शेरहवा देवराज के लोगों को सताने लगा बाढ़ का डर, कई पंचायतों का मिट चुका है अस्तित्व

बगहा। जोगिया पंचायत के शेरहवा देवराज के ग्रामीणों को फिर एक बार बाढ़ का डर सताने लगा

By JagranEdited By: Publish:Wed, 19 May 2021 11:52 PM (IST) Updated:Wed, 19 May 2021 11:52 PM (IST)
शेरहवा देवराज के लोगों को सताने लगा बाढ़ का डर, कई पंचायतों का मिट चुका है अस्तित्व
शेरहवा देवराज के लोगों को सताने लगा बाढ़ का डर, कई पंचायतों का मिट चुका है अस्तित्व

बगहा। जोगिया पंचायत के शेरहवा देवराज के ग्रामीणों को फिर एक बार बाढ़ का डर सताने लगा है। पूर्व के बाढ़ का दर्दनाक दृश्य फिर से आंखों के सामने आने लगा है। बरसात शुरू होने में केवल एक माह ही बचा है। लेकिन बांध बनाने की कोई भी उम्मीद नहीं दिख रही है। चंपारण की शोक कही जानी वाली नदी मसान अपने उद्गम से लेकर मुहाना तक बरसात के दिनों में केवल उत्पात ही मचाती है। अब तक दर्जनों गांवों का अस्तित्व इस नदी के तांडव के कारण मिट चुका है। शिवालिक श्रेणियों से निकलने के बाद रामनगर प्रखंड के दोन के दोनों पंचायतों नौरंगिया दोन तथा बनकटवा करमहिया में अपना रौद्र रूप दिखाती हुई यह नदी गुदगुदी पंचायत में प्रवेश करती है। खटौरी, सपही भावल , डैनमारवा , महुई पंचायतों में अपना तांडव दिखाती हुए देवराज के जोगिया पंचायत में प्रवेश करती है। यहां इसके जद में बगहा प्रखंड के भी दर्जनों गांव आ जाते हैं। गत वर्ष आई बाढ़ में जोगिया पंचायत का शेरहवा देवराज गांव को काफी क्षति पहुंची थी। गांव में भी बाढ़ का पानी पहुंच गया था। कच्चे मकानों व घर में रखे सामान को काफी क्षति पहुंची थी। लगभग चार सौ मीटर मुख्य पक्की सड़क नदी के गर्म में चली गई। शेरहवा , बहुअरी गांवों के लोगों को कई रातों तक जग कर समय गुजारना पड़ा था।

मुख्य सड़क का कटाव हो जाने के कारण एक सप्ताह तक आवागमन बाधित रहा। मरीजों को कंधे पर तथा चारपाइयों पर लादकर अस्पताल ले जाना पड़ा था। स्थानीय प्रशासनिक स्तर पर आधा-अधूरा कटाव रोधी कार्य भी किया गया था। उस समय उक्त स्थल पर पहुंचे पदाधिकारियों द्वारा बांध बनाने का आश्वासन भी मिला था। इतने अरसे गुजरने के बाद भी किसी पदाधिकारी का ध्यान नहीं जाने पर गांव के लोग काफी चितित हैं। जोगिया पंचायत के मुखिया रेयासत हुसैन ने कहा कि मसान नदी से हर साल पंचायत को काफी बर्बादी होती है। सरकार द्वारा इस बर्बादी को रोकने का कोई प्रयास नहीं किया गया है। बांध बनाने का हर साल आश्वासन ही मिलता है। कहते हैं लोग बांध का आश्वासन देकर पदाधिकारियों ने उन्हें ठगने का कार्य किया है। अगर अविलंब बांध नहीं बना तो बाढ़ के समय खैरटिया प्राथमिक विद्यालय तथा शेरहवा गांव नदी में विलीन हो जाएंगे। मो. इबरान, ग्रामीण क्षतिग्रस्त मुख्य सड़क की मरम्मत नहीं होना तथा बांध का नहीं बनना गांव वालों के साथ धोखा है। गांव वालों को अब तक केवल आश्वासन ही मिला है। बाढ़ के आने वाले खतरे का आकलन कर मन काफी भयभीत है।

ताहिर हुसैन, ग्रामीण इस इस समस्या से आलाधिकारियों को अवगत कराया गया है। अभियंताओं के दल द्वारा इस स्थल का भौगोलिक निरीक्षण भी किया गया है। पुन: आलाधिकारियों को आगामी संभावित बाढ़ की विभीषिका से अवगत कराया जाएगा। बरसात के पहले यदि इस स्थल पर बांध नहीं बना तो बाढ़ के दौरान गांव को काफी क्षति होगी।

विनोद कुमार मिश्र, अंचलाधिकारी

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