की बात तो दूर उन्हें खाने के लिए अनाज तक नहीं दिया गया। जबकि बाढ़ आने के पूर्व तरह-तरह के आश्वासन इन बाढ़ पीड़ितों को दिए गए थे। दर्जनों परिवार धनहा रतवल मुख्य मार्ग अपना आशियाना बना कर प्रशासनिक पदाधिकारियों की बाट जोह रहे थे। लेकिन जनप्रतिनिधि से लेकर प्रशासनिक पदाधिकारी तक इनका हाल-चाल पूछने नहीं पहुंचे। बयान बाढ़ पीड़ितों को समीक्षा की जा रही है। सभी बाढ़ पीड़ितों को ऊंचे स्थान पर ले जाने की व्यवस्था की जा रही है।

रंजीत कुमार सिंह, अंचलाधिकारी, मधुबनी

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