मधुबनी प्रखंड के दो पंचायतों में बाढ़ की मार झेलते हैं सैकड़ों ग्रामीण

बगहा। मानसून शुरू होते ही मधुबनी प्रखंड के कई पंचायतों में बाढ़ का खतरा मंडराने लगा है।

By JagranEdited By: Publish:Mon, 14 Jun 2021 11:53 PM (IST) Updated:Mon, 14 Jun 2021 11:53 PM (IST)
मधुबनी प्रखंड के दो पंचायतों में बाढ़ की मार झेलते हैं सैकड़ों ग्रामीण
मधुबनी प्रखंड के दो पंचायतों में बाढ़ की मार झेलते हैं सैकड़ों ग्रामीण

बगहा। मानसून शुरू होते ही मधुबनी प्रखंड के कई पंचायतों में बाढ़ का खतरा मंडराने लगा है। यहां सबसे ज्यादा परेशानी नदी के किनारे बसे हुए लोगों की है।

मधुबनी प्रखंड का दो पंचायत सिसही एवं चिउरही नदी के किनारे बसा हुआ है।प्रतिवर्ष बाढ़ आने पर यहां के लोगों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है।जैसे ही मानसून शुरू होता है नदी में पानी पूरी तरह से भर जाता है,और यहां की सैकड़ों परिवार अपना गुजर-बसर ऊंचे स्थानों पर करने के लिए पहुंच जाते हैं। इसके लिए मुख्य रूप से धनहा-रतवल गौतम बुद्ध सेतु के पास का बंधा कारगर होता है।लोग अपने पूरे परिवार के साथ इस बंधे पर शरण लेते हैं,या एक साल की बात नहीं हैं।प्रतिवर्ष इसकी स्थिति यही रहती है लेकिन आज तक किसी भी प्रशासनिक पदाधिकारी के द्वारा बाढ़ पीड़ित लोगों को ऊंचे स्थानों पर बचाने का काम नहीं किया गया हैं।पिछले वर्ष से सिसही पंचायत का बीरता रेता पूरी तरह से नदी से तबाह हो गया था।सैकड़ों परिवार का घर नदी में विलीन हो गया था।जिसके लिए लोगों के द्वारा बार-बार अंचलाधिकारी को आवेदन दिया गया हैं।लेकिन अब तक इन लोगों को ऊंचे स्थानों पर जगह देने की व्यवस्था तक नहीं किया गया हैं।जिससे यह लोग दर दर की ठोकर खा रहे हैं।बाढ़ पीड़ितों की मानें तो जब बाढ़ का दिन आता है तो अंचलाधिकारी के द्वारा घूम कर चारों तरफ लोगों को अलर्ट रहने की बात कही जाती है,और लोगों से यह कहा जाता है कि बाढ़ समाप्त होने के बाद ही उन्हें उचित स्थानों पर बसा दिया जाएगा लेकिन बाढ़ समाप्त होने के बाद सारी बातें प्रशासन के द्वारा भूल जाया जाता है।इस बार भी स्थिति यही होने वाली है मानसून शुरू हो चुका है वर्षा भी काफी हो रही है।इस बार भी बाढ़ पीड़ित बाढ़ के दिनों में अपने आशियाना बंधा पर बनाने की तैयारी शुरू कर दिए हैं।

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मधुबनी प्रखंड के दो पंचायतों के सैकड़ों लोग बाढ़ में हुए विस्थापित

बाढ़ विस्थापित रामधारी चौधरी,श्रवण चौधरी,मुनेश्वर यादव,रामायण यादव,घुघली मलाह,रामअज्ञा चौधरी आदि लोगों ने बताया कि पिछले वर्ष सिसही पंचायत में बाढ़ पूरी तरह से तबाही मचाई हुई थी। लेकिन प्रशासन के द्वारा यह कह कर मुआवजा नहीं दिया गया कि पूरी तरह से बाढ़ अभी गांव में नहीं आया है,जबकि बाढ़ पीड़ित विस्थापित होकर धनहा रतवल गौतम बुद्ध मुख्य बांध पर अपना जीवन यापन कर रहे थे।अंचला अधिकारी एवं कर्मचारी के द्वारा इसका मुआयना भी किया गया। लेकिन सहायता के नाम पर कुछ भी नहीं मिला इन दोनों पंचायतों में सैकड़ों एकड़ फसल पूरी तरह से बर्बाद हो गए। वहीं सिसही पंचायत का वीरता रेता पूरी तरह से नदी में विलीन हो गया,लेकिन वहां के लोगों को बसाने के लिए भी अब तक कोई प्रयास नहीं किया गया।बाढ़ हर साल पंचायत के लिए पूरी तरह से अभिशाप बनकर आता है,और लोगों के जीवन को नरक बना कर जाता हैं।

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बाढ़ से बचाव के लिए लोग कर रहे हैं तैयारी मधुबनी प्रखंड में प्रशासन के द्वारा बाढ़ पीड़ितों को बाढ़ से निजात दिलाने की तैयारी की जा रही है। वहीं इन दोनी पंचायतों के लोग भी पूरी तरह से बाढ़ आने पर अपने आप को सुरक्षित रखने की भी तैयारी कर रहे हैं।ग्रामीण अभी से ही उचित स्थानों की तलाश में लगे हुए हैं।ग्रामीणों की मानें तो मानसून शुरू हो गया है,जैसे ही बरसात ज्यादा मात्रा में होगी गांव में पूरी तरह से बाढ़ का पानी आ जाएगा लोगों का आम जीवन पूरी तरह से अस्त-व्यस्त हो जाएगा।

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