हरनाटांड़ के अस्पतालों में हीट स्ट्रोक के मरीजों की संख्या बढ़ी

बगहा। तेज धूप व गर्म हवा कहर ढ़ा रही हैं। तेज धूप और बढ़ती गर्मी के कारण हरनाटांड़

By JagranEdited By: Publish:Sun, 13 Jun 2021 11:32 PM (IST) Updated:Sun, 13 Jun 2021 11:32 PM (IST)
हरनाटांड़ के अस्पतालों में हीट स्ट्रोक के मरीजों की संख्या बढ़ी
हरनाटांड़ के अस्पतालों में हीट स्ट्रोक के मरीजों की संख्या बढ़ी

बगहा। तेज धूप व गर्म हवा कहर ढ़ा रही हैं। तेज धूप और बढ़ती गर्मी के कारण हरनाटांड़ के अस्पतालों में हीट स्ट्रोक के मरीजों की संख्या बढ़ी है। लोग गर्मी से बचने के लिए ठंड पेय पदार्थों का उपयोग करते देखे जा रहे हैं। कोरोना काल में एहतियात के साथ लोग गर्मी से राहत पाते देखे जा रहे हैं। भयंकर गर्मी और तपती धूप की वजह से बड़ों में टाइफाइड व बच्चों में डायरिया का भी प्रकोप है। जिसके चलते चिकित्सक गर्मी में बच्चों व बड़ों को एहतियात बरतने की सलाह दे रहे हैं। विगत दिनों बारिश से राहत मिली थीं लेकिन उसके बाद कि धूप और प्रचंड गर्मी कहर बरपा रही है। जिसके कारण बीमारियों का प्रकोप भी बढ़ गया है। गर्म हवा के थपेड़ों ने लोगों का जीना मुहाल कर दिया है। तेज धूप में जहां लोगों की त्वचा झुलस रही और लोग हीट-स्ट्रोक का शिकार हो रहे हैं। वहीं इस तपती धूप और उमस भरी गर्मी से बच्चे भी बेचैन हैं। इस गर्मी से हर कोई बेहाल है। हम बड़े तो फिर भी अपनी सुरक्षा और बचाव के लिए कुछ उपाय कर लेते हैं, लेकिन बच्चे अक्सर खेलकूद के दौरान सबकुछ भूल जाते हैं और एक साल से कम के बच्चे तो अपनी तकलीफ बता भी नहीं पाते। ऐसे में अगर माता पिता ध्यान न दें तो इस गर्मी में बच्चों की तबीयत भी खराब हो सकती है। लिहाजा तपती गर्मी बच्चों को बीमार न कर दे इसके लिए उन्हें काफी कुछ चीजों का ध्यान रखना होता है। बच्चों को खूब पिलाएं पानी : हरनाटांड़ के चिकित्सक नवजात शिशु एवं बाल रोग विशेषज्ञ डॉ. कृष्णा मोहन प्रसाद ने बताया कि गर्मी के मौसम में संक्रामक रोगों का दौर शुरू हो जाता है। ऐसे में बच्चों का पाचनतंत्र कमजोर हो जाता है। जिसकी वजह से अक्सर बच्चे उल्टी-दस्त, निर्जलीकरण से ग्रस्त हो जाते हैं। अभिभावकों को बच्चों के प्रति विशेष सावधानी बरतनी चाहिए। एहतियात के तौर पर बच्चों को ओआरएस के घोल पिलाना चाहिए। साथ ही बच्चों के खानपान का पूरा ख्याल रखें। बच्चों को हल्का, सुपाच्य और ताजा भोजन दें। इस बात की निगरानी भी करें कि वे बाहर का कुछ न खाएं। साफ-सफाई का भी पूरा ख्याल रखना चाहिए। शिशु को कुछ भी खिलाने से पहले हाथ अच्छे से जरूर धो लें, क्योंकि डायरिया पैदा करने वाला विषाणु हाथों के जरिए शरीर में प्रवेश कर जाता है। डॉ. प्रसाद कहते हैं कि गर्म मौसम में, हो सकता है आपका शिशु ज्यादा बार स्तनपान करना चाहे। वह एक बार में शायद थोड़ी मात्रा में दूध पी रहा होगा। आपके स्तन के दूध से उसे पर्याप्त तरल मिल जाएगा, क्योंकि इस तरह थोड़ी-थोड़ी मात्रा में दूध पीने से उसे अतिरिक्त अग्रदूध मिल जाता है। यह बाद में आने वाले वसा समृद्ध दूध से ज्यादा पतला और अधिक तरोताजा बनाने वाला होता है। इसलिए शिशु को, जब वह चाहे, जितनी बार चाहे, स्तनपान करने दें।

नवजात से लेकर 6 महीने से अधिक उम्र तक के बच्चों का रखें इस तरह ख्याल : जहां तक संभव हो अपने नवजात शिशु को धूप में लेकर बाहर निकलने से बचें। सुबह 9 बजे से पहले और शाम में 6 बजे के बाद ही बच्चे को घर से बाहर निकालें। - अगर बाहर जाना बहुत जरूरी हो तो बच्चे को अच्छी तरह से कवर करें और बच्चे को ऐसे कपड़े पहनाएं जो बेहद हल्का हो ताकि बच्चे को बहुत ज्यादा पसीना न निकले। - गर्मियों में बच्चे के शरीर में पानी की कमी न हो इसलिए उन्हें नियमित रूप से स्तनपान कराते रहें। अगर आप चाहें तो उन्हें थोड़ा बहुत बॉटल का दूध भी पिला सकते हैं ताकि उनका गला न सूखे। - गर्मियों में डायपर की वजह से रैशेज का भी खतरा रहता है। लिहाजा जहां तक संभव हो बच्चे को कपड़े वाला डायपर पहनाएं। अगर आप आप बच्चे को डिस्पोजेबल डायपर पहना भी रहे हैं तब भी बीच में कुछ देर के लिए डायपर जरूर खोल दें ताकि स्किन को ब्रीदिग टाइम मिले। - नवजात शिशु को हीट स्ट्रोक से बचाने के लिए उन्हें कमरे के ठंडे हिस्से में रखें। इसका इसका मतलब यह नहीं कि आप उन्हें सीधे कूलर या एसी के सामने रखें।

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